लखीमपुर की घटना को रालोद अध्यक्ष ने बताया ‘आंतकी हमला’, UAPA लगाने की मांग

 

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्तूबर को गाड़ी से किसानों को रौंदने की घटना को अब ‘टेरर अटैक’ कहा जाने लगा है. लखीमपुर में बीजेपी के कार्यक्रम का विरोध कर वापस लौट रहे किसानों को कुचलने का वायरल वीडिया दुनिया भर में देखा गया. समाज के संवेदनशील तबके ने इस घटना को नरसंहार के बजाए एक ‘टैरर अटैक’ कहना शुरू कर दिया है. अब तक इस मामले पर किसानों को ‘उपद्रवी’ बताने वाला नैरेटिव काफी हावी था. लेकिन घटना के तमाम वीडियो शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते किसानों पर पीछे से गाड़ियां चढ़ाने की भयावह तस्वीर पेश करते हैं।

अलीगढ़ के खैर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने लखीमपुर में किसानों को गाड़ियों से कुचलने की घटना को आतंकवादी कृत्य करार देते हुए गुनहगारों पर आतंकवाद निरोधक कानून UAPA लगाने की मांग की है.

गत तीन अक्तूबर को बीजेपी नेता और केंद्र में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे की गाड़ी से किसानों को कुलचा गया था, जिसमें चार किसानों की मौत हो गई. किसानों के परिजनों ने शहीद किसानों का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था. जिसके बाद प्रशासन और किसान नेताओं के बीच कुछ मांगों को लेकर समझौता हुआ और तब जाकर मृतक किसानों का अंतिम संस्कार किया गया.

‘गल्फ न्यूज’ के लिए लिखने वाले और ‘पीस एंड कनफ्लिक्ट रिसर्च’ के प्रोफेसर अशोक सिवेन ने ट्विटर पर किसानों को कुचलने का वीडियो शेयर करते हुए लिखा,”यह कोई ‘लोन वुल्फ’ आतंकी हमला नहीं है जिसे आप यूरोप में देख रहे हैं, यह भारत में विरोध कर रहे किसानों के एक समूह पर एक संगठित आतंकी हमला है!”

वहीं ‘दिल्ली हार्ड न्यूज मैगजीन’ के वरिष्ठ पत्रकार संजय कपूर ने लिखा, “जितनी बार आप किसानों को कुचलने का यह वीडियो देखते हैं आप महसूस करते हैं कि यह उस तरह का आतंकवादी हमला है जैसा हमने यूरोप में भी देखा है.”

पूर्व आपीएस अधिकारी और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाले और वर्तमान में बहुजन समाज पार्टी के नेता डॉ प्रवीन कुमार ने लिखा, “बीजेपी या उसके मूक सहयोगियों को वोट देते समय हर भारतीय को यह वीडियो याद रखना चाहिए कि कैसे केंद्रीय भाजपा मंत्री के बेटे ने यूपी के लखीमपुर में निर्दोष किसानों को कुचल दिया. यह उन लोगों पर किसी आतंकी हमले से कम नहीं है, जिनके हाथ हमें रोज खिलाते हैं.”

‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने इस घटना में स्वतंत्र पत्रकार रमन कश्यप की मौत को लेकर दुख जताया. ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने लखीमपुर की घटना को “आंतकी हमला” करार देते हुए इसे किसानों में डर फैलाने की कोशिश बताया है.