खेती-किसानी से जुड़े 10,786 लोगों ने की आत्महत्या, किसानों की आत्महत्या में महाराष्ट्र सबसे आगे!

 

देश में खेती-किसानी से जुड़ी समस्याएं एक बार फिर से गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, साल 2023 में कुल 10,786 किसानों और खेत मजदूरों ने आत्महत्या की है. यह देश में हुई कुल आत्महत्याओं (1,71,418) का 6.3% हिस्सा है.

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन आत्महत्याओं में अकेले महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 38.5% रही, जबकि कर्नाटक में 22.5% आत्महत्याएं दर्ज की गईं. इसके अलावा, आंध्र प्रदेश (8.6%) और मध्य प्रदेश (7.2%) भी आत्महत्या के मामलों में प्रमुख राज्यों में शामिल हैं.

आत्महत्या करने वालों में 4,690 किसान और 6,096 खेत मजदूर शामिल हैं. कुल आत्महत्या करने वाले 66.2% लोगों की वार्षिक आय ₹1 लाख से भी कम थी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति की गंभीरता साफ झलकती है.

विशेषज्ञों के अनुसार, किसानों की आत्महत्या के पीछे कई प्रमुख कारण हो सकते हैं. जैसे लगातार फसल खराब होना,
बढ़ता कर्ज़ और ब्याज का दबाव, फसलों के वाजिब दाम न मिलना, प्राकृतिक आपदाएं और सरकारी योजनाओं का लाभ न मिल पाना.