उत्तर प्रदेश: गन्ने के बकाया भुगतान और बेटी की फीस न जमा होने से परेशान किसान ने की आत्महत्या!

एक ओर सूबे के मुख्यमंत्री किसानों की आय दोगुने से भी ज्याद करने का दावा कर रहे हैं वहीं उत्तर प्रदेश के शामली जिले के गांव पूर्व माफी में कर्ज के बोझ तले दबे एक किसान ने आत्महत्या कर ली. 50 वर्षीय किसान आजाद का शव उनके खेत में मिला. परिजनों के मुताबिक, किसान की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी और वह लगातार कर्ज के चक्कर में फंसा हुआ था, जिसकी वजह से वह मानसिक तनाव का शिकार हो गया था.
परिजनों ने बताया कि आजाद पर बैंक का करीब ₹3.5 लाख और सरकारी समिति का ₹1.25 लाख कर्ज था. इसके अलावा, थाना भवन मिल पर गन्ने का ₹2 लाख बकाया था. बकाया राशि न मिलने से वह बेटी की 40 हजार रुपये स्कूल फीस नहीं भर पाया और पत्नी की बीमारी का इलाज भी नहीं करवा सका.
पुलिस की जांच में सामने आया कि कर्ज और आर्थिक तंगी के कारण आजाद तनाव में रहने लगे थे. परिजनों को भी उन्होंने अपनी समस्याओं के बारे में कुछ नहीं बताया. आजाद के भाई धर्मेंद्र ने बताया कि वह और आजाद एक ही घर में रहते थे, लेकिन खेती अलग-अलग करते थे. आजाद के 18 वर्षीय बेटे सिद्धार्थ ने पढ़ाई छोड़कर खेती संभाल ली थी, जबकि उनकी बेटी एक प्रइवेट स्कूल में नौवीं क्लास में पढ़ रही थी. आजाद की मौत से परिवार में गहरा दुख है और गांव में शोक का माहौल है.
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