नासिक के प्याज किसानों को अब तक नहीं मिला 100 करोड़ रुपये का भुगतान,दिल्ली पहुंचे किसान!

 

महाराष्ट्र के नासिक में प्याज उगाने वाले किसानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. प्राइस स्टेबिलाइजेशन फंड स्कीम के तहत हुई प्याज की खरीद पूरी हो चुके पाँच महीने बीत जाने के बावजूद लगभग 100 करोड़ रुपये का भुगतान अभी तक लंबित है, जिसके चलते किसान गुस्से में दिल्ली पहुंच गए हैं.

किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग की लापरवाही के कारण उन्हें भुगतान नहीं मिला. इस स्कीम के तहत लगभग 3 लाख टन प्याज की खरीद पूरी हो चुकी थी, लेकिन लगभग 25% किसानों को भुगतान नहीं दिया गया है. किसानों और खरीदार संगठनों के प्रतिनिधि अब दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि उनकी आवाज सुनी जाए.

किसानों की मुख्य शिकायत

किसानों ने कहा है कि छह महीने पहले उन्होंने NAFED और NCCF को प्याज बेचा था और तब 72 घंटे के भीतर भुगतान का वादा किया गया था, लेकिन अब तक पैसे नहीं मिले हैं.

किसानों का आरोप है कि कंज्यूमर अफेयर्स विभाग, FCI, NAFED और NCCF के अधिकारी खरीद और भुगतान प्रक्रिया में भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं.

किसानों और संगठनों के प्रतिनिधियों ने संसद सत्र के दौरान दिल्ली पहुंचकर सरकार से मिलने की कोशिश की है और उनका कहना है कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे आगे की कार्यवाही करने को तैयार हैं. यह आंदोलन प्याज की गिरती कीमतों, भुगतान में देरी और संरक्षित योजना के क्रियान्वयन की चुनौतियों से जुड़ा है, और महाराष्ट्र के प्याज किसानों के लिए एक बड़ी आर्थिक चिंता का विषय बन गया है.