भिवानी-चरखी दादरी में बीमा क्लेम को लेकर किसानों का 100 दिन से धरना जारी, ₹385 करोड़ का भुगतान अटका!

 

भिवानी और चरखी दादरी के सैकड़ों किसान पिछले 100 दिनों से अपने फसल बीमा क्लेम की राशि की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. किसानों का आरोप है कि ₹385 करोड़ से अधिक के बीमा क्लेम अब तक जारी नहीं किए गए हैं, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.

धरना दे रहे किसानों का कहना है कि उन्होंने साल 2023-24 की खरीफ फसल का बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कराया था, लेकिन बीमा कंपनी और कृषि विभाग के अधिकारियों ने चुनाव आचार संहिता का हवाला देकर दावे खारिज कर दिए. किसानों ने कहा कि जब तक बीमा राशि जारी नहीं होती, उनका धरना जारी रहेगा.

किसानों के अनुसार, भिवानी जिले के लगभग ₹260 करोड़ और चरखी दादरी के करीब ₹40 करोड़ बकाया हैं और वहीं अन्य मदों में ₹85 करोड़ अतिरिक्त, इस तरह कुल राशि लगभग ₹385 करोड़ बनती है. भिवानी और दादरी के उपायुक्तों ने किसानों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और कहा कि मामला राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति को भेजा जा चुका है. कमेटी की मंजूरी के बाद बीमा राशि जारी करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी.

संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेता बलवीर सिंह ने बताया कि “₹20 करोड़ की खरीफ फसल का नुकसान तो सर्वे में भी दर्ज हुआ था, लेकिन बीमा कंपनी ने उसे भी अस्वीकार कर दिया. हमारा हक नहीं मिला तो धरने से नहीं हटेंगे.”

वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखा है. उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों के वैध बीमा दावे जानबूझकर लंबित रखे गए हैं और चुनावी कोड ऑफ कंडक्ट का बहाना बनाकर उनकी उपेक्षा की जा रही है. हुड्डा ने कहा कि बीमा राशि तुरंत किसानों को जारी की जानी चाहिए.

राज्यसभा सांसद किरण चौधरी और बीजेपी के लोकसभा सांसद धर्मवीर सिंह ने भी इस मुद्दे को सरकार के सामने उठाने का आश्वासन दिया. किरण चौधरी ने कहा कि अगर किसानों को न्याय नहीं मिला तो यह मामला संसद और विधानसभा दोनों में उठाया जाएगा.