सरकार ने गेंहू के बाद अब गेहूं के आटे के निर्यात पर भी लगाई रोक!

 

सरकार ने गेहूं के आटे के दाम में तेजी पर लगाम लगाने के लिए इसके निर्यात पर रोक लगाने का फैसला लिया. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. आधिकारिक बयान के तहत मंत्रिमंडल के इस निर्णय से अब गेहूं के आटे के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति होगी. इसके पीछे सरकार का मानना है कि आटे की बढ़ती कीमतों पर रोक लगेगी और समाज के सबसे कमजोर तबके के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी.

रूस और यूक्रेन गेहूं के प्रमुख निर्यातक हैं. दोनों देशों की वैश्विक गेहूं व्यापार में लगभग एक-चौथाई हिस्सेदारी हैं. दोनों देशों के बीच युद्ध से गेहूं की आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित हुई है. जिसके चलते भारतीय गेहूं की मांग बढ़ गई है और इसके कारण घरेलू बाजार में गेहूं के दाम में तेजी देखने को मिली है.

इस से पहले सरकार ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मई में गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी. इससे गेहूं के आटे की विदेशी मांग में उछाल आया है. भारत से गेहूं आटे का निर्यात इस साल अप्रैल-जुलाई में सालाना आधार पर 200 फीसदी बढ़ा है.

बयान के अनुसार, इससे पहले गेहूं के आटे के निर्यात पर रोक या कोई प्रतिबंध नहीं लगाने की नीति थी. ऐसे में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और देश में गेहूं आटे की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है. सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है. आर्थिक मामलों की समिति ने गेहूं के आटे पर निर्यात प्रतिबंध के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.’

2021-22 में भारत ने 24.6 करोड़ डॉलर के गेहूं के आटे का निर्यात किया. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि के दौरान निर्यात लगभग 12.8 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है. वहीं मई में गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगाने के बाद सरकार ने चीनी के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाया था.