संयुक्त किसान मोर्चा ने बजट सत्र के दौरान 15 से 22 मार्च के बीच मार्च टू पार्लियामेंट का आयोजन करने का प्रस्ताव पास किया. दिल्ली संसद मार्च की तारीख का एलान 9 फरवरी को कुरुक्षेत्र की मीटिंग में
गुरनाम चढ़ूनी ने कहा, "अमित शाह की रैली के दौरान कोई प्रदर्शन नहीं किया जाएगा. लेकिन आने वाले चुनावों में बीजेपी का विरोध करने का भी सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया
किसानों ने अम्बाला में नारायणगढ़ शुगर मिल के बाहर धरना दिया. सोनीपत के गोहाना में आहुलाना शुगर मिल पर ताला जड़कर किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की तो वहीं किसानों का शाहबाद शुगर मिल और
किसानों ने आरोप लगाया कि 'मोदी सरकार निजीकरण के नाम पर लगातार सरकार और सार्वजनिक संस्थानों को पूंजीपतियों को बेच रही है, जिससे जनता का इस सरकार पर से विश्वास उठ गया
हनुमानगढ़ जिले के एक गांव के रायसिंह जाखड़ बंसरीवाला ने दुख व्यक्त किया कि ठंड और पाले के कारण उनकी सरसों की लगभग 40 प्रतिशत फसल नष्ट हो गई. शीत लहर और बारिश फसल के लिए विनाशकारी साबित हुई है.
फर्जी गेट पास पर धान की खरीद और दूसरे राज्यों से धान आने की खबर के बाद टीम का गठन किया गया. रिपोर्ट में सामने आया कि स्टॉक में 2,630.82 क्विंटल धान और14.61 क्विंटल चावल कम मिला
ग्रामीण अर्थव्यवस्था काफी जटिल है. इसमें कृषि के साथ उद्योग और सेवाएं भी हैं. लेकिन वहां ज्यादातर गतिविधियां असंगठित क्षेत्र में होती हैं. इनमें शहरी इलाकों की तुलना में आमदनी कम होती है. यही
इस दौरान किसान, मुख्यमंत्री मनोहर लाल का पुतला भी फूकेंगें. बता दें कि विधानसभा में विपक्ष की मांग को नकारते हुए सरकार ने गन्ने के पुराने दाम 362 रुपए प्रति क्विंटल के आधार पर ही गन्ना खरीदने की
"सरकारी संस्थान, किसानों को कपास और सरसों जैसी फसलों के अच्छे बीज उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं जिसके कारण, किसान निजी कंपनियों के शिकार हो रहे हैं. हरियाणा और पंजाब में ऐसे उदाहरण हैं जहां खराब
उर्वरक विभाग के आंकड़ों मुताबिक चालू साल में अप्रैल से अक्तूबर, 2022 के दौरान यूरिया की बिक्री में 3.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं इसी अवधि में डीएपी की बिक्री में 16.9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज
हरियाणा के किसानों ने लखीमपुर खीरी की दुखद घटना के चश्मदीद गवाहों पर हमले की निंदा की.
जीएम सरसों के उत्पादन से पैदावार बढ़ाने और खाद्य तेल पर विदेशी आयात पर निर्भरता कम करने के दावे किए जा रहे हैं।
"ये सड़ा हुआ अनाज बड़ी बड़ी कंपनियों को एथॉनोल बनाने के लिए कौड़ियों के भाव देने के लिए ऐसा किया गया है. जो थोड़ा सही हालत में है उसे देसी शराब फैक्ट्रियों को दे
सरकार को एक विशेष गिरदावरी (सर्वेक्षण) करना चाहिए और किसानों को राज्य भर में पिछले दिनों हुई भारी बारिश के कारण हुई फसल के नुकसान की भरपाई करनी
आढ़ती 19 सितंबर को मंडी स्तर पर और 20 सितंबर को विधायकों के आवास पर विरोध प्रदर्शन करेंगे. वहीं 21 सितंबर को करनाल में राज्य स्तरीय विरोध मार्च निकाला जाएगा, जिसमें आढ़ती मुख्यमंत्री कार्यालय का
खराब फसलों की गिरदावरी और गन्ना बकाया भुगतान को लेकर भी सकारात्मक बात हुई. वहीं सीएम ने वादा किया कि वर्तमान सत्र में चीनी बिक्री से होने वाली आय से किसानों के बकाया गन्ना बिलों का किया
फसल नुकासन के मुआवजे की मांग, जुमला मालिकान, देह शामलात जमीनों के अधिग्रहण और गन्ना किसानों के 62 करोड़ बकाया राशि के भुगतान के लिए मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया
निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के एक महीने बाद ही प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया को खिलाने के लिए भारतीय स्टॉक का उपयोग करने की पेशकश
सरकार का दावा है कि इस कानून से शामलात जमीनों की अवैध खरीद-फरोख्त बंद हो जाएगी और सरकार के द्वारा उन्हें अब मालिकाना हक नहीं दिया
जिस सेब के लिए किसानों को 60 रुपये किलो का भाव दिया जा रहा है उसी क्वालिटी का सेब देश की राजधानी में प्राइवेट कंपनियां 500 रुपए प्रतिकिलो तक बेच रही
किसान आदमपुर के तहसील कार्यालय में पिछले तीन महीने से कपास की फसल के नुकसान के मुआवजे की मांग को लकेर धरना दे रहे हैं.
सर्वे में पाया गया कि 20 फीसदी उपभोक्ताओं ने दूध की मात्रा कम करने की बात स्वीकार की है जिसका मुख्य कारण लगातार दूध की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को माना गया
महंगाई के खिलाफ हल्ला बोल रैली में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार जो तीन कृषि कानून लेकर आई थी वो किसानों के लिए नहीं थे तीनों कृषि कानून उद्योगपतियों के लिए लाए
लंपी बीमारी से हरियाणा के 4286 गांव प्रभावित हैं. प्रदेश में संक्रमित पशुओं की संख्या 84766 पहुंच गई है. इनमें से 75080 गायें संक्रमित हैं और 145 भैसें भी इस बीमारी से ग्रस्त हो गई
कपास की फसल में गुलाबी सुंडी के नियंत्रण के लिए सभी हितधारकों को मिलकर काम करना होगा.
देविंदर शर्मा कहते हैं कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मोटे अनाज की खरीद हो, ताकि मोटा अनाज उगाने वाले किसान को उचित दाम मिल
किसानों का कहना है कि टमाटर के दाम गिरने से खेती पर किया गया खर्च भी पूरा नहीं हो रहा है. दाम घटने की वजह से टमाटर की खेती अब किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है.
एक ओर सेब किसान और बागवान सेब की कम कीमत मिलने के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. वहीं इस बीच अडानी की कंपनी एग्रोफ्रेस ने एक बार फिर सेब के दाम घटा दिए हैं. इस बार सेब के दाम में 2 रुपए प्रतिकिलो की कमी
मृतक किसान के परिजनों ने आरोप लगाया कि हमारे पास कोर्ट के सारे कागजात हैं हमने अधिकारियों को सारे कागजात दिखाए लेकिन वो नहीं माने और खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलवा
पीएसी द्वारा जारी रिपोर्ट में सामने आया है कि इंडिया स्टेट ऑफ फारेस्ट सर्वे की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में 2 साल के भीतर 140 स्क्वायर किलोमीटर ट्री कवर घटा है, जबकि पौधारोपण के लिए
देह शामलात व जुमला मालकन भूमि किसानों से छीनने के आदेश के खिलाफ 26 अगस्त तक किसानों की मंत्रियों के घर के बाहर पंचायत जारी
दूध के दाम बढ़ने के बाद भी दूध उत्पादन करने वाले किसानों को लाभ नहीं मिल रहा है. सारा मुनाफा जनता की जेब से सीधा दूध कंपनी की तिजोरियों में जा रहा है.
"धान फसल में बौनेपन का मुख्य कारण टूँगरो वायरस कम्पलेक्स है. जिसका प्रकोप मुख्यता प्राईवेट कम्पनियो के बिना टेस्ट किये हाईब्रीड व नकली बीज सीधे किसानों को बेचने से बढा
युवा किसान संगठन के रविंद्र चौधरी बताते हैं कि भारत सरकार की एक्सपोर्ट पॉलिसी में लहसुन पर कोई प्रावधान नहीं होने से इसे खुले बाजार में ही छोड़ दिया गया है, यह न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे
विशेषज्ञ कमजोर मानसून को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं. धान के बड़े रकबे वाले राज्यों में कमजोर मानसून भविष्य में अनाज के दामों में उछाल का बड़ा कारण हो सकता
दिल्ली पहुंचे किसानों ने गांव-सवेरा के पत्रकार मनदीप पुनिया को बताया कि दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद भी पुलिस ने हमारा रास्ता रोकने की कोशिश
संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक ने कहा यदि सरकार किसी भी तरह का व्यवधान डालने का प्रयास करेगी तो उसके लिए सरकार खुद जिम्मेदार होगी.
दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाली पंचायत में जहां एक ओर किसान भारी संख्या में पहुंच रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दिल्ली पुलिस किसानों को जंतर-मंतर पर पहुंचने से रोकने के लिए पहले की तरह बैरिकेडिंग
पतंजलि ने इन गांवों के आस पास जड़ी-बूटियों और गन्ने आदि की खेती के लिए बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदीं. चूंकि वो सीधे तौर पर इन्हें नहीं खरीद सकते थे, इसलिए उन्होंने कुछ दलितों को ही मोहरा बना कर
सेब उत्पादकों ने अपना एक संयुक्त ब्यान जारी करते हुए कहा है, “सरकार सोच रही है कि समय के साथ अपने आप विरोध कम हो जाएगा, तो वह बहुत बड़ी गलती कर रही है. जब तक सरकार हमारी मांगें नहीं मानती तब तक
पंजाब के 25 से 30 एजेंटों ने गुजरात की कंपनी पिंक-73 4G, रोनक 4G व पिंक पेंथर-3 के नाम पर करीब 10 हजार किसानों को चूना लगाया दिया. गुजरात की कंपनी ने किसानों को 37 करोड़ रुपए के 2.5 लाख पैकेट बेच दिए.
आखिर भारत विश्व बैंक के प्रस्ताव का इंतजार करने के बजाय खुद का ईज ऑफ डूइंग फार्मिंग इंडेक्स तैयार कर इसे सही तरीके से लागू करने की शुरुआत क्यों नहीं कर सकता? इसका अर्थ एक विस्तृत और कुशल
25 और 26 अगस्त को देह शामलात व जुमला मालकन भूमि किसानों से छीनने के आदेश को वापस करवाने के लिए मंत्रियों के घरों के बाहर किसान पंचायत बिठाई जाएगी और इस पंचायत की सारी व्यवस्था व खाने पीने का सारा
हरियाणा ई-नाम मंडी सिस्टम अपनाने वाले पहले राज्यों में से एक था और इसके तहत कृषि उपज विपणन समितियों को नेटवर्क में जोड़ा गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल, 2016 को ई-नाम का शुभारंभ
प्रदर्शन में शामिल होने के लिए मौके पर पहुंचे किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी को भी गिरफ्तार कर लिया गया. किसानों ने मार्केट रेट पर जमीन का मुआवजा दिए जाने अन्यथा 2011 में हुए जमीन अधिग्रहण को रद्द
पंचायत ने राज्य में वृद्धावस्था पेंशन में कटौती, भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हुए घरों का मुआवजा, स्वच्छ जल आपूर्ति और बिजली संशोधन बिल 2022 रद्द करने की मांग की.
चालू खरीफ सीजन (2022-23) में 12 अगस्त,2022 तक धान का कुल क्षेत्रफल 309.79 लाख हैक्टेयर रहा है जबकि पिछले साल इसी समय तक धान का कुल क्षेत्रफल 353.62 लाख हैक्टेयर रहा
इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गन्ना किसानों के साथ बैठक की अध्यक्षता की थी और कुछ महीने पहले भुगतान का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया गया
शहरों में सस्ते श्रम के लिए लोगों को कृषि से बाहर धकेलना त्रुटिपूर्ण अर्थशास्त्र है। अगले 25 वर्षों में, कृषि के पुनर्निर्माण का समय आ गया है, इसे आर्थिक विकास के पावरहाउस में बदलने की जरूरत
पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए केंद्र ने अवशेष प्रबंधन योजना के तहत चार वर्षों (2018-19 से 2021-22) में 1,178 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की
सेब उत्पादकों का बीते 30 सालों में यह पहला बड़ा सरकार विरोधी आंदोलन है. सेब उत्पादकों ने पिछली बार 1990 में शांता कुमार के नेतृत्व वाली तत्कालीन भाजपा सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू किया
चावल के रकबे में 10.62 लाख हैक्टेयर की गिरावट के साथ पश्चिम बंगाल सबसे ऊपर है। जबकि उत्तर प्रदेश में चावल का रकबा पिछले साल के मुकाबले 6.68 लाख हैक्टेयर कम बना हआ
बाराबंकी के किसान अमरेंद्र सिंह बताते हैं, “साल 2019 में हमारे यहां आए आंधी-तूफान से किसानों का बहुत नुकसान हुआ था, जिसके बाद हम लोगों ने दौड़भाग करके अपने ब्लॉक को बीमा एरिया में शामिल कराया था,
SKM ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए भारत सरकार द्वारा MSP समेत अन्य मुद्दों पर बनाई गई समिति को सिरे से खारिज करते हुए कमेटी में कोई भी प्रतिनिधि न भेजने का फैसला
विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक चले आंदोलन के बाद पिछले साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी और तभी एमएसपी पर समिति
भूसे की महंगाई ने पशुपालन की लागत में बेतहाशा बढ़ोतरी कर दी है और इसके परिणामस्वरूप किसान व पशुपालक पशुओं को छोड़ने पर मजबूर हो रहे
मध्य प्रदेश में 28 जून 2022 तक सामान्य के मुकाबले लगभग 23 प्रतिशत बारिश कम हुई है, जिसकी वजह से जिन किसानों ने समय पर बुवाई कर दी थी, उनकी फसल सूख गई
1920 के दशक की शुरुआत में, ब्रिटिश शोधकर्ता मैल्कम लयाल डार्लिंग ने पंजाब के किसानों पर टिप्पणी कर कहा था, "पंजाब का किसान कर्ज में पैदा होता है, कर्ज में रहता है और कर्ज में ही मर जाता
एक तरफ सरकार यह दावा कर रही है कि उन्होंने किसानों की फसल में लागत से ज्यादा एमएसपी तय किया है, तो वहीं दुसरी ओर रिज़र्व बैंक ने साल 2022-23 तक महंगाई दर 6.7 फीसदी होने का अनुमान लगाया है. इसका अर्थ यह
30 मई को जब मजदूर नेता पास लेने के लिए दोबारा अधिकारियों से मिले. अधिकारी मुख्यमंत्री से मिलवाने वाली बात से मुकर
सरवन सिंह बावरिया ने प्रधानमंत्री किसान निधि योजना का लाभ लेने के लिये आवेदन किया था। इस योजना के तहत सरकार की ओर से छोटी जोत के किसानों को किश्तों में आर्थिक मदद करने का दावा किया गया है।
पिछले सीजन के पहले तक सरकार चीनी निर्यात पर सब्सिडी दे रही थी ताकि चीनी मिलें गन्ना किसानों को बकाया का भुगतान कर सकें. उस समय घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतें काफी नीचे थीं.
भंयकर सांप्रदायिक माहौल में वो रत्तीभर भी नहीं डरे और अपनी आखरी सांस तक दोनों समुदायों में अमन-चैन कायम करने में लगे रहे. आज उनके जाने पर उनकी अनेकों यादें रह रहकर याद आ रही हैं. उनकी कमी अब
जहां दुनिया में करोड़ों लोग भूखे पेट सोने को विवश हैं, वहीं सट्टेबाजी ने कृषि-उत्पाद कंपनियों को भारी मुनाफा दिलवाया है। वैश्विक खाद्य उत्पाद में कोई कमी नहीं आई फिर भी खाद्य मूल्य ऊंचे बने
आंदोलन डायरी कार्यक्रम के जरिये हम लेकर आए हैं हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों में उठ रही जनता की आवाज़ों का
किसान हितैषी टिकाऊ खेती तकनीक: एक तिहाही भूजल सिंचाई, खेती की लागत, श्रम, डीज़ल, बिजली आदि की बचत और झंडा रोग मुक्त फसल व पूरी पैदावार.
फतेहाबाद पुलिस गश्त कर लगातार किसानों की ट्रॉलियां जब्त कर रही है. ओवरलोडेड और ओवर हाइट का मामला बनाकर पुलिस किसानों पर गौशालाओं में खाली करने का दबाव बना रही
इस बार तापमान में हुई बढ़ोतरी के कारण गेहूं का दाना सामान्य आकार का नहीं हो पाया और आकार में छोटा और सिकुड़ा हुआ रह गया, जिससे प्रति एकड़ उपज की मात्रा और साथ ही गुणवत्ता प्रभावित हुई
द वायर पर अशोक गुलाटी का एक इंटरव्यू देखा, जिसमें अशोक गुलाटी टैक्स पेयर का हवाला देकर किसानों को मुफ्तखोर कह रहे हैं और फर्टिलाइजर एंड फूड सब्सिडी पर हमला बोल रहे हैं. पब्लिक सेक्टर को
नारनौंद मण्डी में उपमुख्यमंत्री की रैली के सामने ही किसान रैली भी की
खाद्य मंत्रालय के मुताबिक इस साल 2021-22 में सरकार ने 433.44 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद की है। वहीं कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2020-21 में देश में गेहूं का उत्पादन 10.95 करोड़ टन रहा। ऐसे में अगर कुल
साक्षात्कार में आए करीब 62 फीसदी किसानों को एमएसपी के बारे में जानकारी नहीं थी, जबकि सिर्फ 38 फीसदी ने एमएसपी के बारे में सुना था. जिन लोगों ने एमएसपी के बारे में सुना था, उनमें से अधिकांश (64
भारत में कृषि क्षेत्र 1972-73 में 74 प्रतिशत कामगारों को रोजगार देता था जो 1993-94 में 64 प्रतिशत हो गया और आज कुल कामगारों का केवल 54 प्रतिशत हिस्सा कृषि में रोजगाररत
“हम दो दिन से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं और जब तक डीएपी की किल्लत दूर नहीं होगी तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी."
नारनौल के नसीबपुर में डीएपी खाद खरीद केंद्र के बाहर सुबह 4 बजे से ही किसानों की लंबी लाइन लग गई.
कंपनियों के एक अन्य एनपीके कॉम्प्लेक्स उर्वरक 10:26:26 की कीमत कोरोमंडल फर्टिलाइजर के लिए 1475 रुपये प्रति बैग हो गई है जबकि इफको के लिए इस उर्वरक की कीमत 1175 रुपये प्रति बैग
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किसान विरोध करने के बाद शांतिपूर्ण तरीके से वापस लौट रहे थे. इसी बीच पीछे से एक गाड़ी आती है और किसानों को कुचलते हुए निकल जाती है.
मृतक किसानों के परिजनों को 45-45 लाख और घायलों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा
लखीमपुर के आस-पास के गांवों के किसान रात भर जागते रहे.
संयुक्त किसान मोर्चा ने देश भर में सभी किसान संगठनों को जिला स्तर पर डीसी दफ्तर के सामने दोपहर 12 बजे से एक बजे तक धरना देने की भी कॉल
लखीमपुर खीरी में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्या का विरोध करने आए किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का
किसानों के प्रदर्शन के सामने झुकी सरकार. 11 अक्तूबर के बजाए कल से ही शुरू होगी धान की खरीद. सीएम ने खुद की घोषणा.
करनाल में किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरी धान की फसल के साथ सीएम आवास का घेराव
सरकार एक ओर तो कृषि कानून के जरिये आवश्यक वस्तुओं पर स्टॉक की सीमा हटाने की बात कर रही है वहीं दूसरी ओर पुराने आवश्यक वस्तु अधिनियम के जरिए स्टॉक की निगरानी और डिजिटाइजेशन पर वाहवाही लूटना
रिपोर्ट के अनुसार एक साल के भीतर विरोध प्रदर्शनों के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमों में 38 फीसदी का इजाफा हुआ है. वहीं 13 राज्यों में कृषि से जुड़े विरोध-प्रदर्शनों में शांतिभंग के केस दर्ज किए
किसान अभी तक सरकारी खरीद के इंतजार में थे, इसलिए उन्होंने बाजरे को मंडी में ले जाना शुरू नहीं किया था. लेकिन इस योजना के ऐलान के बाद सरकारी खरीद का तो रास्ता ही बंद हो गया.
जागरण की नजर में बेअसर रहा 'भारत बंद'. अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने नहीं दी पहले पेज पर जगह. 'दैनिक भास्कर' ने प्रमुखता से छापा.
'भारत बंद' के समर्थन में सड़कों पर आए लोग. किसानों ने रेलमार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग किए बंद.
देश के अलग-अलग हिस्सों से आ रही तस्वीरों में दिखा भारत बंद का असर. ट्विटर पर भी पहले नंबर पर ट्रेंड हुआ 'भारत
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा,"26 नवंबर को किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री आवास का घेराव
कृषि मंत्रालय ने किसानों को योजनाओं का लाभ देने के नाम पर आधार कार्ड की तर्ज पर 12 अंक की एक विशिष्ट पहचान पत्र (आईडी) बनाने की शुरुआत की
"किसान, मजदूर, कर्मचारी, दुकानदार और छोटे व्यापारियों को चौपट होने से बचाने के लिए तीन नये कृषि कानूनों का विरोध जरुरी है. रेवाड़ी के किसान मिलकर 27 सितंबर के भारत बंद को सफल
शुगर मिल नारायणगढ़ पर गन्ना किसानों का करीब 70 करोड़ रुपये बकाया है. ऐसे में पेराई सत्र शुरू नहीं होने पर किसानों के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है. नारायणगढ़ में करीबन 45 लाख क्विंटल गन्ने का
“हमने पहले ही सरकार को चेताया था कि बाहर से आने वाले व्यापारियों का पंजीकरण होना चाहिए और आढ़तियों को इस पूरी प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए ताकि उनको भी हर एक व्यापारी की जानकारी रहे
हिमाचल के किसानों ने ए ग्रेड सेब के लिए 60 रुपए, बी ग्रेड सेब की लिए 44 रुपए और सी ग्रेड सेब के लिए 24 रुपए निर्धारित किया जाने की मांग की है.
करनाल में लाठीचार्ज को लेकर किसान मिनी सचिवालय के बाहर धरना दे रहे थे. करनाल में लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम को निलंबित कराने की मांग पर अड़े किसानों से आज हरियाणा सरकार के अधिकारियों
इस घटना तक तीन कृषि अध्यादेश थे, जिनका विरोध किसान कर रहे थे. ये अध्यादेश 17 सितंबर 2020 को लोकसभा पास होकर तीन कृषि कानून
तीन घंटे तक चली बातचीत में हमारी वहीं तीन मांगें रही. बात वहीं की वहीं है, बातचीत एक कदम भी आगे बात नहीं बढ़ी है. सरकार और प्रशासन दोनों अपने अधिकारी का बचाव कर रहे
"केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 40 रुपये प्रति कुंतल बढ़ाकर 2,015 रुपये करने का ऐलान किया है. कुल 40 पैसे प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी है. प्रतिशत में देखें तो महज 2 फीसदी का इजाफा. फिर
हिंदी अखबार 'दैनिक जागरण' ने किसान महापंचायत की खबर को 5वें पेज पर केवल दो कॉलम की जगह दी है. इसके उलट अखबार के पहले दो पन्नों पर मुख्यमंत्री योगी का विज्ञापन छापा गया है. दैनिक जागरण के हरियाणा
संयुक्त किसान मोर्चा ने पश्चिम बंगाल की तरह यूपी विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी के खिलाफ चुनाव प्रचार करने का एलान किया है. किसान नेताओं की इसी रणनीति के तहत 5 सितंबर से उत्तर प्रदेश में किसान
दैनिक जागरण ने फ्रंट पेज पर किसानों को हमलावर, बर्बर और आम लोगों को परेशान करने वाला बतलाया है। किसान आंदोलन से रिलेटेड हर खबर में जागरण भाजपा की आइटी सेल का प्रोपेगेंडा ही छापता
संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के लोगों से हर जगह सड़क जाम करने का आह्वान किया है। एसकेएम ने एसडीएम आयुश सिंहा को तत्काल बर्खास्त करने की भी मांग की, जिन्होंने प्रदर्शनकारियों के सिर
'भारतीय किसान संघ' ने किसान आंदोलन के बरअक्स 8 सितंबर को देशभर के जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय धरने के साथ आंदोलन की घोषणा करने का एलान किया है.
सेब खरीदने वाली अदानी एग्री फ्रेश कंपनी ने सेब किसानों को झटका दिया है. कंपनी ने जो दाम तय किए हैं, उन्हें सुनकर बागवानों में निराशा है. पिछले साल की तुलना में इस बार प्रतिकिलो के हिसाब से 16
जब से किसान आन्दोलन शुरू हुआ है तब से हरियाणा में भाजपा और जेजेपी के कोई भी कार्यक्रम किसान नहीं होने दे रहें हैं. वहीँ दूसरी और अहीरवाल में भाजपा और जेजेपी बिना किसी विरोध के बड़ी आसानी से
"प्रशासन ने क्रेन की मदद से बड़े-बड़े कंक्रीट के बैरियर रखवाकर मेरे कुरुक्षेत्र वाले ढाबे का रास्ता बंद कर दिया है. अब मुख्य सड़क से मेरे ढाबे का संपर्क टूट गया है, जिसके कारण ग्राहक ढाबे तक
संदीप ने करीब ढ़ाई महीने पहले दो एकड़ में भिंडी की फसल लगाई थी, जिसमें अबतक 50 हजार रुपए की लागत आ चुकी है. संदीप ने फसल को जोतते हुए एक वीडियो भी फेसबुक पर डाला है जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो
गन्ना मूल्य बढ़ाने के मामले में बसपा प्रमुख मायावती का रिकॉर्ड अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ की सरकारों से
चौधरी चरण सिंह के बाद देश का किसान चौधरी देवीलाल की अगुवाई में लामबंद हुआ. इनका साथ दिया किसान नेता चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत जैसे किसान नेताओं ने, पंजाब के अकाली गुजरात के पटेलों ने तो बिहार
पराली जलाने पर किसानों की गिरफ्तारी और दुर्व्यवहार का मुद्दा गरमाने के बाद बचाव में आये योगी आदित्यनाथ
यूपी में पिछले तीन वर्षों के दौरान गन्ने के भाव में मात्र 10 रुपये प्रति क्विंटल की
किसानों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए प्रशासन भी टिड्डयों से बचाव के तरह-तरह के उपाय आजमा रहा
बांस की खेती बिहार के जिन इलाकों में होती आई है, उनमें से कुछ में अब किसान इसे छोड़ रहे
8 मार्च, 2019 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर काफी बातें की गईं लेकिन महिला किसानों को इस विमर्श में जगह नहीं
उत्पादन के मुकाबले खरीद नाममात्र की होने के कारण किसानों को अपनी उपज एमएसपी से 400 से 600 रुपये प्रति क्विंटल नीचे भाव में बेचनी पड़ रही
ICAR के संस्थानों में वैक्सीन लगाने के बाद भी यह बीमारी फैलती है और सैकड़ों पशु मौत के मुंह में चले जाते हैं। इसके बावजूद सरकार वैक्सीन सप्लाई करने वाली कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं
धान के बजाय मक्का उगाने के लिए यह सब्सिडी देगी पंजाब