पराली जलाने के आरोप में किसानों पर FIR, 30 हजार का जुर्माना, MSP के लाभ से भी किया वंचित!

हरियाणा के करनाल जिले में पराली जलाने के आरोप में तीन किसानों को पर न केवल 30 हजार जुर्माना लगाया गया बल्कि उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल बेचने से भी वंचित कर दिया गया है. किसानों पर यह कार्रवाई राज्य सरकार द्वारा घोषित ‘जीरो बर्निंग मिशन 2025’ के तहत की गई है.
सरकार ने इन किसानों के नाम ‘मेरी फसल, मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रेड एंट्री में डाल दिए हैं, जिससे उनकी MSP खरीद प्रक्रिया बंद हो गई है. संबंधित किसानों पर वायु प्रदूषण कंट्रोल एवं रोकथाम एक्ट,1981 और भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
उप निदेशक वज़ीर सिंह ने पुष्टि की कि तीनों किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, कुल 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है और ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रेड एंट्री की गई है. अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित किसान केमला गाँव के जसमेर, फुरलक के दिनेश कुमार और बिजना के विक्की हैं, ये सभी घरौंडा ब्लॉक के हैं.
तकनीक और जुर्माने की मार
किसानों का कहना है कि प्रशासन की यह कार्रवाई कठोर और एकतरफा है. जुर्माने के अलावा ‘रेड एंट्री’ के कारण MSP गेट पास नहीं कट रहे, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. कई किसान पोर्टल पर “नॉट फाउंड” या “नॉट वैरिफाई” जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. हालांकि सरकार का उद्देश्य वायु प्रदूषण पर नियंत्रण है, लेकिन किसानों का कहना है कि वैकल्पिक साधन पर्याप्त नहीं हैं, और MSP जैसी सुविधा से वंचित करना अन्नदाता का अपमान है.
वहीं सरकार का दावा है कि पराली प्रबंधन के लिए बेलर, हैप्पी सीडर, मल्चर जैसे उपकरण खरीदने पर सब्सिडी देने की योजना शुरू की है लेकिन इस साल 1,904 किसानों ने आवेदन किया, जिसमें से केवल 1,110 किसानों को ही उपकरण देने के लिए चुना गया है.
Top Videos

टमाटर बिक रहा कौड़ियों के दाम, किसानों को 2-5 रुपये का रेट!

किसानों ने 27 राज्यों में निकाला ट्रैक्टर मार्च, अपनी लंबित माँगों के लिए ग़ुस्से में दिखे किसान

उत्तर प्रदेश के नोएडा के किसानों को शहरीकरण और विकास क्यों चुभ रहा है

Gig Economy के चंगुल में फंसे Gig Workers के हालात क्या बयां करते हैं?
