पीएम मोदी का काला झंडा दिखाकर विरोध करेंगे किसान!
तमिलनाडु के 16 किसान संगठनों के संयुक्त मंच ‘जॉइंट मूवमेंट ऑफ तमिलनाडु फार्मर्स एसोसिएशंस’ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोयंबटूर दौरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है. संगठन का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा जीनोम एडिटेड फसल अनुसंधान को बढ़ावा देना प्राकृतिक खेती की अवधारणा के विपरीत है. प्रधानमंत्री 17 जून को कोयंबटूर में आयोजित होने वाले साउथ इंडिया नेचुरल फार्मिंग समिट में शामिल होंगे.
किसान संगठनों के नेताओं, जिनमें ‘कावेरी’ वी. धनाबालन और पी. अय्यक्कनु प्रमुख हैं, ने आरोप लगाया कि सरकार एक ओर प्राकृतिक खेती की बात करती है, तो दूसरी ओर जीनोम एडिटेड फसलों पर बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है. उनके अनुसार केंद्र ने वर्ष 2023–24 में जीनोम एडिटिंग से संबंधित अनुसंधान के लिए लगभग 500 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिससे किसानों में अविश्वास बढ़ा है.
किसानों का कहना है कि जीनोम एडिटेड किस्में मिट्टी की उर्वरता पर असर डाल सकती हैं और पारंपरिक फसल किस्मों के लिए खतरा बन सकती हैं. वे इसे “प्राकृतिक कृषि” के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताते हैं.
किसान संगठनों ने घोषणा की है कि प्रधानमंत्री के आगमन पर वे काला झंडा दिखाकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे. इसके साथ ही नई दिल्ली में भी समानांतर प्रदर्शन करने की योजना है, जहाँ वे सरकार की नीतियों को “विरोधाभासी” बताते हुए ज्ञापन सौंपेंगे.
किसानों ने मांग की है कि यदि केंद्र वास्तव में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना चाहता है, तो उसे जीनोम एडिटेड फसलों के समर्थन को बंद करना चाहिए. उनका कहना है कि किसानों और पर्यावरण के दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए.
Top Videos

टमाटर बिक रहा कौड़ियों के दाम, किसानों को 2-5 रुपये का रेट!

किसानों ने 27 राज्यों में निकाला ट्रैक्टर मार्च, अपनी लंबित माँगों के लिए ग़ुस्से में दिखे किसान
उत्तर प्रदेश के नोएडा के किसानों को शहरीकरण और विकास क्यों चुभ रहा है

Gig Economy के चंगुल में फंसे Gig Workers के हालात क्या बयां करते हैं?
