भारत सरकार द्वारा लाई गई विनाशकारी ‘अग्निपथ योजना’ के खिलाफ निरंतर अभियान शुरू करने के लिए देश के किसानों, पूर्व सैनिकों और युवाओं ने हाथ मिलाया। यह घोषणा, संयुक्त किसान मोर्चा (सैकड़ों किसान संगठनों का एक संयुक्त मंच जिसने सफलतापूर्वक तीन किसान-विरोधी कानूनों के खिलाफ संघर्ष का नेतृत्व किया), यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स-सर्विसमैन (जिसने वन-रैंक वन-पेंशन के लिए 2600 दिनों के निरंतर संघर्ष को पूरा किया है) और विशेष रूप से अग्निपथ योजना और सामान्य रूप से बेरोजगारी के खिलाफ संघर्ष कर रहे विभिन्न युवा संगठनों द्वारा, एक संयुक्त प्रेस वार्ता में किया गया। प्रेस वार्ता में 7 से 14 अगस्त के बीच चयनित स्थानों पर जय जवान जय किसान सम्मेलन आयोजित कर इस अभियान की शुरुआत की घोषणा की गई।
वक्ताओं ने निम्नलिखित आधारों पर अग्निपथ योजना पर अपना विरोध दोहराया:
इस अभियान का उद्देश्य जनता को विवादास्पद अग्निपथ योजना के विनाशकारी परिणामों के बारे में जागरुक करना और लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और संवैधानिक साधनों के जरिए केंद्र सरकार को योजना को वापस लेने के लिए मजबूर करना है। यदि कृषि कानून सख्त थे, तो अग्निपथ योजना विनाशकारी है। हमारे किसान और जवान संकट में हैं, हमारे देश की रीढ़ की हड्डी टूटने का खतरा है। हमारी चुप्पी सरकार के लिए राष्ट्र के रक्षकों और अन्नदाताओं को ध्वस्त करने और नष्ट करने का बहाना नहीं हो सकती है। हमने उन्हें एक बार रोका है, हम उन्हें फिर से रोक सकते हैं।
इस अभियान में पहला कदम 7 से 14 अगस्त के बीच जय जवान जय किसान सम्मेलन होगा। कुछ प्रमुख सम्मेलन इस प्रकार हैं:
अभियान की मांग है कि:
1) अग्निपथ योजना को तत्काल वापस लिया जाए और इसके तहत जारी सभी अधिसूचनाओं को वापस लिया जाए। नियमित, स्थायी भर्ती की समय-परीक्षित पद्धति जारी रहे।
2) लंबित रिक्तियों (लगभग 1.25 लाख) और इस वर्ष की रिक्तियों (लगभग 60,000) को नियमित और स्थायी भर्ती की पूर्व-मौजूदा पद्धति के तहत तुरंत बाद भरा जाए।
3) पहले से शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया को पिछले दो वर्षों के गैर-भर्ती के एवज में 2 वर्ष की आयु-छूट के साथ पूरा किया जाना चाहिए।
4) अग्निपथ विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सभी मामले वापस लिए जाए और गिरफ्तार युवकों को तत्काल रिहा किया जाए।
5) रक्षा क्षेत्र में कोई निजीकरण नहीं हो; सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा और सशस्त्र बलों के सम्मान और मनोबल की रक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए।
प्रेस वार्ता को यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स सर्विसमैन की ओर से मेजर जनरल सतबीर सिंह, एसएम (सेवानिवृत्त), ग्रुप कैप्टन वीके गांधी (सेवानिवृत्त), संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से हनन्न मोल्ला, राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव और युवा संगठनों की ओर से आइशी घोष और मनीष ने संबोधित किया।