अहीरवाल क्षेत्र में राव इंद्रजीत सिंह का खूंटा हिलाने में जुटी भाजपा!

 

”न मैं गिरा और न मेरी उमीदों के मीनार गिरे, पर लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे.” बीते मंगलवार को रेवाड़ी भास्कर के फ्रंट पेज पर ऊपर लिखे शेर के साथ एक विज्ञापन छपा जिसके बाद अहीरवाल की राजनीति में गहमागहमी तेज हो गई. दरअसल ये विज्ञापन अहीरवाल के सबसे बड़े नेता राव इंद्रजीत सिंह की फ़ोटो के साथ छापा गया था. पूरे विज्ञापन में कहीं भी उनकी पार्टी भाजपा का कोई चिन्ह या नाम नहीं था. ये विज्ञापन ऐसे समय में आया जब केंद्र में कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र यादव अहीरवाल में अपनी जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे थे. यही वज़ह है कि इस विज्ञापन के राजनीतिक मायने अहीरवाल की आगामी राजनीति के लिहाज़ से काफ़ी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं.

‘राजा राव इंद्रजीत सिंह विचार मंच’ नामक संगठन ने दैनिक भास्कर अखबार को ये विज्ञापन दिया था. विज्ञापन देने वाले प्रवीन राव ने गाँव सवेरा से बातचीत में कहा, “राजा राव इंद्रजीत सिंह विचार मंच, अहीरवाल के जन नेता राव इंद्रजीत सिंह के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का एक समूह है जो समय-समय पर राव इंद्रजीत सिंह के लिए काम करता रहता है.”

यह विज्ञापन केंद्र में मंत्री भूपेंद्र यादव की अहीरवाल यात्रा के दौरान ही क्यों दिया गया, इसके जवाब में वो कहते हैं कि, “कुछ लोगों द्वारा भूपेंद्र यादव और राव इंद्रजीत सिंह के बीच तकरार पैदा करने की कोशिश की जा रही थी. अहीरवाल में भूपेंद्र यादव की यात्रा शुरू होने के एक हफ़्ते पहले ही इस तरह का माहौल बनाना शुरू कर दिया गया कि उनकी ये यात्रा राव इंद्रजीत सिंह के लिए खतरे की घंटी है. ऐसे लोगों को हम ज़वाब देना चाहते थे इसलिए ये विज्ञापन दिया गया.”

मोदी सरकार ने बीते दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल करते हुए कईं नए चेहरों को शामिल किया था. केंद्र में मंत्री बनने वालों में एक नाम भूपेंद्र यादव का भी था जिन्हें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ क्ष्रम एवं रोज़गार मंत्रालय की ज़िम्मेदारी दी गई थी.

मंत्रीमंडल फेरबदल में नए चेहरों को शामिल करने के बाद भाजपा ने रणनीति बनाई कि सभी नए मंत्री अपने-अपने गृह क्षेत्र और कार्य क्षेत्र में लोगों के बीच जाएंगे और सरकार की उपलब्धियां जनता के बीच रखेंगे.

इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी 16 अगस्त, 2021 से “जन आशीर्वाद यात्रा” नाम से यात्रा शुरू की. चूँकि भूपेंद्र यादव का गृह क्षेत्र हरियाणा का गुड़गाँव ज़िला है और कार्यक्षेत्र राजस्थान है इसलिए उन्होंने अपनी यात्रा पहले गुडगाँव में उनके पैतृक गाँव जमालपुर से ही शुरू की. भूपेंद्र यादव ने गुडगाँव, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ इन तीनों ज़िलों में 16 से 17 अगस्त के बीच कई जनसभाएं की और पूरे अहीरवाल क्षेत्र को यात्रा में कवर किया.

अहीरवाल राव इंद्रजीत सिंह का गढ़ माना जाता है, ऐसे में एक और अहीर नेता द्वारा इस क्षेत्र में यात्रा करने के फैसले से इस बात को हवा मिलने लगी है कि कहीं भाजपा अहीरवाल में राव इंद्रजीत सिंह का विकल्प तो नहीं तलाश रही है.

अपने पैतृक गाँव जमालपुर में भूपेंद्र यादव ने एक बड़ी जनसभा का आयोजन किया जिसमें सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा से भाजपा के सांसद कृषणपाल गुर्जर, सुनीता दुग्गल, चौधरी धर्मबीर सिंह, हरियाणा भाजपा के प्रभारी विनोद तावड़े, पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह और हरियाणा भाजपा अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ सहित प्रदेश भाजपा के तमाम बड़े चेहरे शामिल हुए.

भूपेंद्र यादव की यात्रा से अहीरवाल का राजनीतिक माहौल गरमा गया. भाजपा के तमाम बड़े चेहरे इस यात्रा में शामिल हुए मगर अहीरवाल के सबसे बड़े नेता और वर्तमान में गुड़गाँव से भाजपा सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने निमंत्रण के बावजूद इस यात्रा से दूरी बनाए रखी.

राव इंद्रजीत सिंह हरियाणा के उन चुनिंदा नेताओं में से हैं जिनका पार्टी से इतर खुद का एक बड़ा वोट बैंक रहा है. साल 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए राव इंद्रजीत सिंह का प्रदेश में भाजपा सरकार को सत्तासीन करने में अहम योगदान रहा है.

यही वजह है कि समय-समय पर राव इंद्रजीत सिंह भाजपा को आँख दिखाते रहते है और कई बार रैलियों और पब्लिक बैठकों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर भी निशाना साध चुके है. मगर इस यात्रा को यदि करीब से देखा जाए तो इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भाजपा ने अब राव इंद्रजीत सिंह के आँख दिखाने वाले तेवरों का समाधान ढूंढना शुरू कर दिया है.

निमंत्रण होने के बावजूद राव इंद्रजीत सिंह का भूपेंद्र यादव के गाँव जमालपुर में आयोजित विशाल जनसभा में न पहुंचना, राव समर्थकों का भी यात्रा से दूरी बनाएं रखना और भाजपा में राव विरोधियों का बढ़-चढ़कर भूपेंद्र यादव का स्वागत करना, ये तमाम ऐसी घटनाएं है जो अहीरवाल की राजनीति में एक बड़े फेरबदल की ओर इशारा कर रही हैं.

2019 के विधानसभा चुनावों में राव इंद्रजीत सिंह चाहते थे कि रेवाड़ी विधानसभा से उनकी बेटी आरती राव को भाजपा टिकट दे मगर पार्टी ने परिवारवाद का हवाला देते हुए ऐसा करने से इंकार कर दिया. उधर भाजपा में सालों से संगठन का काम कर रहे अरविंद यादव भी टिकट की दौड़ में शामिल थे मगर फिर पार्टी ने राव इंद्रजीत सिंह के दबाव में उनकी बेटी को टिकट न देकर, उनके ही करीबी सुनील मुसेपुर को टिकट दे दी.

इससे रेवाड़ी में कई भाजपा कार्यकर्ता नाराज हो गए. इसके बाद अरविंद यादव ने एक मीटिंग में खुलकर मीडिया के सामने राव इंद्रजीत सिंह का विरोध किया. विरोध के चलते राव को वो मीटिंग बीच में ही छोड़कर जाना पड़ा था.

हालांकि राव समर्थित सुनील मुसेपुर रेवाड़ी से चुनाव हार गए. इस हार के पीछे भाजपा की अंदरूनी बगावत के अलावा एक और मुख्य कारण रहा पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापडीवास का निर्दलीय चुनाव लड़ना. कापडीवास साल 2014-19 तक रेवाड़ी से भाजपा की टिकट पर विधायक रहें, साल 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़कर 50 हजार वोट लेकर उन्होंने राव समर्थित उम्मीदवार की हार में अहम भूमिका निभाई.

इसके बाद से ही राव इंद्रजीत सिंह ने इन दोनों नेताओं के ख़िलाफ पार्टी आलाकमान को शिकायत देना शुरू कर दिया था. उस समय राव की नाराजगी के चलते भाजपा ने अरविंद यादव को पार्टी के  राज्य उपाध्यक्ष के पद से हटा दिया था मगर रणधीर सिंह कापडीवास को लेकर पार्टी की तरफ़ से कोई कार्रवाई नहीं की गई.

लेकिन इसी साल भाजपा ने अरविंद यादव को हरको बैंक (हरियाणा स्टेट को-ऑपरेटिव अपैक्स बैंक लिमिटेड) का चेयरमैन बना दिया और साथ ही रोहतक जिलें में भाजपा अध्यक्ष के रूप में भी उनकी नियुक्ति कर दी. इस से ये साबित होता है कि किस तरह से भाजपा लगातार राव इंद्रजीत सिंह को अनदेखा कर रही है.

इतना ही नहीं, कापडीवास और अरविंद यादव दोनों ही नेताओं ने कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र यादव का भव्य स्वागत किया और उनके सम्मान में जनसभा का आयोजन भी करवाया. रेवाड़ी के मसानी गाँव में अरविंद यादव द्वारा आयोजित जनसभा को संबोधित करने के बाद भूपेंद्र यादव ने सीधा नांगल चौधरी विधानसभा में जनसभा को संबोधीत किया.

रेवाड़ी से नांगल चौधरी के बीच बावल, अटेली और नारनौल – ये तीन विधानसभा पड़ती है मगर यहाँ भूपेंद्र यादव की एक भी जनसभा तय नहीं की गई. इन तीनों सीटों पर राव समर्थित विधायक हैं और इनमें से 2 विधायक तो मंत्री भी हैं, बावजूद इसके इन विधायकों की तरफ से केंद्रीय मंत्री के स्वागत में कोई जनसभा नहीं बुलाई गई.

नांगल चौधरी से विधायक अभय सिंह यादव राव के विरोधी माने जाते हैं कयास लगाए जा रहे है कि इसलिए ही उन्होनें भूपेंद्र यादव के स्वागत में जनसभा का आयोजन किया. यात्रा की रूप रेखा देखने पर अहीरवाल की राजनीति में जारी इस गुटबाजी को आसानी से पहचाना जा सकता है.

दैनिक भास्कर रेवाड़ी के ब्यूरो चीफ अजय भाटिया ने इस मामले में गाँव सवेरा से बातचीत में कहा, “राव इंद्रजीत सिंह भाजपा की विचारधारा के साथ अपने रूतबे और उसूलों की राजनीति करते हैं. राव समर्थक भी भाजपा के संगठन मंडल और उसके कार्यों पर राव के मिजाज को तवज्जो देते रहे हैं, कई बार ऐसा मैसेज दिया है कि उनके लिए राव इंद्रजीत सिंह ही पूरी पार्टी हैं. जबकि भाजपा चाहती है कि उनकी पार्टी का नेता पार्टी विचारधारा और पार्टी लाइन दोनों को फॉलो करे. भाजपा नए लोगों को मौका देने की बात कहकर भूपेंद्र यादव में भविष्य देख रही है, भाजपा की विचारधारा वाले ये नेता अमित शाह के करीबी भी हैं. भाजपा ने भूपेंद्र यादव के सहारे अहीरवाल में नया अहीर नेता खड़ा कर दिया है, इसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. राव समर्थक इसे राव को कमजोर करने की साजिश मान रहे हैं.”

न्यूज-18 हरियाणा के साउथ हरियाणा हेड धर्मवीर शर्मा का कहना है, “यदि भाजपा ये सोच रही है कि भूपेंद्र यादव को वो राव इंद्रजीत सिंह के विकल्प के तौर पर कामयाब कर लेगी तो ये मुझे संभव होता नजर नहीं आ रहा. इसको भाजपा के एक प्रयोग के रूप में जरूर देखा जा सकता है कि कल को राव इंद्रजीत सिंह पार्टी छोड़ दे तो उनके पास राव का विकल्प रहे. राव इंद्रजीत सिंह की विचारधारा कभी भी भाजपा से नहीं मिल सकती इसलिए भाजपा संघ की क्यारी से आए भूपेंद्र यादव पर भविष्य के लिए दांव लगा रही है. राव इंद्रजीत सिंह अहीरवाल में कभी भी नम्बर दो पर रहना पसंद नहीं करते, यही कारण है कि वो भूपेंद्र यादव की सम्मान यात्रा में भी शामिल नहीं हुए.”

 हालांकि यात्रा के दौरान गुरुग्राम में मीडिया से बातचीत करते हुए इस मामले पर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने किसी भी तरह की गुटबाजी से इंकार करते हुए कहा कि,“राव साहब हमारे दिग्गज नेता हैं, रातों-रात कोई उनकी जगह नहीं ले सकता.” लेकिन राव इंद्रजीत सिंह के यात्रा में शामिल न होने और भास्कर में उनके समर्थकों द्वारा छपवाए गए विज्ञापन के बाद गुटबाजी की सुगबुगाहट तेज हो गई थी. राव के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर खुलकर भाजपा के खिलाफ लिखना शुरू कर दिया था.

केंद्रीय मंत्री भूपेद्र यादव की जन आशीर्वाद यात्रा का आखिरी पड़ाव झुंझुनू जिले के खांदवा गाँव में था, उसके बाद उन्हें वापस दिल्ली जाना था और 19 अगस्त से अलवर, जयपुर और अजमेर की यात्रा करनी थी.

तभी 17 अगस्त की सुबह तकरीबन 11 बजे यह खबर आई कि भूपेंद्र यादव और राव इंद्रजीत सिंह साथ में रात्रिभोज करेंगे जिसका आयोजन राव इंद्रजीत सिंह के पैतृक निवास रामपुर हाउस पर किया जाएगा. यह ख़बर हैरान करने वाली थी क्योंकि जो तय कार्यक्रम था उसमें इस तरह के आयोजन की कोई जानकारी नहीं थी.

भूपेंद्र यादव ने अपनी सभा पूरी करने के बाद वापस दिल्ली जाते हुए राव इंद्रजीत सिंह से उनके घर पर मुलाकात की, यहाँ वो केवल आधे घंटे ही रुके. दोनों नेताओं की साथ बैठे तस्वीर भी रात करीब 10 बजे सामने आ गई जिसको बाद में राव इंद्रजीत सिंह ने अपने ट्विटर और फेसबुक पर शेयर भी किया मगर भूपेंद्र यादव ने इस मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया पर किसी तरह की कोई पोस्ट नहीं की. इस से एक बार फिर यह साफ हो गया कि अहीरवाल में भाजपा भले ही सबकुछ ठीक होने का दावा करे मगर पार्टी में गुटबाजी नजर आने लगी है. 

बड़ी मशक्कत के बाद पार्टी हाईकमान ने दोनों नेताओं के बीच रात्रिभोज के बहाने मीटिंग तय करवाई थी ताकि गुटबाजी की अटकलों को लगाम दिया जा सके मगर पूरी जन आशीर्वाद यात्रा की दर्ज़नों फोटो सोशल मीडिया पर डालने वाले भूपेंद्र यादव ने रात्रिभोज के बारे में सोशल मीडिया पर कोई प्रतिक्रिया न देकर राव इंद्रजीत सिंह से हिसाब बराबर कर लिया. इस पूरे घटनाक्रम के हिसाब से देखे तो आने वाले वक्त में अहीरवाल की राजनीति और दिलचस्प होने वाली है.