98 साल के किसान ने 6 साल में जीती मुआवजे की जंग!

हरियाणा के जींद जिले के भैरो खेड़ा गांव के 98 वर्षीय किसान चंद्र सिंह ने यह साबित कर दिया कि न्याय के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है। उन्होंने अपनी खराब हुई फसल का मुआवजा पाने के लिए 6 साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और अंततः जिला उपभोक्ता आयोग से जीत हासिल की.
फसल खराब, मुआवजा नहीं मिला
साल 2019 में किसान चंद्र सिंह ने अपनी 10 एकड़ गेहूं की फसल का बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत कराया था। इसके लिए उन्होंने 4342 रुपये का प्रीमियम बैंक ऑफ बड़ौदा के माध्यम से जमा किया था।
लेकिन उसी वर्ष गांव में भारी बारिश और जलभराव के कारण उनकी पूरी फसल नष्ट हो गई। उन्होंने कई बार कृषि विभाग और बीमा कंपनी से संपर्क किया, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
2022 में आयोग का रुख किया
लंबे इंतजार और अनसुनी शिकायतों के बाद चंद्र सिंह ने साल 2022 में जिला उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया। वहां भी मामला करीब 3 साल चला, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
अब आयोग के चेयरमैन ए.के. सरदाना की अध्यक्षता में फैसला सुनाया गया है, जिसमें बीमा कंपनी को आदेश दिया गया है कि वह किसान चंद्र सिंह को 2,57,418 रुपये का मुआवजा फसल खराब होने के एवज में दे और 20,000 रुपये अतिरिक्त कानूनी खर्च और मानसिक परेशानी के लिए अदा करे.
अन्य किसानों के लिए मिसाल
चंद्र सिंह की यह जीत उन हजारों किसानों के लिए प्रेरणा है जो सरकारी योजनाओं के तहत बीमा कराने के बावजूद क्लेम नहीं मिलने की समस्या से जूझते हैं।
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