विश्व कुश्ती संघ का पहलवानों को समर्थन, भारतीय कुश्ती संघ को भंग करने की चेतावनी!

कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ जारी पहलवानों के आंदोलन को लेकर विश्व कुश्ती संघ ने चिंता जाहिर करते हुए लिखा कि हमारी नजर भारत में जारी महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले को लेकर आंदोलन पर बनी हुई है. विश्व कुश्ती संघ ने भारतीय पहलवानों पर हुई पुलिसिया बर्बरता पर चिंता जताते हुए पहलवानों को पुलिस हिरासत में लिए जाने की निंदा की.

वहीं विश्व कुश्ती संघ ने कहा ऐसे में अगर भारत जल्द ही कुश्ती संघ के चुनाव नहीं करवाता है तो भारतीय कुश्ती संघ को रद्द कर दिया जाएगा. बता दें कि विश्व कुश्ती संघ का यह बयान पहलवानों के हरिद्वार गंगा में मेडल बहाने के एलान के बाद सामने आया है. इतना ही नहीं विश्व कुश्ती संघ ने अपने बयान में कहा कि जल्द ही हमारी ओर से विश्व कुश्ती संघ के प्रतिनिधि आंदोलन कर रहे पहलवानों से मिलने भारत पहुंचेंगे.

बता दें कि पहलवान को दिल्ली में आंदोलन करते हुए एक महीने से ज्यादा हो चुका है. पहलवान महिला पहलवानों के साथ हुए यौन शोषण मामले में कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

ओलंपियन मीराभाई चानू समेत 11 अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने दी मेडल वापस लौटाने की चेतावनी!

ओलंपियन मीराभाई चानू समेत मणिपुर के 11 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर अपने मेडल लौटाने की बात कही है.खिलाड़ियों ने मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखा है. इसके साथ ही सभी खिलाड़ियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जिसमें खिलाड़ियों ने मणिपुर में जारी हिंसा पर जल्द काबू पाने और प्रदेश में शांति बहाली की मांग की है. इतना ही नहीं पहलवानों ने प्रदेश में शांति बहाल नहीं होने पर देश के लिए न खेलने की भी चेतावनी दी है.

एथलीथ अनिता चानू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘अगर अमित शाह हमें मणिपुर की अखंडता की रक्षा का आश्वासन नहीं देते हैं, तो हम भारत सरकार की तरफ से दिए गए पुरस्कार वापस कर देंगे।’ उन्होंने कहा कि अगर मांग पूरी नहीं हुई तो भविष्य में खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे.”

सरकार को लिखे गए इस पत्र पर ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू के अलावा पद्म पुरस्कार विजेता भारोत्तोलक कुंजारानी देवी, भारतीय महिला फुटबॉल टीम की पूर्व कप्तान बेमबेम देवी, मुक्केबाज एल सरिता देवी जैसे बड़े खिलाड़ियों ने सहमति जताई. बता दें कि मणिपुर नें पिछले कईं हफ्तों से हिंसा जारी है. अब तक इस हिंसा में 80 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. हिंसा शांत करने की मांग को लेकर इऩ खिलाड़ियों ने सरकार को पत्र लिखकर मेडल वापस करने की चेतावनी दी है. 

पहलवानों ने मेडल गंगा में बहाने के बाद दिल्ली में आमरण अनशन का एलान किया!

पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने बड़ा एलान किया है. पहलवानों ने उनके साथ हुई पुलिस की बर्बरता को अपना अपमान बताते हुए सभी मेडल हरिद्वार (गंगा) में बहाने का फैसला किया है. मेडल गंगा में बहाने के बाद पहलवान दिल्ली में आमरण अनशन पर बैठेंगे. पहलवानों ने एक लिखित बयान जारी किया है. नीचे पढ़िये पहलवान बजंरग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक का लिखित बयान.

28 मई को जो हुआ वह आप सबने देखा. पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया. हमें कितनी बर्बरता से गिरफ़्तार किया. हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे. हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही एफ़आईआर दर्ज कर दी गई. क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए योन उत्पीड़न के लिए न्याय माँगकर कोई अपराध कर दिया है. पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है, जबकि उत्पीड़क खुली सभाओं में हमारे ऊपर फबतियाँ कस रहा है. टीवी पर महिला पहलवानों को असहज कर देने वाली अपनी घटनाओं को क़बूल करके उनको ठहाकों में तब्दील कर दे रहा है. यहाँ तक कि पास्को एक्ट को बदलवाने की बात सरेआम कह रहा है. हम महिला पहलवान अंदर से ऐसा महसूस कर रही हैं कि इस देश में हमारा कुछ बचा नहीं है. हमें वे पल याद आ रहे हैं जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे.

अब लग रहा है कि क्यों जीते थे. क्या इसलिए जीते थे कि तंत्र हमारे साथ ऐसा घटिया व्यवहार करे. हमें घसीटे और फिर हमें ही अपराधी बना दे.कल पूरा दिन हमारी कई महिला पहलवान खेतों में छिपती फिरी हैं. तंत्र को पकड़ना उत्पीड़क को चाहिए था, लेकिन वह पीड़ित महिलाओं को उनका धरना ख़त्म करवाने, उन्हें तोड़ने और डराने में लगा हुआ है.

अब लग रहा है कि हमारे गले में सजे इन मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया है. इनको लौटाने की सोचने भर से हमें मौत लग रही थी, लेकिन अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता करके भी क्या जीना. यह सवाल आया कि किसे लौटाएँ. हमारी राष्ट्रपति जी को, जो ख़ुद एक महिला हैं. मन ने ना कहा, क्योंकि वह हमसे सिर्फ़ 2 किलोमीटर बैठी सिर्फ़ देखती रहीं, लेकिन कुछ भी बोली नहीं.

हमारे प्रधानमंत्री जी को, जो हमें अपने घर की बेटियाँ बताते थे. मन नहीं माना, क्योंकि उन्होंने एक बार भी अपने घर की बेटियों की सुध – बुध नहीं ली. बल्कि नयी संसद के उद्घाटन में हमारे उत्पीड़क को बुलाया और वह तेज सफ़ेदी वाली चमकदार कपड़ों में फ़ोटो खिंचवा रहा था. उसकी सफ़ेदी हमें चुभ रही थी. मानो कह रही हो कि मैं ही तंत्र हूँ. इस चमकदार तंत्र में हमारी जगह कहाँ हैं, भारत के बेटियों की जगह कहाँ हैं. क्या हम सिर्फ़ नारे बनकर या सत्ता में आने भर का एजेंडा बनकर रह गई हैं.

ये मेडल अब हमें नहीं चाहिए क्योंकि इन्हें पहनाकर हमें मुखौटा बनाकर सिर्फ़ अपना प्रचार करता है यह तेज सफ़ेदी वाला तंत्र. और फिर हमारा शोषण करता है. हम उस शोषण के ख़िलाफ़ बोलें तो हमें जेल में डालने की तैयारी कर लेता है.

इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्योंकि वह गंगा माँ हैं. जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया था. ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र माँ गंगा ही हो सकती है, न कि हमें मुखौटा बना फ़ायदा लेने के बाद हमारे उत्पीड़क के साथ खड़ा हो जाने वाला हमारा अपवित्र तंत्र

मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं. इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा. इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएँगे. इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी. हम उनके जितने पवित्र तो नहीं हैं लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलते वक्त हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी.

अपवित्र तंत्र अपना काम कर रहा है और हम अपना काम कर रहे हैं. अब लोक को सोचना होगा कि वह अपनी इन बेटियों के साथ खड़े हैं या इन बेटियों का उत्पीड़न करने वाले उस तेज सफ़ेदी वाले तंत्र के साथ.

आज शाम 6 बजे हम हरिद्वार में अपने मेडल गंगा में प्रवाहित कर देंगे.

इस महान देश के हम सदा आभारी रहेंगे.

इस पुलिस अधिकारी ने दी पहलवानों को गोली मारने की धमकी!

पहलवानों को लेकर एक पूर्व आईपीएस अधिकारी का विवादित बयान सुर्खियों में है. दरअसल 1986 बैच के केरल कैडल के IPS अधिकारी एन एस अस्थाना ने पहलवानों को लेकर एक विवादित टवीट किया है जिसका जवाब देते हुए पहलवान बजरंग पुनिया ने भी ट्विट किया है. कल दिल्ली में पहलवानों पर हुये पुलिसिया एक्शन पर एन सी अस्थाना ने टवीट करते हुए लिखा, “जरूरत हुई तो गोली भी मारेंगे. मगर, तुम्हारे कहने से नहीं. अभी तो सिर्फ कचरे के बोरे की तरह घसीट कर फेंका है. दफ़ा 129 में पुलिस को गोली मारने का अधिकार है. उचित परिस्थितियों में वो हसरत भी पूरी होगी. मगर वह जानने के लिये पढ़ा लिखा होना आवश्यक है. फिर मिलेंगे पोस्टमाॅर्टम टेबल पर!”

इस पर बजरंग पुनिया ने प्रतिक्रिया देते हुये लिखा, “ये IPS ऑफिसर हमें गोली मारने की बात कर रहा है. भाई सामने खड़े हैं, बता कहाँ आना है गोली खाने…क़सम है पीठ नहीं दिखाएँगे, सीने पे खाएँगे तेरी गोली. यो ही रह गया है अब हमारे साथ करना तो यो भी सही.”

केरल के डीजीपी और सीआरपीएफ, बीएसएफ जैसी फॉर्स में बड़े पदों पर रह चुके अस्थाना का विवादों से पुराना नाता रहा है. हिंदू-मुस्लिम विवाद में हेट स्पीच के देने के चलते अस्थाना का ट्विटर अकाउंट तक सस्पेंड हो चुका है.

वहीं अस्थाना के इस ट्वीट पर दुर्र के एसपी और ईपाएस अधिकारी प्रभात कुमार ने लिखा, “हर टोकरी में कुछ सड़े हुए अंडे होते हैं, यह भाषा हमारी टोकरी की नहीं है.”

‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ वाली सरकार के 538 सरकारी स्कूलों में नहीं बेटियों के लिए शौचालय की सुविधा!

बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ योजना के विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च करने वाली बीजेपी सरकार स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय तक उपलब्ध नहीं करवा पाई है. एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा के 538 सरकारी स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय तक नहीं हैं. वहीं 1047 ऐसे सरकारी स्कूल हैं जिनमें लड़कों के लिए यूरिनल पॉट की व्यवस्था नहीं है. साथ ही 131 ऐसे सरकारी स्कूल हैं जिनमें पीने के पानी की उचित व्यवस्था नहीं है और 236 ऐसे स्कूल हैं जिनमें बिजली का कनेक्शन तक नहीं है.

अंग्रेजी अखबार टीओआई में छिपी एक रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 8242 नये क्लास रूम और साईंस लैब, कंप्यूटर लैब और स्टाफ रूम को मिलाकर कुल 5630 कमरे बनाए जाने की जरुरत है. वहीं प्रदेश में 321 ऐसे सरकारी स्कूल हैं जिनकी चार दिवारी तक नहीं है. 

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शौचालयो, कमरों आदि की कमी पूरी करन के लिए करीबन 1784 करोड़ की राशि की जरुरत है लेकिन 2023-24 के बजट में केवल 424 करोड़ रुपये अलॉट किए गए हैं.

यह जानकारी शिक्षा विभाग के डायरेक्टर अंसाज सिंह की ओर से पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में दी गई है.वहीं इस मामले पर हाई कोर्ट ने कहा कि आधारभूत जरुरतों को पूरा करने के लिए 25 लाख तक की राशि का काम बिना टेंडर के स्कूल मैनेजमेंट द्वारा करवाया जा सकता है.   

दिल्ली: महिला महापंचायत के लिए रवाना हुईं हजारों महिलाएं!

पिछले एक महीने से दिल्ली के जंतर मंतर पर महिला पहलवानों के यौन शोषण के खिलाफ धरना दे रहे पहलवान रविवार को संसद भवन की नई बिल्डिंग के उद्धाटन समारोह के दौरान महिला सम्मान महापंचायत करेंगे. पहलवानों के आंदोलन को अब किसान संगठनों, खापों और सिख संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है. कुश्ति महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण की गिरफ्तारी को लेकर पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया समेत सभी पहलवान हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और यूपी के अलग-अलग हिस्सों में जाकर आंदोलन के लिए लोगों का समर्थन जुटा रहे हैं.

इस बीच महापंचायत की तैयारियों को लेकर पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे कार्यक्रम की रणनीति मीडिया के सामने रखी. पहलवान साक्षी मलिक ने बताया, “28 मई को महिला सम्मान महापंचायत में पंजाब और हरियाणा के किसान और मजदूर संगठन सिंघु बॉर्डर पहुंचेंगे. हरियाणा की खाप पंचायतें और टोल कमेटियां टिकरी बॉर्डर पहुंचेंगी. तो वहीं उत्तर प्रदेश के किसान संगठन और खाप पंचायतें गाजीपुर बॉर्डर पहुंचेंगी सभी 11.30 बजे नई संसद के लिए कूच करेंगे.”

वहीं पंजाब के अमृतसर से महिला किसानों के जत्थे दिल्ली सिंघु बॉर्डर के लिए रवाना हो चुके हैं.

ब्यास, अमृतसर से महिला किसानों का जत्था दिल्ली रवाना हुआ

इसके साथ ही उत्तराखंड के किसान संगठनों ने भी पहलवानों के आंदोलन को समर्थन देते हुए कल दिल्ली पहुंचने का एलान किया है.

उत्तराखंड के किसान संगठनों का दिल्ली कूच का एलान.

जींद: पटवारी ने किसानों को मिलने वाली 2 करोड़ की राशि अय्याशी और सट्टे में उड़ाई!

जींद की उचाना तहसील के पटवारी सन्नी ने खराब फसलों की मुआवजा राशि किसानों के खाते में न डालकर अपने साथियों के खाते में डालकर करोड़ों रुपये का गबन किया. पुलिस ने इस घोटाले से जुड़े सन्नी पटवारी और उसकी महिला मित्र समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. हिंदी समाचार पत्र दैनिक ट्रिब्यून में छपी खबर के अनुसार डीएसपी संदीप कुमार ने बताया कि उचाना के नायब तहसीलदार प्रतीक की शिकायत पर मुआवजा राशि में घोटाले करने, फर्जी साइन करके दूसरों के खाते में मुआवजा राशि डाले जाने पर मामला दर्ज किया गया था.

पुलिस सन्नी पटवारी को गिरफ्तार करने के बाद उससे रिकवरी कर रही है. 2 करोड़ रुपये के आस-पास की राशि का घोटाला किया गया है. अब तक 29 लाख रुपये, साढ़े चार लाख रुपये के करीब की कीमत की गाड़ी की रिकवरी की जा चुकी है.

बता दें कि पटवारी सन्नी के पास उचाना तहसील के कुल आठ गांव थे. पटवारी ने गबन की गई राशि का बड़ा हिस्सा महिला मित्र के खाते में डाला था. डीएसपी ने बताया क्रिकेट मैचों में सट्टा लगाने के साथ-साथ ये अय्याशी भी करता था. अपनी अय्याशी, क्रिकेट में सट्टा लगाने के लिए ये घोटाला किया गया.

रकबर खान मॉब लिंचिंग मामले में चार गौ-रक्षकों को 7 साल की सजा!

राजस्थान की अलवर अतिरिक्त जिला एवं शेसन कोर्ट ने 2018 के रकबर खान मॉब लिंचिंग मामले में चार गौ रक्षकों को दोषी ठहराते हुए सात-सात साल की सजा और प्रत्येक पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुनील कुमार गोयल ने 92 पेज के फैसले में परमजीत, धर्मेंद्र, नरेश और विजय को आईपीसी की धारा 304, 323 और 341 के तहत सजा सुनाई है.  

घटना 20 जुलाई 2018 की है जब रकबर अपने दोस्त असलम खान के साथ राजस्थान के अलवर से नूंह के अपने कोलगांव एक दुधारु पशु को लेकर आ रहे थे. इस दौरान गौ तस्करी के शक में चार गौ रक्षकों ने रकबर की पीट पीटकर हत्या कर दी थी. इस बीच रकबर का दोस्त असलम भागकर बचने में कामयाब रहा था.     

वहीं मौके पर पहुंची पुलिस रकबर को अस्पताल ले गई, जहां उसकी मौत हो गई थी. एफआईआर में पुलिस ने रकबर के अस्पताल में दिये बयान का जिक्र किया है जिसमें रकबर ने गौरक्षकों के एक समूह द्वारा हमला किए जाने की बात कही थी. वहीं इस मामले पर रकबर की पत्नी ने सजा को पर्याप्त नहीं बताते हुए कहा, ‘हम जैसे गरीब लोगों के लिए न्याय का कोई मतलब नहीं है.”

बुढ़ापा पेंशन में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच CBI को सौंपी!

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा में हुए बुढ़ापा पेंशन योजना को लेकर बड़ा फैसला सुनाते हुए घोटाले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंप दी है. दरअसल हरियाणा सरकार के अधिकारी मृतक बुजुर्गों के नाम पर बुढ़ापा पेंशन जारी कर सरकारी खातों से खजाना लूट रहे थे. बुढ़ापा पेंशन से जुड़ा यह गबन कैग की रिपोर्ट में भी सामने आया था.

लेकिन सरकार की ओर से इस घोटाले में कोई जांच नहीं की गई जिसके सामाजिक कार्यकर्ता राकेश बैंस ने मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. यानी कैग की रिपोर्ट के सहारे घोटाले को कोर्ट में घसीटा गया जिसके बाद हाई कोर्ट ने अब इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. हाई कोर्ट की ओर से सीबीआई को 8 हफ्ते के भीतर मामले की जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.

याचिकाकर्ता राकेश बैंस की ओर से हाई कोर्ट में मामले को देख रहे एडवोकेट प्रदीप राबड़िया ने बताया, “इस मामले में 60 वर्ष से कम उम्र के लोगों और मृतक बुजुर्गों के नाम से भी पेंशन जारी की जा रही थी.” बता दें कि इस पूरे मामले में सीबीआई कईं बड़े आईएएस अधिकारियों से भी पूछताछ कर सकती है.

बता दें कि हरियाणा में बुढ़ापा पेंशन एक सियासी टूल के तौर पर प्रयोग होता रहा है जहां पिछले विधानसभा चुनाव में जेजेपी नेता और मौजूदा उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बुढ़ापा पेंशन 5 हजार रुपये महीना करने का वादा किया था जो अब तक केवल 2750 तक पहुंच पाई है तो वहीं आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 6 हजार रुपये बुढ़ापा पेंशन करने का वादा कर दिया है.    

बृजभूषण ने कहा, “पहलवानों के आंदोलन का खालिस्तानी और टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ कनेक्शन”

यौन शोषण के आरोपी कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण के खिलाफ जारी आंदलोन को एक महीना बीत चुका है. दोनों ओर से आरोप प्रत्यारोप के बीच बृजभूषण सिंह का एक और नया बयान आया है. बृजभूषण ने पहलवानों के आंदोलन को लेकर एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू के दौरान पहलवानों के आंदोलन का खालिस्तानी कनेक्शन बताया है.

बृजभूषण ने अपने बयान में कहा, “पहलवानों का आंदोलन हाथ से निकल चुका है. पहलवान तो केवल मोहरा है अब यह पहलवानों का आंदोलन नहीं रहा है. पहलवानों के आंदोलन का खालिस्तानी, शाहिन बाग और टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ कनेक्शन है.”

बृजभूषण ने आगे कहा, “जो ताकतें किसान आंदोलन में सक्रिय थीं पहलवानों के आंदोलन के पीछे भी उन्हीं ताकतों का हाथ है. मुझे निशाना बनाना तो एक बहाना इनका असली निशाना पीएम मोदी है. खालिस्तानी ताकतें पहलवानों के कंधों का सहारा लेकर यह आंदोलन चला रही हैं.”

बता दें कि आंदोलन के एक महीना पूरा होने पर पहलवानों ने भी आंदोलन को अगले पड़ाव में ले जाने के लिए खाप का मदद से 28 मई को संसद भवन की नई बिल्डिंग के उद्धघाटन समारोह वाले दिन महिला पंचायत का आयोजन किया है. इस महापंचायत से जो फैसले लिए जाएंगे उन पर खाप और किसान नेता पहलवानों के साथ खड़े रहेंगे.