पहले भ्रष्ट पटवारियों की सूची जारी की, एक अधिकारी को हटाया अब कोर्ट में सफाई पेश करती दिखी हरियाणा सरकार!

हरियाणा सरकार की ओर से ‘भ्रष्ट’ पटवारियों की सूची जारी करने के खिलाफ एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार को दो अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. वकील साहिबजीत सिंह संधू की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि इस सूची के सार्वजनिक होने के बाद इसका सत्यापन नहीं किया गया. बिना किसी आधिकारिक जांच के व्यक्तियों को ‘भ्रष्ट’ बताना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. पटवारियों को भ्रष्ट बताने पर हरियाणा सरकार से जवाब तलब किया गया है.
सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के एक उप अधीक्षक रैंक के अधिकारी को ‘भ्रष्ट’ पटवारियों की सूची लीक करने के आरोप में सस्पेंड किया गया है.
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि उन 370 पटवारियों और उनके 170 निजी सहायकों के अधिकारों की रक्षा की जा सके, जिनका नाम सूची में प्रकाशित किया गया था. यह सूची 14 जनवरी को राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी की गयी थी. याचिका में कहा गया है कि यह सूची बिना जांच, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए जारी की गयी, जिससे संबंधित लोगों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा और उनके परिवारों को मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ा.
याचिकाकर्ता ने अपील की कि इस सूची को तुरंत सार्वजनिक डोमेन से वापस लिया जाये और आगे इसकी कोई भी जानकारी प्रकाशित या प्रसारित न की जाए. इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने और उन्हें जवाबदेह ठहराने के लिए स्वतंत्र जांच की मांग भी की गयी. याचिका में राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री को भी प्रतिवादी बनाया गया है.
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