डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा रोहतक पीजीआई, रद्द हो सकते हैं कुछ कोर्स!

 

रोहतक की पं भागवत दयाल शर्मा हेल्थ सांइस यूनिवर्सिटी इन दिनों डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ की कमी का सामना कर रही है. रोहतक का स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय और रोहतक पीजीआईएमएस सहित इससे जुड़े अन्य मेडिकल संस्थानों में फैकल्टी मेंबर्स और सलाहकार डॉक्टरों की भारी कमी होने की रिपोेर्ट सामने आ रही है.

फैकल्टी मेंबर्स की भारी कमी के कारण नौबत यहां तक आ सकती है कि रेगुलेटरी अथॉरिटी, यूनिवर्सिटी के कुछ मेडिकल कोर्स बंद कर सकती है. वहीं पीजीआई में डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

खबर के अनुसार रोहतक मेडिकल संस्थान में एसिंसटेंट प्रोफेसर के 168, सीनियर प्रोफेसर के 23 पद रिक्त हैं. वहीं इसके साथ ही सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों समेत अन्य मेडिकल स्टाफ के 428 पद खाली हैं.

रोगियों की देखभाल में कमी और फैक्लटी की कमी के कारण रोहतक के चिकित्सा संस्थान में एमबीबीएस, एमडी और एमएस पाठ्यक्रमों की मान्यता भी समाप्त हो सकती है. यूएचएस की वाइस चांसलर, प्रो. अनीता सक्सेना ने माना है कि यूनिवर्सिटी में फैक्लटी मेंबर्स और रेजिडेंट डॉक्टरों के कईं पद खाली हैं.

वहीं अंग्रेजी वेबसाइट ‘द ट्रिब्यून’ में छपी एक खबर के अनुसार हेस्थ सांइस यूनिवर्सिटी रोहतक की वाइस चांसलर अनीता सक्सेना ने कहा, “हमने राज्य सरकार से खाली पदों को भरने की अनुमति मांगी है. साथ ही अधिकारियों की ओर से सिनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती को मंजूरी दी गई है. इन पदों की रिक्तियों पर विज्ञापन निकाला गया है जल्द ही साक्षात्कार आयोजित किए जाएंगे.”