हरियाणा: लंपी वायरस के कारण दूध उत्पादन 20% घटा!

लंपी वायरस की बीमारी से हरियाणा के करीबन 70 फीसदी गांव प्रभावित हैं. प्रदेश में संक्रमित पशुओं की संख्या बढ़कर 80 हजार से ज्यादा पहुंच गई है. इनमें से 75 हजार गायें संक्रमित हैं और 145 भैसें भी इस बीमारी से ग्रस्त हो गई हैं. प्रदेश में करीबन 1300 गायों की मौत हो चुकी है.
लंपी वायरस के कारण प्रदेश के दूध उत्पादन में 20 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है. संक्रमित पशुओं की दूध उत्पादन की क्षमता कम हो रही है, जबकि कमजोर पशु बिल्कुल दूध देना कम कर रहे हैं. जिसके चलते प्रदेश में दूध की मांग बढ़ रही है और इसके रेट में भी बढ़ोतरी हो रही है. दूध की मांग को देखते हुए पिछले दिनों वीटा ने भी दूध के दाम दो रुपये बढ़ाए हैं.
अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में करीब 16 लाख परिवारों के पास 36 लाख दुधारू पशु हैं. हरियाणा में कुल वार्षिक दूध का कुल उत्पादन 117.34 लाख टन है. इसमें सबसे अधिक हिस्सा भैंस का 9474 टन, गाय के दूध का 2207 टन और बकरी के दूध का 52 टन उत्पादन शामिल है.
पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, औसतन हरियाणा में 32 लाख टन दूध का उत्पादन होता है लेकिन जब से प्रदेश में लंपी बीमारी आई है, तब से पशुओं के दूध देने की क्षमता घट रही है. इस समय सबसे ज्यादा गाय लंपी वायरस की चपेट में हैं और जिसकी वजह से गाय के दूध उत्पादन में 20 प्रतिशत तक की कमी आई है. इसका दूसरा कारण है कि संक्रमण के भय के चलते पशुपालक दूध निकालने से भी बच रहे हैं. दूध का उत्पादन कम होने से प्रदेश में दूध की मांग भी बढ़ने लगी है.
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