समालखा मंडी में 10 दिन से धान की खरीद ठप, सचिव के नोटिस भी बेअसर!

 

हरियाणा सरकार की धान खरीद नीति पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि समालखा अनाज मंडी में पिछले 10 दिन से धान की खरीद पूरी तरह बंद पड़ी है. मंडी सचिव के कई नोटिसों के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है. किसानों को अपने धान की बिक्री को लेकर भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

समालखा मार्केट कमेटी सविता जैन के अनुसार, समालखा मंडी में अंतिम बार 31 अक्टूबर को धान की खरीद हुई थी. उसके बाद से न तो सरकारी एजेंसियों ने खरीद की है और न ही कोई मिलर मंडी में आया है. उन्होंने बताया कि इस बाबत एसडीएम और संबंधित खरीद एजेंसी को कई बार पत्र लिखे गए, मगर कोई समाधान नहीं हुआ.

मंडी रिकॉर्ड के अनुसार अब तक 66,063 क्विंटल पीआर धान मंडी में पहुंच चुका है, जिसमें से करीब 3,000 क्विंटल धान अभी तक नहीं खरीदा गया, जबकि लगभग 1,800 क्विंटल धान की उठान (लिफ्टिंग) भी नहीं हो सकी है. किसानों का कहना है कि लगातार देरी से उनका धान खराब होने का खतरा बढ़ गया है.

समालखा मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान बलजीत सिंह के अनुसार, करनाल मंडी में हुए हालिया धान खरीद घोटाले के बाद से सरकारी एजेंसियां और मिलर दोनों सतर्क हो गए हैं. उनका कहना है कि सरकार ने इस सीजन का लक्ष्य पहले ही पूरा कर लिया है, इसलिए आगे खरीद बंद कर दी गई है.

वहीं, स्थानीय हैफेड प्रबंधक आजाद सिंह का कहना है कि मंडी में खरीद इसलिए रुकी है क्योंकि फिलहाल आसपास की किसी मिल में धान उठाने की जगह नहीं बची है. मामला प्रशासन को सूचित किया जा चुका है.

मंडी में खरीद ठप होने से किसानों में नाराजगी बढ़ती जा रही है. किसान संगठन मांग कर रहे हैं कि सरकार तुरंत हस्तक्षेप करे, ताकि धान की समय पर खरीद सुनिश्चित हो सके. उनका कहना है कि यदि 15 नवम्बर तक खरीद शुरू नहीं हुई, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे.