दिल्ली: दिल्ली पुलिस की रोक-टोक के बाद भी किसान महापंचायत में जुटे हजारों किसान!

 

किसान संगठनों द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक दिवसीय किसान महापंचायत बुलाई गई है. यह किसान महापंचायत लखीमपुर हत्याकांड के मुख्यारोपी राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र को सजा दिलाने और मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर बुलाई गई है. किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए सरकार के इशारों पर दिल्ली पुलिस किसानों का रास्ता रोकने में जुटी थी. सड़क के रास्ते को रोका गया तो किसान रेल के रास्ते दिल्ली पहुंच गए.

दिल्ली पहुंचे किसानों ने गांव-सवेरा के पत्रकार मनदीप पुनिया को बताया कि दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद भी पुलिस ने हमारा रास्ता रोकने की कोशिश की. पुलिस ने हमें अपनी बसों में बैठने को कहा लेकिन हम लोगों ने पुलिस की बसों में बैठने से मना कर दिया. पुलिस ने जंतर-मंतर की ओर जाने वाले रास्तों पर भारी बैरिकेडिंग कर रखी है.

वहीं पंजाब के मानसा से दिल्ली पहुंची 70 साल की बुजुर्ग माता ने कहा हम लखीमपुर में मारे गए किसानों को न्याय दिलाने के लिए पहुंचे हैं. साथ ही बिजली संशोधन बिल-2022 वापिस होना चाहिए.

संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक की ओर से जारी प्रेस रिलीज में किसान महापंचायत की प्रमुख मांगें.
1). लखीमपुर खीरी नरसंहार के पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ, जेलों में बंद किसानों की रिहाई व नरसंहार के मुख्य दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की जाए.
2). स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी की गारंटी का कानून बनाया जाए.
3). देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त किया जाए.
4). बिजली संशोधन बिल-2022 रद्द किया जाए.
5). गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए और गन्ने की बकाया राशि का भुगतान तुरन्त किया जाए.
6). भारत WTO से बाहर आये और सभी मुक्त व्यापार समझौतों को रद्द किया जाए.
7). किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लिए जाएं.
8). प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के बकाया मुआवज़े का भुगतान तुरन्त किया जाए.
9). अग्निपथ योजना वापिस ली जाए.