केंद्र ने 10% तक खराब धान की खरीद को दी मंजूरी, किसान बोले–‘बहुत देर कर दी सरकार ने’
केंद्र सरकार ने पंजाब में 10 प्रतिशत तक खराब धान की सरकारी खरीद की मंजूरी दी है. सरकार का यह फैसला 2025-26 खरीफ सीजन के लिए लागू होगा. हालांकि किसानों और चावल मिल मालिकों का कहना है कि यह राहत बहुत देर से आई है और अब इसका कोई बड़ा फायदा नहीं होगा.
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, पंजाब और चंडीगढ़ में अब 10 फीसदी तक रंग बदला, अंकुरित, या कीड़ों से ग्रसित धान को भी खरीद के लिए स्वीकार किया जाएगा. हालांकि इस 10 फीसदी में से अधिकतम 4 फीसदी तक ही खराब धान की अनुमति होगी. सरकार ने यह भी साफ किया है कि ऐसे धान को अलग से संग्रहित किया जाएगा और यदि इसमें कोई हानि या नुकसान होता है, तो उसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी, न कि केंद्र की.
पंजाब के किसानों का कहना है कि राहत की घोषणा अब आई है, जबकि राज्य में 150 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद पहले ही पूरी हो चुकी है. फरीदकोट जिले के किसान अमरजीत सिंह ने कहा, “जब हमारी फसल बारिश से खराब हुई थी, तब केंद्र को तुरंत कदम उठाना चाहिए था. अब जब अधिकांश मंडियों में खरीद खत्म हो चुकी है, तो यह राहत हमारे किसी काम की नहीं.”
अगस्त-सितंबर में हुई बारिश और बाढ़ के कारण पंजाब के कई जिलों में धान की फसल प्रभावित हुई थी. केंद्रीय टीम की रिपोर्ट में बताया गया था कि कई इलाकों में धान की खराबी 7 से 22 फीसदी तक पाई गई. पंजाब सरकार ने केंद्र से आग्रह किया था कि वह खरीद मानकों में ढील दे ताकि किसानों को नुकसान न हो.
हालांकि यह फैसला मौसम-प्रभावित किसानों के लिए कुछ राहत लेकर आया है, लेकिन इसके समय और सीमित प्रभाव को लेकर असंतोष बना हुआ है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह निर्णय अक्टूबर की शुरुआत में लिया जाता, तो पंजाब के हजारों किसानों को सीधे राहत मिलती.
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