पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल और प्रदेश के मौजूदा उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के गांव के लोग सड़कों पर पैदल मार्च करने को मजबूर हैं. सिरसा जिले के चौटाला गांव के ग्रामीणों ने गांव में खराब स्वास्थ्य सुविधाओं के खिलाफ करनाल में मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के बाहर धरना दिया.
बता दें कि चौटाला गांव से पांच विधायक ऐसे हैं, जो 2019 के विधानसभा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. इनमें इनेलो के अभय चौटाला, उनके पूर्व भतीजे और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, दुष्यंत की मां नैना सिंह चौटाला, ऊर्जा मंत्री रंजीत चौटाला, जो इनेलो संरक्षक ओम प्रकाश चौटाला के भाई हैं, और कांग्रेस के अमित सिहाग शामिल हैं.
चौटाला गांव से करीबन 300 किमी पैदल चलकर करनाल पहुंचे ग्रामीणों ने सीएम कैंप कार्यालय के पास अपना विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने कैंप कार्यालय का घेराव करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हे आगे नहीं बढ़ने दिया. प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने चौटाला में सीएचसी के बाहर लगभग तीन सप्ताह तक धरना दिया जिसपर कोई सुनवाई नहीं हुई जिसके बाद हम लोग अपने गांव से करनाल तक करीबन 300 किलोमीटर पैदल मार्च करने को मजबूर हुए हैं.
अंग्रेजी अखबार ‘दैनिक ट्रिब्यून’ में छपी खबर के अनुसार विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले राकेश कुमार ने कहा, “सीएचसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में खराब स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण हाल के महीनों में चार नवजात शिशुओं की मौत हुई है. सीएचसी में विशेषज्ञ व पैरा मेडिकल स्टाफ के कई पद खाली पड़े हैं, जिसके कारण गांववासियों को उचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि सीएचसी केवल एक रेफरल सेंटर बन गया था क्योंकि वहां कोई रेडियोग्राफर, बाल रोग विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं था.”
उन्होंने कहा, “हमने सीएचसी के बाहर एक धरना दिया जिसमें समाज के सभी वर्गों ने अपना समर्थन दिया. जब जिले के किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने हमारी मांग पर ध्यान नहीं दिया, तो हमें 21 दिसंबर को करनाल में सीएम कैंप कार्यालय तक मार्च करना पड़ा.”