झझर: मंडी से बाजरे का उठान नहीं होने पर बढ़ी धान किसानों की परेशानी!
सरकारी एजेंसी हाफेड द्वारा खरीदा गया कुल 12,167 क्विंटल से अधिक बाजरा अभी भी जिले की अलग अलग अनाज मंडियों और खरीद केंद्रों में नहीं उठाया गया है, जो कुल खरीदे गए बाजरे का 42 प्रतिशत से अधिक है. बाजरे की फसल का उठान नहीं होने से धान किसानों के लिए समस्याएं पैदा हो रही है क्योंकि मंडियों में अधिकतर जगह बाजरे द्वारा घेर ली गई है. हैफेड द्वारा जिले में अब तक कुल 28,878 मीट्रिक टन बाजरा 2,200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा गया है, जबकि मंडियों से केवल 16,711 मीट्रिक टन ही उठाया जा सका है.
झज्जर अनाज मंडी कमीशन एजेंट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष चांद सिंह ने बताया, “बाजरे की धीमी उठान के कारण धान किसानों को अनाज मंडियों में अपनी उपज वापस लाने के लिए मजबूर होना पड़ा है, क्योंकि मंडियों में धान की उपज के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. हमें रोजाना कई किसानों के फोन आ रहे हैं, जो अपना धान बेचना चाहते हैं, लेकिन जगह की कमी के कारण वे इसे मंडियों में लाने में असमर्थ हैं.” उन्होंने आगे कहा कि धीमी उठान के कारण किसानों के भुगतान में भी देरी हो रही है क्योंकि नियमों के अनुसार, अधिकारी खरीदे गए अनाज के गोदाम में पहुंचने के बाद ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू करते हैं.
जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक कौशल पाल ने कहा कि जिले में छह अनाज मंडियों/खरीद केंद्रों पर बाजरे की खरीद की जा रही है. उन्होंने कहा, “बहादुरगढ़ में कुल 146.80 मीट्रिक टन, बेरी में 1628.55 मीट्रिक टन, ढाकला में 5123.55 मीट्रिक टन, झज्जर में 1200.17 मीट्रिक टन, बादली में 509.70 मीट्रिक टन और मातनहेल में 9468.05 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा गया है.” वहीं जिला उपायुक्त शक्ति सिंह ने कहा कि जिले की सभी अनाज मंडियों में बाजरे की खरीद व्यवस्थित तरीके से और तय कार्यक्रम के अनुसार की जा रही है.