पंजाब: बाढ़ के बाद भी नहीं मिला चैन,जमीन बहाली में जूझ रहे किसान, प्रशासन बना मूकदर्शक!

पंजाब के किसान इन दिनों दोहरी मार झेल रहे हैं, एक तरफ बाढ़ की तबाही, दूसरी तरफ सरकारी तंत्र की उदासीनता. राज्य के कई जिलों में आई बाढ़ के बाद खेतों की मिट्टी बह गई, उपजाऊ जमीन बर्बाद हो गई, और अब किसान अपनी जमीन को फिर से खेती लायक बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन प्रशासनिक सहायता कहीं नजर नहीं आ रही.
बाढ़ ने पंजाब के फतेहगढ़ साहिब, संगरूर, लुधियाना, और पटियाला जैसे जिलों में सैकड़ों एकड़ जमीन को नुकसान पहुंचाया. खेतों में गाद भर गई, मिट्टी कट गई और कई जगहों पर खेत पत्थर और मलबे में बदल गए.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय किसान गुरनाम सिंह कहते हैं, मेरी 4 एकड़ जमीन थी, अब सिर्फ नाम की जमीन रह गई है. ऊपर से सरकारी बाबुओं के चक्कर लगाओ, तो कोई सुनवाई नहीं. कई किसानों ने दावा किया कि उन्होंने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपे, पंचायतों से लेकर कृषि अधिकारियों तक मदद मांगी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे की घोषणा तो की, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.कई किसानों को अभी तक सर्वे नहीं किया गया. जिनके खेतों का नुकसान रिकॉर्ड किया गया, उन्हें अब तक कोई भुगतान नहीं हुआ. भूमि रिकॉर्ड अपडेट न होने के कारण हजारों किसान लाभ से वंचित हैं. किसान संगठनों का आरोप है कि मुआवजा वितरण में भारी अनियमितता है और सरकार केवल आंकड़ों की बाजीगरी में लगी है.
रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों का रवैया बेहद लापरवाह रहा न तो समय पर राहत दी गई, न जमीन बहाली के लिए कोई स्थायी योजना बनाई गई. विशेषज्ञों का कहना है कि पंजाब जैसे कृषि-प्रधान राज्य में यदि आपदा के बाद पुनरुद्धार को प्राथमिकता नहीं दी गई, तो इससे आने वाले सीजन में फसल उत्पादन पर बड़ा असर पड़ेगा.
वहीं विपक्षी दलों और किसान यूनियनों ने पंजाब सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि केवल भाषणों और ट्विटर पोस्ट से खेतों की मिट्टी वापस नहीं आती. उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान और कृषि विभाग से तत्काल सर्वे, मुआवज़ा वितरण और बहाली कार्य शुरू करने की मांग की है.
पंजाब के किसान सिर्फ मौसम से नहीं, अब सिस्टम की बेरुखी से भी लड़ रहे हैं. अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो यह संकट सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं रहेगा यह राज्य की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक रीढ़ को भी हिला देगा.
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