पंजाब: गन्ने के SAP में 11 रुपये की बढ़ोतरी को किसानों ने बताया धोखा!

 

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गन्ने का एसएपी 391 रुपये प्रति क्विंटल की घोषणा की, जो पिछले गन्ना पेराई सत्र 2022-23 के एसएपी से 11 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है. लेकिन वहीं दूसरी ओर किसानों ने 11 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को खारिज कर दिया है. दोआबा और माझा के गन्ना किसानों ने इसके विरोध में मुकेरियां में चीनी मिल के बाहर जालंधर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया.

सीएम भगवंत मान ने गन्ने के दाम में बढ़ोतरी को लेकर जानकारी देते हुए लिखा था, “पंजाब में, 11 रुपये को ‘शगुन’ माना जाता है और हमने इसे अपने किसानों को सद्भावना संकेत के रूप में देने का फैसला किया है. इस बढ़ोतरी के साथ, पंजाब में गन्ना उत्पादकों को दी जाने वाली एसएपी देश में सबसे ज्यादा होगी. मैंने गन्ना किसानों से वादा किया था कि मेरी सरकार उच्चतम एसएपी देगी और मैं पिछले सप्ताह उनसे किया गया यह वादा पूरा कर रहा हूं,”

वहीं किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उचित बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी नहीं करती, उनका विरोध अनिश्चित काल तक जारी रहेगा. किसान गन्ने से भरी ट्रॉलियां लेकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे. धरने का नेतृत्व किसान नेता सतनाम सिंह बागड़ियां, गुरप्रताप सिंह, सोनू औलख और सुरजीत सिंह बिल्ला ने किया. जैसे ही सीएम ने शगुन के रूप में 11 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोतरी की घोषणा की, संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. जालंधर के देश भगत यादगार हॉल में मीडिया से बातचीत करते हुए, भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के अध्यक्ष मंजीत सिंह राय और अन्य किसान नेताओं ने 11 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को दिखावा बताया.

भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के अध्यक्ष मंजीत सिंह राय ने कहा, “सीएम दिखावा कर रहे हैं कि उन्होंने हमें 11 रुपये का शगुन दिया है लेकिन वास्तव में उन्होंने हमारे साथ क्रूर मजाक किया है. हमने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है. जब सीएम 24 नवंबर को हमसे मिले थे, तो उन्होंने कहा था कि वह 28 नवंबर को विधानसभा सत्र के दौरान बढ़ोतरी की घोषणा करेंगे. हमने तब उनसे पूछा था कि वह किस कीमत की घोषणा करेंगे, उन्होंने हमें बताया कि हरियाणा ने 14 रुपये अधिक की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि पंजाब में गन्ने का राज्य सुनिश्चित मूल्य (एसएपी) अधिक होगा और हम खुश होंगे और उन्हें देने के लिए मिठाई लाएंगे.”

उन्होंने आगे कहा, “सीएम ने सत्र के दोनों दिन घोषणा को छोड़ दिया. उन्होंने हमसे जालंधर में रेलवे ट्रैक और एनएच पर धरना हटाने को कहा था. हमने तब भी उनकी बात मान ली थी. सीएम ने फिर अपना वादा तोड़ा है. हम कम से कम 408 रुपये प्रति क्विंटल की उम्मीद कर रहे हैं. आदर्श रूप से, उन्हें गन्ने की अगली फसल के लिए भी घोषणा फरवरी में बुआई के मौसम से पहले ही कर देनी चाहिए ताकि किसानों को पहले से ही पता चल जाए कि जो फसल वे बो रहे हैं उसकी कीमत कितनी होगी.