गुलाबी सुंडी के प्रकोप से खराब हुई कपास की 30 फीसदी फसल!

हरियाणा में कपास बेल्ट के किसान, जिसमें हिसार, सिरसा, फतेहाबाद और भिवानी के किसान गुलाबी बॉलवर्म के हमले का गवाह बन रही हैं. लगभग 70% कपास का उत्पादन इसी बेल्ट में होता है. किसानों और कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि करीब 20-30 फीसदी कपास पर कीड़े का असर पड़ा है. कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार खरीफ सीजन में प्रदेश के लगभग 6.5 लाख हेक्टेयर में कपास की बुआई की गई थी.
अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार हिसार जिले के जुगलान गांव के किसान अनिल ने कहा कि उनकी फसल को लगभग 80% नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा, “अब इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता है. कपास की फसल को गुलाबी सुंडी ने खा लिया है”
खरड़ अलीपुर गांव के एक अन्य किसान प्रह्लाद सिंह ने कहा कि इस सीजन में कपास और धान की फसल बर्बाद होने के कारण उन्हें भारी नुकसान हुआ है.
वहीं कम बारिश ने स्थिति को और खराब कर दिया है. सुलखनी गांव के नरेश कुमार ने कहा, “कम बारिश के कारण मैंने सिंचाई पर बहुत पैसा खर्च किया, लेकिन अपनी फसल नहीं बचा सका. अब मैं गहरे कर्ज में डूब गया हूं.”
चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) के सेवानिवृत्त कपास वैज्ञानिक डॉ. आरएस सांगवान ने कहा कि गुलाबी बॉलवर्म के संक्रमण के बाद इसे नियंत्रित करना मुश्किल है. उन्होंने कहा, “रिपोर्टों में दावा किया गया है कि पिंक बॉलवॉर्म ने सिरसा और अन्य जिलों में बड़े इलाकों को नष्ट कर दिया है.”
इस बीच, मंत्री ने कहा, “किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत बीमा कंपनियों से फसल के नुकसान का दावा मिलेगा. वहीं जो फसल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत नहीं आती हैं उनके नुकसान के आकलन के लिए गिरदावरी की किसानों की मांग को मुख्यमंत्री के समक्ष भी उठाऊंगा.”
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