कर्नाटक: गन्ना किसानों का प्रदर्शन, मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, FRP बढ़ाने की मांग!

 

कर्नाटक के कई जिलों में गन्ना किसानों का आंदोलन तेज हो गया है. बेलगावी, बागलकोट, विजयपुरा और हावेरी जैसे जिलों में हजारों किसान सड़कों पर उतरकर गन्ने की उचित कीमत (FRP) बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि मौजूदा फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस (FRP) उनकी लागत के मुकाबले बहुत कम है और उन्हें उत्पादन लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है.

आंदोलन कर रहे गन्ना किसानों की मांग है कि नेट कीमत ₹3,500 प्रति टन तय की जाए. कटाई और ढुलाई खर्च की कटौती के बाद भी किसानों को पूरा दाम मिले. केंद्र सरकार चीनी का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए. साथ ही एथनॉल नीति और निर्यात नीति में सुधार कर मिलों को राहत दी जाए ताकि वे किसानों को समय पर भुगतान कर सकें.

केंद्र सरकार ने 2025-26 सीजन के लिए गन्ने का FRP ₹3,550 प्रति टन (10.25% रिकवरी रेट पर) तय किया है. लेकिन किसानों का कहना है कि कटाई और ढुलाई के बाद उन्हें केवल ₹2,600–₹3,000 प्रति टन ही मिल पाता है.
बेलगावी और बागलकोट में किसान संगठनों ने हाईवे जाम कर प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया.

किसानों के प्रदर्शन को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर तत्काल बैठक बुलाने की मांग की है. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने गन्ना खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए कई कदम उठाए हैं,जैसे डिजिटल वजन मापक, निगरानी समितियां और ऑनलाइन भुगतान प्रणाली लेकिन मुख्य निर्णय जैसे FRP, MSP और निर्यात नीति केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. वहीं किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो वे राज्यव्यापी बंद और दिल्ली मार्च जैसे कठोर कदम उठाएंगे.