पुणे: किसान को प्याज की कीमत मिली सिर्फ 88 पैसे प्रति किलो, ₹66,000 की लागत पर कमाई केवल ₹664!

महाराष्ट्र के किसानों की बदहाली एक बार फिर सामने आई है. पुणे के पुरंदर तहसील में एक किसान को अपनी प्याज की फसल का दाम महज 88 पैसे प्रति किलो मिला. फसल की खेती पर किसान ने करीब 66,000 हजार रुपये खर्च किए, लेकिन मंडी में बेचने पर केवल 664 रुपये ही मिले.
किसान सुभाष भोंगले ने एक एकड़ में प्याज की खेती की थी लेकिन सितंबर और अक्टूबर में हुई बारिश से उनकी फसल खराब हो गई. उन्होंने बताया कि प्याज की गुणवत्ता इतनी गिर गई कि उसे कोई लेने को तैयार नहीं था. मजबूरी में उन्हें 7.5 क्विंटल प्याज सिर्फ 88 पैसे प्रति किलो के भाव पर बेचना पड़ा. किसान ने कहा, “इससे अच्छा होता कि कुछ भी ना बोता.”
सुभाष भोंगले के पास अभी 1.5 एकड़ में प्याज की फसल और खड़ी है, लेकिन उन्होंने मंडी में और नुकसान होने की आशंका के चलते उसे खेत में ही जोतने का फैसला लिया है. उनका मानना है कि खाद बनाना अब ज्यादा फायदेमंद है.
प्याज के सबसे बड़े थोक बाज़ार लासलगांव समेत कई मंडियों में प्याज की कीमतें तेज़ी से गिरी हैं. मंडियों में जानकारी के अनुसार, 80% तक फसल बारिश से प्रभावित हुई है. खराब गुणवत्ता के कारण व्यापारी किसानों की उपज लेने से कतरा रहे हैं.
इस साल बारिश ने न सिर्फ प्याज, बल्कि अनार, सीताफल, सोयाबीन जैसी अन्य फसलों को भी भारी नुकसान पहुँचाया है. इससे किसानों की कमर टूट गई है. किसान सुभाष भोंगले ने कहा, “खेती अब घाटे का सौदा बन गई है. युवा गांव छोड़ रहे हैं, कोई खेती नहीं करना चाहता. सरकार को मदद करनी चाहिए, वरना किसान आत्महत्या के कगार पर पहुंच जाएगा.”
किसान अब सरकारी मुआवज़े, फसल बीमा और उचित समर्थन मूल्य की मांग कर रहे हैं. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जल्द राहत नहीं मिली, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा.
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