गेहूं के दाम में आई रिकॉर्ड तेजी के बाद केंद्र सरकार ने अपने भंडार से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने का फैसला लिया है. केंद्र सरकार की ओर से 30 लाख टन गेहूं की बिक्री ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSL) के जरिए होगी.
सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार विशेष ओपन मार्केट सेल स्कीम योजना के तहत खरीदार की बिक्री इस मकसद से की जाएगी कि वे इसका आटा तैयार करके 29.50 पैसे प्रति किलो अधिकतम खुदरा मूल्य (एमएसपी) पर बिक्री करें. बयान में कहा गया है कि योजना के तहत फ्लोर मिलर्स, थोक खरीदारों को ई नीलामी के माध्यम से गेहूं बेचा जाएगा. एक खरीदार को एक नीलामी में एफसीआई से अधिकतम 3 हजार टन गेहूं मिलेगा. इसके अलावा राज्य सरकारों व केंद्र शासित प्रदेशों को बिना ई-नीलामी के गेहूं उपलब्ध करवाया जाएगा.
इसके अलावा सरकारी पीएसयू, कोऑपरेटिव, केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ आदि को भी बिना ई-नीलामी के 2,350 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं उपलब्ध करवाया जाएगा. वहीं सरकार की ओर से निजी ट्रेडर्स के लिए भी गोदाम खोलने का फैसला किया गया है.
बता दें कि बाजार में इस वक्त गेहूं की कीमत 31-32 रुपये किलो तक पहुंच गई है. बिजनैस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार ट्रेडर्स ने कहा, ‘बिक्री शुरू होते ही बाजार भाव में कम से कम 2 रुपये किलो कमी आ सकती है’ उन्होंने कहा कि ज्यादातर गेहूं पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश में पड़ा है, जहां से गेहूं फ्लोर मिलर्स और आटा बनाने वालों को बेचा जाएगा. उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह बिक्री खुलने की संभावना है.
आंकड़ों के अनुसार 1 जनवरी, 2023 को केंद्रीय पूल में भारत का गेहूं का अनुमानित स्टॉक करीब 171.7 लाख टन था, जो जरूरी रणनीतिक भंडार से 24.4 प्रतिशत ज्यादा है. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने 19 जनवरी को कहा था कि गेहूं और आटे की खुदरा कीमतें बढ़ गई हैं और सरकार जल्द ही बढ़ती दरों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाएगी. ओएमएसएस नीति के तहत सरकार समय-समय पर थोक उपभोक्ताओं और निजी व्यापारियों को खुले बाजार में पूर्व-निर्धारित कीमतों पर खाद्यान्न, विशेष रूप से गेहूं और चावल बेचने के लिए सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को अनुमति देती रही है. इसका उद्देश्य जब खास अनाज का मौसम न हो, उस दौरान इसकी आपूर्ति बढ़ाना और सामान्य खुले बाजार की कीमतों पर लगाम लगाना है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने बजट सत्र के दौरान 15 से 22 मार्च के बीच मार्च टू पार्लियामेंट का आयोजन करने का प्रस्ताव पास किया. दिल्ली संसद मार्च की तारीख का एलान 9 फरवरी को कुरुक्षेत्र की मीटिंग में किया जाएगा.
गुरनाम चढ़ूनी ने कहा, "अमित शाह की रैली के दौरान कोई प्रदर्शन नहीं किया जाएगा. लेकिन आने वाले चुनावों में बीजेपी का विरोध करने का भी सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया
20 जनवरी तक, प्रति परिवार दिया गया औसत रोजगार 2021-22 में 50 दिनों के मुकाबले 42 दिन,2020-21 में 52 दिन, 2019-20 में 48 दिन और 2018-19 में 51 दिन
किसानों ने अम्बाला में नारायणगढ़ शुगर मिल के बाहर धरना दिया. सोनीपत के गोहाना में आहुलाना शुगर मिल पर ताला जड़कर किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की तो वहीं किसानों का शाहबाद शुगर मिल और करनाल शुगर मिल पर भी धरना जारी है. किसान गन्ने के रेट को बढ़ाकर 450 रुपए करने की मांग कर रहे
किसानों ने आरोप लगाया कि 'मोदी सरकार निजीकरण के नाम पर लगातार सरकार और सार्वजनिक संस्थानों को पूंजीपतियों को बेच रही है, जिससे जनता का इस सरकार पर से विश्वास उठ गया
हनुमानगढ़ जिले के एक गांव के रायसिंह जाखड़ बंसरीवाला ने दुख व्यक्त किया कि ठंड और पाले के कारण उनकी सरसों की लगभग 40 प्रतिशत फसल नष्ट हो गई. शीत लहर और बारिश फसल के लिए विनाशकारी साबित हुई है.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था काफी जटिल है. इसमें कृषि के साथ उद्योग और सेवाएं भी हैं. लेकिन वहां ज्यादातर गतिविधियां असंगठित क्षेत्र में होती हैं. इनमें शहरी इलाकों की तुलना में आमदनी कम होती है. यही कारण है कि देश की 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण होने के बावजूद सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उनका योगदान शहरी क्षेत्रों की तुलना में बहुत कम
ग्रामीणों ने कहा, "चौटाला में सीएचसी के बाहर लगभग तीन सप्ताह तक धरना दिया जिसपर कोई सुनवाई नहीं हुई जिसके बाद हम लोग अपने गांव से करनाल तक करीबन 300 किलोमीटर पैदल मार्च करने को मजबूर हुए
नरेगा संघर्ष मोर्चा ने दावा किया कि राज्य में मनरेगा मजदूरों को पिछले साल दिसंबर से मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है. राज्य के 7,500 करोड़ रुपये के मनरेगा बकाया में से मजदूरों की 2,744 करोड़ रुपये लंबित
मजदूरों की प्रमुख है कि उन्हें मनरेगा के तहत साल भर काम दिया जाए और न्यूनतम मजदूरी 700 रुपए निर्धारित की
चुनाव आयोग ने विकास एवं पंचायत विभाग को पत्र लिखकर 22 सितंबर तक आरक्षित सीटों का ब्योरा देेने की बात कही है. ऐसे में अगर पंचायत विभाग 22 सितंबर तक चुनाव आयोग को जानकारी नहीं दे पाया तो 30 सितंबर तक चुनाव होने की कोई संभावना नहीं
स्कूली छात्रों ने आरोप लगाया कि स्कूल में पहले से ही शिक्षकों की कमी थी लेकिन सरकार की ट्रांसफर ड्राइव योजना के बाद अब स्कूल में केवल दो शिक्षक रह गए हैं. गांव के सरकारी स्कूल में 300 बच्चे पढ़ते हैं लेकिन 300 बच्चों पर केवल दो अध्यापक हैं.
फसल नुकासन के मुआवजे की मांग, जुमला मालिकान, देह शामलात जमीनों के अधिग्रहण और गन्ना किसानों के 62 करोड़ बकाया राशि के भुगतान के लिए मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया
नहर में गणेश मूर्ति विसर्जन करने के गए महेंद्रगढ़ में चार, सोनीपत में तीन की मौत.
सरकार का दावा है कि इस कानून से शामलात जमीनों की अवैध खरीद-फरोख्त बंद हो जाएगी और सरकार के द्वारा उन्हें अब मालिकाना हक नहीं दिया
प्राइवेट माइनिंग फर्म ने अधिकारियों के साथ मिलकर क्षमता से छह गुना ज्यादा खनन करके 35 करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया
जिस सेब के लिए किसानों को 60 रुपये किलो का भाव दिया जा रहा है उसी क्वालिटी का सेब देश की राजधानी में प्राइवेट कंपनियां 500 रुपए प्रतिकिलो तक बेच रही
किसान आदमपुर के तहसील कार्यालय में पिछले तीन महीने से कपास की फसल के नुकसान के मुआवजे की मांग को लकेर धरना दे रहे हैं.
भारत में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में मुख्यतया तीन प्रकार के कुपोषण पाए जाते है. एनएफएचएस-5 के नतीजे बताते हैं कि किस तरह बीते पांच सालों में बच्चों में स्टंटिंग, वेस्टिंग और कम वजन की स्थिति सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बने हुए
सर्वे में पाया गया कि 20 फीसदी उपभोक्ताओं ने दूध की मात्रा कम करने की बात स्वीकार की है जिसका मुख्य कारण लगातार दूध की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को माना गया
लंपी बीमारी से हरियाणा के 4286 गांव प्रभावित हैं. प्रदेश में संक्रमित पशुओं की संख्या 84766 पहुंच गई है. इनमें से 75080 गायें संक्रमित हैं और 145 भैसें भी इस बीमारी से ग्रस्त हो गई
हरियाणा बेरोजगारी में एक बार फिर पहले स्थान पर रहा है. सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त के दौरान हरियाणा में सबसे ज्यादा 37.3 प्रतिशत बेरोजगारी
देविंदर शर्मा कहते हैं कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मोटे अनाज की खरीद हो, ताकि मोटा अनाज उगाने वाले किसान को उचित दाम मिल
किसानों का कहना है कि टमाटर के दाम गिरने से खेती पर किया गया खर्च भी पूरा नहीं हो रहा है. दाम घटने की वजह से टमाटर की खेती अब किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है.
दुनिया भर में हर साल जहरीले सर्पदंश से होने वाली लगभग एक लाख मौतों में से आधी भारत में होती
मृतक किसान के परिजनों ने आरोप लगाया कि हमारे पास कोर्ट के सारे कागजात हैं हमने अधिकारियों को सारे कागजात दिखाए लेकिन वो नहीं माने और खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलवा
पीएसी द्वारा जारी रिपोर्ट में सामने आया है कि इंडिया स्टेट ऑफ फारेस्ट सर्वे की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में 2 साल के भीतर 140 स्क्वायर किलोमीटर ट्री कवर घटा है, जबकि पौधारोपण के लिए सालाना 40 से 50 करोड़ रूपए खर्च किये जाते रहे हैं.
देह शामलात व जुमला मालकन भूमि किसानों से छीनने के आदेश के खिलाफ 26 अगस्त तक किसानों की मंत्रियों के घर के बाहर पंचायत जारी
दूध के दाम बढ़ने के बाद भी दूध उत्पादन करने वाले किसानों को लाभ नहीं मिल रहा है. सारा मुनाफा जनता की जेब से सीधा दूध कंपनी की तिजोरियों में जा रहा है.
"धान फसल में बौनेपन का मुख्य कारण टूँगरो वायरस कम्पलेक्स है. जिसका प्रकोप मुख्यता प्राईवेट कम्पनियो के बिना टेस्ट किये हाईब्रीड व नकली बीज सीधे किसानों को बेचने से बढा
युवा किसान संगठन के रविंद्र चौधरी बताते हैं कि भारत सरकार की एक्सपोर्ट पॉलिसी में लहसुन पर कोई प्रावधान नहीं होने से इसे खुले बाजार में ही छोड़ दिया गया है, यह न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में भी नहीं आती, इससे लहसुन के किसान बहुत संकट में
सबसे चौंकाने वाली बात है कि भिवानी, चरखी दादरी और पंचकूला को छोड़कर बाकी 19 जिलों में दवा का स्टॉक खत्म हो चुका है. विभाग के पास लंपी वायरस से निपटने के लिए दवा तक नहीं है.
फिरोजपुर, गुरदासपुर, फतेहगढ़ साहिब, रोपड़ और एसबीएस नगर में सप्लीमेंट्री न्यूट्रिशन प्रोग्राम के फंड में करोड़ों रुपए की धांधली सामने आई है. गरीब बच्चों और महिलाओं को कम गुणवत्ता का पोषक आहार मिल रहा
गांव वालों की प्रमुख मांग है कि 1857 की क्रांति में अंग्रेजों द्वारा नीलाम की गई जमीन को गांव वालों को सौंपा जाए और रोहनात गांव को शहीद गांव का दर्जा दिया
सरकार का तर्क है कि कम बच्चों वाले स्कूलों को तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले बड़े स्कूल में मिलाकर अध्यापकों की कमी को पूरा किया जा सकेगा. लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि बंद होने जा रहे स्कूलों की बिल्डिंग और जमीन का प्रयोग किस काम के लिये किया
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा, "राज्य चुनाव आयोग की ओर से चुनाव की तारीख को लेकर कोई अधिसूचना जारी नहीं की है. इसलिए इस तरह की अफवाहों पर ध्यान न
एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की क्षमता 80,000 से 1,20,000 लोगों की है जबकि जुलाई 2021 तक के आंकड़े बताते हैं कि एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर 1,63,298 लोग निर्भर हैं.
लम्पी स्किन डिजीज (LSD) कैप्रीपोक्सवायरस नामक वायरस के कारण होता है और "दुनिया भर में पशुधन के लिए एक उभरता हुआ खतरा"
किसानों, नौजवानों और पूर्व सैनिकों के संयुक्त मोर्चे की मांग है कि अग्निपथ योजना को तत्काल वापस लिया जाए और इसके तहत जारी सभी अधिसूचनाओं को वापस लिया जाए। नियमित, स्थायी भर्ती की समय-परीक्षित पद्धति जारी
वर्तमान में, अप्रैल 2020 से 21,850 करोड़ रुपये से अधिक मजदूरी लंबित है, जिसमें से 6,800 करोड़ रुपये का वेतन अकेले इस वर्ष के लिए लंबित
मध्य प्रदेश में 28 जून 2022 तक सामान्य के मुकाबले लगभग 23 प्रतिशत बारिश कम हुई है, जिसकी वजह से जिन किसानों ने समय पर बुवाई कर दी थी, उनकी फसल सूख गई
1920 के दशक की शुरुआत में, ब्रिटिश शोधकर्ता मैल्कम लयाल डार्लिंग ने पंजाब के किसानों पर टिप्पणी कर कहा था, "पंजाब का किसान कर्ज में पैदा होता है, कर्ज में रहता है और कर्ज में ही मर जाता
“साहिल को ज्ञान नगर में शाम को 5 बजे उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह नाइ की दुकान में बाल कटवाने के लिए गया हुआ था. अंकित और गोविंदा दोनों शाम को 6 बजे अपने दोस्तों से मिलने के लिए जा रहे थे तभी वर्दीधारी पुलिस ने उन्हें सड़क पर चलते हुए गिरफ्तार कर
आमतौर पर क्रॉस ब्रीडिंग से जन्मी मुर्राह भैंस औसतन 20-30 लीटर दूध देती है. जबकि भूरी भैंसे 3 से 7 लीटर दूध देती है. जिसकी वजह से लोग भूरी भैंसे छोड़कर मुर्राह भैंस पालने लगे है. दूध उत्पादन के नजरिये से एक मुर्राह भैंस सात देसी भूरी भैंसों के बराबर
30 मई को जब मजदूर नेता पास लेने के लिए दोबारा अधिकारियों से मिले. अधिकारी मुख्यमंत्री से मिलवाने वाली बात से मुकर
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के पांचवें दौर के निष्कर्षों से यह भी पता चला है कि 6-23 महीने की शुरूआती उम्र के 89% बच्चों को "न्यूनतम स्वीकार्य आहार" (मिनिमम एक्सेप्टेबल डाइट) नहीं मिलता
पिछले महीने पलवल जिले में 25 करोड़ रुपये से अधिक के गबन का मामला सामने आ चुका है. यहां विकास कार्यों के लिए 60 करोड़ रुपये के करीब खर्च किए गए. इसमें से 30 से 40 प्रतिशत ऐसे काम हैं, जो ग्राउंड पर हुए ही नहीं. कागजों में काम दिखाए गए और बिल पास करके अधिकारियों ने पैसे हजम कर
यह डम्पिंग स्टेशन बीड़ गांव के बिलकुल साथ बनाया गया है. पूरे हांसी शहर का कूड़ा यहाँ पर डाला जा रहा है. जिस जगह पर इसे बनाया गया है वहाँ पर पहले दो गांवों का जोहड़ होता था. इस जोहड़ की जगह पर अब कूड़े का बहुत बड़ा ढेर हो गया है. इसके साथ ही तीनों गांवों का शमसान घाट है. शमसान घाट के बीच में भी प्रशासन ने कूड़ा डालना शुरू कर दिया जिसकी वजह से शमसान घाट की जगह भी कम होनी शुरू हो
कोमल, वर्षा और अन्य छात्राओं नें टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि आस-पास के 10 किलोमीटर के दायरे में और कहीं भी स्कूल नहीं है. मजबूरी में इस स्कूल में आना पड़ता है. यहाँ भी अध्यापक नहीं
बेशक सरकारी दावे हैं कि 64.54 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में सेवा तैयार हो चुकी हैं। लेकिन जब 17 मार्च को बीबीएनएल की वेबसाइट से एक्टिव ग्राम पंचायत की स्टेटस रिपोर्ट डाउनलोड की तो पाया कि 50 से 55 प्रतिशत कनेक्शन चालू (ऑन) हालत में रहते
कोविड को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया था कि निकट भविष्य में सरकार चुनाव नहीं करवाएगी. ऐसे में अब चुनाव करवाने के लिए न्यायालय की अनुमति आवश्यक
"यह जमीन देवेन्दर काद्यान ने अपने भाई दीपक काद्यान के नाम करवा रखी है, लेकिन सारी डील खुद करता है. देवेन्दर रिश्ते में उपमुख्यमंत्री के जीजा भी
मुख्यमंत्री के आदेश हैं कि जिन जगहों पर पुरानी सीवरेज प्रणाली है, वहां उसी तरह की तकनीक पर आधारित मशीनों से सफाई की जाए और जहाँ पर नई सीवरेज व्यवस्था है, वहां अत्याधुनिक रोबोटिक मशीनों से सफाई करवाई
इसी बीच सरकार अग्निपथ प्रवेश योजना (Agnipath Yojna) लॉन्च करने वाली है, जिसके तहत सेना में तीन साल के लिए संविदा(कॉन्ट्रेक्ट) के आधार पर भर्ती हो सकती
नारनौंद मण्डी में उपमुख्यमंत्री की रैली के सामने ही किसान रैली भी की
घोर गरीबी से धीरे-धीरे ऊपर उठते हुए एक परिवार आमतौर पर क्या करता है? कौन-सी संपत्ति या क्षमता पहले हासिल की जाती है? जैसे-जैसे चीजें सुधरती हैं, बाद के चरणों में कौन-सी अन्य संपत्ति और क्षमताएं हासिल की जाती
विकसित देशों में साक्ष्य के बढ़ते दायरे यह संकेत देते हैं कि गणित सीखने संबंधी परिणामों में महिलाओं के लिए प्रतिकूल स्थिति बनी रहती है और इसके संभावित कारण सामाजिक कारक, सांस्कृतिक मानदंड, शिक्षक पूर्वाग्रह और माता-पिता के दृष्टिकोण आदि से संबंधित होते हैं। यह लेख भारत के राष्ट्रीय स्तर के प्रतिनिधिक आंकड़ों का उपयोग करते हुए, विभिन्न आयु वर्गों में गणित सीखने में मौजूद लैंगिक असमानता को दर्शाता है और यह भी दर्शाता है कि समय के साथ इसके कम होने के कोई प्रमाण भी नहीं मिलते
"चिट्ठियां लिख-लिखकर थक चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अब चुनाव चल रहे हैं, तो जो भी नेता आता है, वो कहता है कि नाली बनवालो-गली बनवालो. हमें नहीं चाहिए नालियां. हमें तो बस इस बीमारी से छुटकारा चाहिए, ताकि कम से कम जिंदा तो रह
कृषि और संबद्ध गतिविधियों का कुल बजट पिछले साल के 4.26% से घटकर अब 3.84% हो गया
लेखक परिचय: श्रेया बिस्वास, अर्थशास्त्र और वित्त विभाग, बिट्स पिलानी, हैदराबाद कैंपस में सहायक प्रोफेसर हैं। रितिका जैन सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज, त्रिवेंद्रम में सहायक प्रोफेसर
अधिकारी (एसपीओ) एसपी यादव ने कहा कि इस मामले में अब तक सात किसानों को गिरफ्तार किया जा चुका
ग्रामीण इलाकों में 42% लोगों के पास पक्के मकान थे और 50% लोगों के पास आधा पक्का आधा कच्चा घर था. वहीं 8% लोग कच्चे घरों में रह रहे
उत्तर प्रदेश के चुनावों में कोई भी जोखिम लेने से भाजपा बचना चाहती है क्योंकि दिल्ली की केंद्र की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही जाता है। वहीं राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज होती जा रही है कि भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश में दोबारा सत्ता हासिल करना उतना आसान नहीं है जितना दिखाने की कोशिश हो रही
एक बुजुर्ग पड़ोसी ने बताया,"मकान गिरने के बाद विधायक ने आश्वासन दिया था कि वो मकान देखने आएंगे लेकिन न तो विधायक आए और न ही प्रशासन के लोग. अगर प्रशासन के लोग आकर कुछ आर्थिक मदद कर जाते तो यह घटना न
"किसान, मजदूर, कर्मचारी, दुकानदार और छोटे व्यापारियों को चौपट होने से बचाने के लिए तीन नये कृषि कानूनों का विरोध जरुरी है. रेवाड़ी के किसान मिलकर 27 सितंबर के भारत बंद को सफल
सेब खरीदने वाली अदानी एग्री फ्रेश कंपनी ने सेब किसानों को झटका दिया है. कंपनी ने जो दाम तय किए हैं, उन्हें सुनकर बागवानों में निराशा है. पिछले साल की तुलना में इस बार प्रतिकिलो के हिसाब से 16 रुपये कम दाम तय किए
“क्या खोरी गांव की उसी जमीन पर जंगल बनाना जरूरी है जहां पिछले 50 साल से लोग रह रहे हैं, क्या खाली पड़ी जमीनों पर जंगल नहीं बनाए जा सकते, जब कॉलोनी काटी जा रही थी, लोग अपने मकान बना रहे थे तब सरकार और प्रशासन कहां
पांच ट्रिलियन इकॉनमी के सपने देखने वाले देश में एक पांच साल की मासूम अंजलि की पीने का पानी न मिलने के चलते मौत हो गई. अंजलि का दादी ने बताया, “हम जब भी इस रास्ते से जाते थे तो हमेशा पानी की बोतल साथ रखते थे. इस बार पानी की बोतल साथ लेना भूल गए और रास्ते में कहीं पर भी पीने का पानी नहीं
विकास को लेकर महात्मा गांधी जी ने कहा था कि जब भी कोई काम हाथ में लें तो यह ध्यान में रखें कि इससे सबसे गरीब और समाज के सबसे अंतिम या कमजोर व्यक्ति का क्या लाभ होगा? लेकिन विडंबना है कि आज तक हमारी सरकारें महात्मा गान्धी के इस कथन को लागू नहीं कर सकीं। जिसके चलते इन लोगों तक सरकारी योजनाओं का कोई लाभ नहीं पहुंच पा रहा है।
कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए पूसा कृषि मेले में महामारी संबंधी सुरक्षा नियमों का पालन किया
किसानों ने उत्पादन से लेकर ग्राहकों को खाद्यान्नों की आपूर्ति का पूरा तंत्र अपने बूते विकसित किया
2017 के अप्रैल से लेकर अब तक इस हेल्पलाइन के जरिए तकरीबन 4,000 किसानों की मदद की गई
दुनिया में कई क्षेत्रों में व्यापक बदलाव लाने की संभावनाओं से भरे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए भारत की कृषि में क्या संभावनाएं
स्थानीय किसानों और महिलाओं ने तीन साल के अंदर ही बदल दी गांव की खेती की
लोकसभा चुनावों से ठीक पहले युवा किसानों के एक समूह ने ‘कर्जदार किसान’ हैशटैग को ट्विटर पर सफलता से ट्रेंड