26.7% की दर से हरियाणा बेरोज़गारी दर में फिर से नम्बर वन बना

 

हरियाणा ने मार्च महीने में फिर से बेरोज़गारी दर में टाॅप किया है। भारतीय अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र ने चार अप्रैल को पूरे देश के बेरोज़गारी के आंकड़े जारी किए। मार्च महीने में हरियाणा की बेरोज़गारी दर 26.7% रही जो देश में सबसे ज्यादा है। इसके बाद दूसरे स्थान पर 25.0% की दर के साथ जम्मू और कश्मीर है। देश में सबसे कम बेरोज़गारी दर छत्तीसगढ़ की रही जो महज 0.6% है।

फ़रवरी महीने में बेरोज़गारी दर में हरियाणा दूसरे स्थान पर चला गया था लेकिन मार्च में फिर से ऊपर आ गया है। संस्थान हर महीने पूरे देश की बेरोजगार के आंकड़े जारी करता है। इस महीने पूरे देश के स्तर पर बेरोज़गारी दर 7.8% रही। जिसमें 8.6% शहरी और 7.8% ग्रामीण बेरोज़गारी दर रही।

हालांकि पिछले महीने की तुलना में हरियाणा की बेरोज़गारी दर कम जरूर हुई है। पिछले महीने 31.0% थी लेकिन पिछले महीने जम्मू और कश्मीर 32.3% के साथ पहले स्थान पर था जो इस महीने दूसरे स्थान पर चला गया है। फ़रवरी में राष्ट्रीय बेरोज़गारी दर 8.1% थी जो घटकर 7.6% हो गई है।

इस मामले पर हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने खट्टर सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर लिखा है, “बेरोजगारी वाले राज्यों की सूची में हरियाणा का लगातार प्रथम स्थान पर आना बेहद ही शर्मनाक है। एक तरफ प्रदेशवासी महंगाई से जूझ रहे हैं तो दूसरी तरफ बेरोजगारी कहर बरपा रही है। प्रदेश की जनता हर तरफ से मार झेल रही है।”

भारतीय सांख्यिकीय संस्थान के अर्थशास्त्र के सेवानिवृत्त प्रोफेसर अभिरूप सरकार ने बताया, “बेरोजगारी की दर घट रही है, लेकिन भारत जैसे ‘गरीब’ देश की दृष्टि से यह अब भी काफी अधिक है। हालांकि बेरोजगारी अनुपात में गिरावट से पता चलता है कि कोविड-19 महामारी के बाद अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है।”

बेरोज़गारी दर कैसे निकालते हैं

बेरोजगार वो हैं जो काम करने के इच्छुक हैं और व्यक्त सक्रिय श्रम बल के प्रतिशत के रूप में नौकरी की तलाश में हैं। बेरोजगारी दर उस श्रम बल का एक हिस्सा है जिसके पास वर्तमान में रोजगार नहीं है लेकिन उन्हें मिल सकता है।