RBI ने 35 टन सोना बेचा, देश का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 695 अरब डॉलर पर आया!

 

भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में 35 टन सोना बेच दिया, जिससे देश का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 695 अरब डॉलर रह गया है. अब लोगों के मन में सवाल है कि आखिर RBI ने इतना सोना क्यों बेचा. दरअसल RBI समय-समय पर अपने विदेशी भंडार का संतुलन बदलता रहता है. सीधे शब्दों में कहें, तो बैंक ने ये कदम बाजार के हालात को देखते हुए लिया है. RBI द्वारा 35 टन सोना बेचने के तीन मुख्य कारण बताए जा रहे हैं:

सबसे पहला कारण डॉलर की कीमत में उतार-चढ़ाव है जिसके चलते RBI ने सोने की हिस्सेदारी घटाई.
सोने की कीमतें बढ़ना भी इसका कारण माना जा रहा है. सोना पिछले कुछ महीनों में रिकॉर्ड स्तर पर था, तो RBI ने मुनाफा निकालने का मौका लिया. तीसरा निवेश का संतुलन बनाने के लिए RBI अपने भंडार में सोना, डॉलर और दूसरी विदेशी मुद्राओं के बीच संतुलन बनाए रखना चाहता है.

आर्थिक जानकारों के अनुसार रिजर्व बैंक को अपने खजाने से यह सारी संपत्ति इसलिए बाजार में बेचनी पड़ी, क्‍योंकि अंतरराष्‍ट्रीय विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर होता जा रहा है. भारतीय मुद्रा की इस गिरावट को थामने के लिए ही रिजर्व बैंक को डॉलर सहित सोना भी फॉरेक्‍स बाजार में डालना पड़ा. जब फॉरेक्‍स बाजार में रुपया कमजोर होता है तो आरबीआई विदेशी मुद्राओं को फॉरेक्‍स बाजार में बेचकर अपनी लोकल करेंसी को दोबारा मजबूत बना लेता है. हालांकि, इसकी कीमत विदेशी मुद्रा भंडार पर बड़ा असर भी डालती है.