बंगाल में भाजपा के खिलाफ उतरा किसान मोर्चा, कोलकाता में जोरदार स्वागत

कृषि कानूनों के खिलाफ कई महीनों से आंदोलन कर रहे किसान नेता अब पश्चिम बंगाल और असम की चुनावी रणभूमि में उतर चुके हैं। संयुक्त किसान मोर्चा अगले तीन दिनों के दौरान पश्चिम बंगाल के विभिन्न इलाकों में किसान पंचायतें कर भाजपा को वोट न देने की अपील करेगा। नंदीग्राम में 13 मार्च को होने वाली किसान महापंचायत में राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, डॉ. दर्शनपाल और योगेंद्र यादव शामिल होंगे। नंदीग्राम किसान आंदोलन का पुराना गढ़ रहा है। यहीं से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं। नंदीग्राम में किसान नेताओं का जमावड़ा ममता बनर्जी के लिए मददगार साबित हो सकता है।
कोलकाता में किसान नेताओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है। गुरुवार को कोलकता हवाई अड्डे पर किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल और गुरनाम सिंह चढूनी का जोरदार स्वागत किया गया। एयरपोर्ट पर किसान नेताओं के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
इससे पहले 10 मार्च को पंजाब और हरियाणा के किसान नेताओं ने कोलकाता में एक जनसभा कर भाजपा को वोट न देने की अपील की थी। संयुक्त किसान मोर्चा के अलावा भी पंजाब, हरियाणा और देश के अन्य राज्यों से किसानों के अलग-अलग जत्थे बंगाल और असम पहुंच रहे हैं। आज कोलकाता पहुंचे संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी रणनीति के बारे में विस्तार से बताया।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत आज राजस्थान में हैं। वे कल बंगाल पहुंचेंगे। राकेश टिकैत का कहना है कि वे बंगाल के किसानों से जाकर पूछेंगे कि उन्हें एमएसपी मिला या नहीं। बंगाल में भी बहुत किसान हैं, उन्हें कृषि कानूनों की हकीकत बताएंगे। किसान यूनियनों के राजनीति में उतरने के सवाल पर टिकैत का कहना है कि वे किसी पार्टी के लिए वोट नहीं मांग रहे हैं, बल्कि किसानों को भाजपा सरकार की असलियत बताने जा रहे हैं।
28 जनवरी को दिल्ली बॉर्डर से किसानों के धरने हटाने की कोशिशों के बाद किसान आंदोलन एक नये दौर में प्रवेश कर चुका है। कई राज्यों में किसान पंचायतें हो रही हैं, जिनमें राजनीतिक दल बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में किसान पंचायतें करने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने बंगाल समेत उन पांचों राज्यों में जाने का फैसला किया है, जहां विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा से मिली जानकारी के अनुसार, आज कोलकाता के प्रेस क्लब में किसान नेताओं की प्रेस वार्ता के बाद एक वाहन रैली निकाली जाएगी। दोपहर बाद रामलीला मैदान में किसान-मजदूर महापंचायत होगी। कल 13 मार्च को नंदीग्राम और 14 मार्च को सिंगूर और आसनसोल में किसान महापंचायतें होंगी। इन कार्यक्रमों के आयोजन के लिए पश्चिम बंगाल किसान कॉर्डिनेशन कमेटी गठित की गई है।
संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि उसके नेता भाजपा और उसके सहयोगी दलों के खिलाफ मतदान करने की अपील करेंगे। बंगाल के अलावा किसानों के जत्थे असम भी पहुंच रहे हैं। 26 मार्च को किसान आंदोलन के चार महीने पूरे होने के मौके पर भारत बंद का ऐलान किया गया है। इस बार होली पर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई जाएंगी। इस तरह यह पूरा महीना किसान आंदोलन की हलचल से भरपूर रहेगा।
Top Videos

टमाटर बिक रहा कौड़ियों के दाम, किसानों को 2-5 रुपये का रेट!

किसानों ने 27 राज्यों में निकाला ट्रैक्टर मार्च, अपनी लंबित माँगों के लिए ग़ुस्से में दिखे किसान

उत्तर प्रदेश के नोएडा के किसानों को शहरीकरण और विकास क्यों चुभ रहा है

Gig Economy के चंगुल में फंसे Gig Workers के हालात क्या बयां करते हैं?
