किसानों के बढ़ते दबाव के आगे झुकी सरकार, मध्य प्रदेश ने सिंहस्थ में जमीन पूलिंग योजना वापस ली!
किसानों के कड़े विरोध और लगातार बढ़ते जनदबाव के बीच मध्य प्रदेश सरकार ने सिंहस्थ क्षेत्र में लागू की गई जमीन पूलिंग योजना को वापस लेने का फैसला कर लिया है. उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) द्वारा प्रस्तावित इस योजना के तहत करीब 2,378 हेक्टेयर भूमि पर सिंहस्थ नगर विकसित किया जाना था, लेकिन किसानों ने इसे अपनी उपजाऊ जमीन पर सीधा हमला बताया था.
किसानों का कहना था कि योजना के तहत उनकी खेती योग्य जमीन का लगभग 50 फीसदी हिस्सा चौड़ी सड़कों, सुविधाओं और अन्य ढांचागत विकास में इस्तेमाल हो जाता, जिससे जमीन खंडित होने के बाद खेती करना मुश्किल हो जाता. किसान संगठनों ने आरोप लगाया कि यह योजना किसानों के हित में नहीं, बल्कि व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए रास्ता खोलने वाली थी.
बीते कई हफ्तों से किसान संगठन—विशेष रूप से सिंहस्थ किसान संघर्ष समिति—लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. हजारों किसानों की रैलियों, ज्ञापन सौंपने और विरोध कार्यक्रमों ने सरकार पर जबरदस्त दबाव बनाया. बढ़ते विरोध और राजनीतिक दबाव के चलते मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को घोषणा की कि सिंहस्थ 2028 के लिए लागू की गई जमीन पूलिंग योजना तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है. सरकार का कहना है कि वह अब अन्य विकल्पों पर विचार करेगी, ताकि किसानों को नुकसान पहुंचाए बिना सिंहस्थ की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया जा सके.
किसान संगठनों ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है, लेकिन यह भी कहा कि वे तब तक सतर्क रहेंगे जब तक नई योजना पूरी पारदर्शिता के साथ सामने नहीं आती. उनका कहना है कि सिंहस्थ एक 12 साल में होने वाला आयोजन है, इसलिए स्थायी निर्माण के नाम पर किसानों की जमीन का बलिदान नहीं हो सकता. सरकार के इस फैसला वापसी को किसान अपनी बड़ी जीत मान रहे हैंं.
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