टिकमगढ़: दो बोरी यूरिया के लिए तीन दिन से लाइन में लगे किसान की हार्ट अटैक से मौत!
यूरिया खाद की किल्लत झेल रहे मध्य प्रदेश के किसानों के संकट ने मंगलवार को एक दर्दनाक मोड़ ले लिया. टिकमगढ़ जिले के बड़ोरा गांव में 52 वर्षीय किसान जमुना कुशवाहा की खाद लेने के लिए लाइन में इंतजार करते समय हार्ट अटैक से मौत हो गई.
परिजनों के अनुसार किसान लगातार तीन दिन से खाद लेने की कोशिश कर रहे थे और मंगलवार को भी वह रातभर लाइन में खड़े रहे. सुबह उनकी तबीयत बिगड़ने लगी—चक्कर, उल्टी और कमजोरी के बाद उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने इलाज के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया.
जिला भर में कई दिनों से यूरिया की भारी कमी के कारण किसानों में आक्रोश है. कई खाद केंद्रों पर किसान रातभर लाइन में रुक रहे हैं. कुछ जगहों पर खाद वितरण को लेकर हंगामा और धक्का-मुक्की की घटनाएं भी हुईं. टिकमगढ़ में किसानों ने सप्लाई में देरी के विरोध में सड़क भी जाम की थी. किसानों का कहना है कि जब गेहूं और चने की बुवाई का चरम समय चल रहा है, ऐसे में खाद न मिलना खेती को बुरी तरह नुकसान पहुँचा सकता है.
परिजनों का आरोप: इंतजार और तनाव ने ली जान.
मृतक किसान के परिवार का आरोप है कि “तीन दिन से वे लाइन और भागदौड़ में लगे थे. तनाव और थकावट की वजह से उनकी हालत बिगड़ी. समय रहते खाद मिल जाती तो यह हादसा नहीं होता.”
स्थानीय पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर लिया है. प्रशासन का कहना है कि किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अतिरिक्त खाद रैक की व्यवस्था की जा रही है. वितरण केंद्रों पर भीड़ नियंत्रण और टोकन सिस्टम लागू करने पर विचार किया जा रहा है.
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