FCI को नहीं मिल रहे चावल के खरीदार, 7.51 लाख टन पेशकश के मुकाबले हुई सिर्फ 460 टन की खरीद!
![](https://www.gaonsavera.com/wp-content/uploads/2023/07/1625516921_shutterstock_1892246335.jpg)
खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत एक तरफ केंद्र सरकार ने राज्यों को बोली लगाने से प्रतिबंधित कर दिया है, दूसरी तरफ भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा की जा रही गेहूं और चावल की ई-नीलामी में चावल के खरीदार नहीं मिल रहे हैं. एफसीआई द्वारा की गई चावल की दो नीलामी में सिर्फ 460 टन चावल की बिक्री हुई है, जबकि कुल पेशकश 7.51 लाख टन की हुई थी. खुदरा कीमतों में वृद्धि को देखते हुए केंद्र सरकार ने केंद्रीय पूल से गेहूं और चावल की बिक्री खुले बाजार में खुदरा विक्रेताओं, प्रोसेसर्स और व्यापारियों को करने का फैसला किया है.
इसके जरिये सरकार की कोशिश कीमतों को नियंत्रित करने की है. एफसीई की ई-नीलामी में ज्यादा से ज्यादा व्यापारी हिस्सा ले सकें और बाजार के निचले स्तर तक ज्यादा से ज्यादा चावल और गेहूं उपलब्ध हो सके इसके लिए ही केंद्र सरकार ने राज्यों को ओएमएसएस के तहत गेहूं और चावल देने से मना कर दिया है.
एफसीआई की ओर से 12 जुलाई को की गई ई-नीलामी में सिर्फ 290 टन चावल की बिक्री हुई, जबकि 3.63 लाख टन चावल बिक्री के लिए उपलब्ध कराया गया था. इसी तरह, 5 जुलाई की नीलामी में 170 टन चावल के ही खरीदार मिले, जबकि पेशकश 3.88 लाख टन की गई थी. जहां तक गेहूं की बात है तो 12 जुलाई की नीलामी में 4.18 लाख टन गेहूं उपलब्ध था लेकिन 42 फीसदी यानी करीब 1.75 लाख टन के लिए ही खरीदारों ने बोली लगाई. 5 जुलाई की नीलामी में 4.07 लाख टन पेशकश के मुकाबले 1.29 लाख टन गेहूं की बिक्री हुई थी.
केंद्रीय पूल से राज्यों को गेहूं और चावल देने के केंद्र की पाबंदी पर कर्नाटक सरकार ने कड़ा विरोध जताया था.कर्नाटक सरकार ने केंद्र के इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा था कि उसकी महत्वपूर्ण अन्न भाग्य योजना” पर अडंगा लगाने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है, जबकि 34 रुपये प्रति किलो की दर पर चावल बेचने को एफसीआई राजी हो गया था. झारखंड सरकार ने भी हाल ही में केंद्र के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि केंद्रीय पूल से चावल नहीं मिलने की वजह से राज्य सरकार को अपनी कल्याणकारी योजनाओं के लिए महंगे दाम पर चावल खरीदना पड़ रहा है.
साभार-रुरल वॉइस
- Tags :
- FCI
- indian agriculture
- किसान
- कृषि संकट
- खेती
Top Videos
![](https://www.gaonsavera.com/wp-content/uploads/2023/12/tractor-rally-pti.jpg)
किसानों ने 27 राज्यों में निकाला ट्रैक्टर मार्च, अपनी लंबित माँगों के लिए ग़ुस्से में दिखे किसान
![](https://www.gaonsavera.com/wp-content/uploads/2023/07/1200-675-18883514-thumbnail-16x9-bhiwani.jpg)
उत्तर प्रदेश के नोएडा के किसानों को शहरीकरण और विकास क्यों चुभ रहा है
![](https://www.gaonsavera.com/wp-content/uploads/2023/10/Capture.jpg)
Gig Economy के चंगुल में फंसे Gig Workers के हालात क्या बयां करते हैं?
![](https://www.gaonsavera.com/wp-content/uploads/2023/07/Screenshot_2023-07-17-07-34-18-09_0b2fce7a16bf2b728d6ffa28c8d60efb.jpg)
Haryana में बाढ़ क्यों आयी? घग्गर नदी | मारकंडा नदी | टांगरी नदी
![](https://www.gaonsavera.com/wp-content/uploads/2024/02/maxresdefault-11-1200x675.jpg)