SKM का ऐलान: मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन होगा तेज, धान-गन्ना-कपास के लिए नई MSP की मांग!
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है. संगठन का कहना है कि किसानों को उनकी उपज का उचित दाम नहीं मिल रहा और सरकार की खेती-बाड़ी नीतियां पूरी तरह “विफल” साबित हुई हैं.
किसान संगठनों ने प्रमुख फसलों के लिए नई न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने की मांग की है। SKM ने कहा कि मौजूदा दरें किसानों की लागत और मेहनत के अनुरूप नहीं हैं. SKM संगठन ने जिन नई दरों की मांग की है धान के लिए ₹3,012 प्रति क्विंटल, गन्ना के लिए ₹500 प्रति क्विंटल (वर्तमान मूल्य ₹370) और कपास के लिए ₹10,121 प्रति क्विंटल की नई दरों की मांग की है.
SKM का आरोप है कि मौजूदा एमएसपी केवल कागजों में है. उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में किसानों को धान का भाव ₹1,500 से ₹1,600 प्रति क्विंटल तक ही मिल रहा है, जो घोषित एमएसपी से लगभग ₹800 कम है.
इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चे ने किसानों के कर्ज माफी, 2025 के बिजली बिल रद्द करने और 300 यूनिट फ्री बिजली देने की भी मांग रखी. साथ ही भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम 2013 को सख्ती से लागू करने की अपील की गई इसके अलावा मनरेगा मजदूरी ₹700 प्रतिदिन करने और 200 दिन का काम सुनिश्चित करने की भी मांग रखी गई.
मोर्चा नेताओं ने कहा कि बीते नौ वर्षों में गन्ने की कीमतों में केवल ₹55 की बढ़ोतरी हुई है, जबकि खाद, डीजल और श्रम लागत में कई गुना इजाफा हो चुका है. उनका कहना है कि जब तक किसानों को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार C2 + 50% फॉर्मूले पर एमएसपी नहीं दी जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
एसकेएम ने घोषणा की है कि नवंबर के अंत तक राज्य-स्तरीय प्रदर्शन और जिला-मुख्यालयों पर धरने आयोजित किए जाएंगे. इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर किसान रैली बुलाने की योजना है.
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