दिल्ली में मनरेगा मजदूरों का संसद घेराव!
मनरेगा मजदूरों के अधिकारों की रक्षा और सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 21 नवम्बर 2025 को दिल्ली में बड़ा आंदोलन होने जा रहा है. “मनरेगा बचाओ अभियान” के तहत देशभर से मनरेगा मजदूर संसद घेराव करेंगे. हरियाणा से भी बड़ी संख्या में मजदूरों की भागीदारी रहने वाली है.
अभियान के आयोजकों जैसे मनरेगा बचाओ मोर्चा (हरियाणा), राष्ट्रीय मजदूर किसान मंच, क्रांतिकारी मनरेगा मजदूर यूनियन और मनरेगा मेट मजदूर यूनियन ने बताया कि सरकार की नीतियों के कारण मनरेगा मजदूरों का रोजगार लगभग खत्म हो गया है. गाँवों की सड़कों, स्कूलों, खेल मैदानों, तालाबों और श्मशान भूमि जैसे सार्वजनिक कार्य या तो बंद कर दिए गए हैं या सीमित कर दिए गए हैं.
मनरेगा मजदूरों की मुख्य मांगों में 5 अगस्त 2025 के आदेश को वापस लिए जाने और राष्ट्रीय स्तर की टीम से जाँच कराई जाने की मांग शामिल है इसके साथ ही मनरेगा कार्यों पर लगी रोक तुरंत हटाए जाने और गांवों में बंद पड़े मनरेगा के काम खोले जाने की भी मांग है.
सीजनल काम को ग्राम सभा की अनुमति से फिर शुरू किया जाए. मजदूरों की दैनिक मजदूरी ₹800 तय की जाए. मनरेगा के काम ठेकेदारों और JCB मशीनों को न दिए जाएं.

अभियान से जुड़े संगठनों ने कहा कि मनरेगा मजदूरों को अब न तो पूरा काम मिल रहा है और न ही उचित मजदूरी. जबकि कानून के अनुसार हर मजदूर परिवार को साल में 100 दिन का काम मिलना चाहिए. वास्तविकता में मजदूरों को मुश्किल से 30–35 दिन का ही रोजगार मिल पाता है.
मजदूर नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकारें मनरेगा का बजट घटाकर ग्रामीण मजदूरों को रोजगार से वंचित कर रही हैं. वहीं हरियाणा में भी मनरेगा के कामों को ठेकेदारों और मशीनों के हवाले किया जा रहा है, जिससे मजदूरों का हक छीना जा रहा है.
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