किसान आंदोलन: सरकार ने गांव-सवेरा और किसान नेताओं के सोशल मीडिया पेज बैन किये!

बाढ़ के कारण खराब हुई फसलों के मुआवजे को लेकर 22 अगस्त को चंडीगढ़ में धरना देने के कार्यक्रम की कवरेज कर रहे गांव-सवेरा के फेसबुक पेज और ट्विटर पेज को निशाना बनाया गया. 21 अगस्त को गांव-सवेरा का फेसबुक पेज भारत में बैन किया गया. गांव सवेरा फेसबुक पेज को एक लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते थे जिसकी रीच मिलियंस में थी. वहीं अगले ही दिन गांव सवेरा के ट्विटर अकाउंट को भी कर दिया गया. इसके साथ ही किसान नेताओं और खेती किसानी से जुड़े एक्टिविस्ट के भी सोशल मीडिया अकाउंट को भी निशाना बनाया गया है.
गांव सवेरा के पत्रकार मनदीप पुनिया किसानों के चंडीगढ़ कूच को लगातार कवर कर रहे थे. किसान आंदोलन की सारी अपडेट गांव सवेरा के जरिए पूरे देश के किसानों तक पहुंच रही थी वहीं सरकार ऐसा नहीं चाहती है कि किसानों तक उनके संघर्ष की घटनाएं पहुंचे जिसके चलते सरकार की ओर से गांव सवेरा के सोशल मीडिया अकाउंट को भारत में बैन किया गया है. वहीं इसके साथ ही किसान संगठनों और किसान नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट भी भारत में बैन कर दिये गए हैं.

खेती किसानी पर लिखने वाले कृषि विशेषज्ञ रमनदीप मान का टविटर अकाउंट भी बैन कर दिया गया है. रमनदीप मान आए दिन खेती किसानी से जुड़े मुद्दों और सरकारी योजनाओं की पेचीदगियों को सरल भाषा में किसानों तक पहुचाने की काम करते हैं इसके साथ रमनदीप मान भी पिछले दो दिनों से किसानों के चंडीगढ़ कूच की पोस्ट अपने अकाउंट पर डाल रहे थे.

वहीं भारतीय किसान यूनियन कारी संगठन के नेता सुरजीत सिंह फूल का टविटर अकाउंट भी 22 अगस्त की सुबह बैन किया गया है. सुरजीत सिंह फूल भी अपने टविटर अकाउंट से किसानों को चंडीगढ़ कूच को लेकर दिशा निर्देश दे रहे थे जिसके चलते उनका भी अकाउंट बैन कर दिया गया है.

गांव-सवेरा के सोशल मीडिया पेज बंद किये जाने पर वरिष्ठ पत्रकार ने ट्विट में लिखा
वहीं पहलवान बजरंग पुनिया ने भी गांव सवेरा के पेज को बैन किए जाने की निंदा करते हुए ट्वीट किया.
इसके साथ ही पहलवान साक्षी मालिक ने भी सरकार के इस एक्शन की निंदा करते हुए ट्वीट किया
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