नेशनल हाइवे पर छोटे ढाबों के रास्ते बंद, बड़ी प्राइवेट कंपनियों के खुले द्वार!

 

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नए नियमों के अनुसार किसी भी नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर बने पेट्रोल पंप, ढाबा, रेस्टोरेंट, कनैक्टिंग रोड़ या फिर किसी भी तरह की अन्य प्राइवेट प्रोप्रटी के लिए एनएचएआई (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) से अनुमति लेनी होगी. जिसके लिए ढाबा मालिकों को फीस के तौर पर सरकार को एक मोटी रकम देनी होगी.   

26 जून 2020 को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया. मंत्रालय की ओर से यह नोटिफिकेशन सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के संबंधित अधिकारियों को जारी किया गया है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन में देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे को मोनेटाइज करने लिए बनाए गए नियमों का जिक्र किया गया है.

नये नियम लागू करने के पीछे सरकार का तर्क 

नेशनल हाइवे के लिए नये नियम जारी करने के पीछे सड़क सुरक्षा का हवाला दिया गया है. मंत्रालय की ओर से नये नियम लागू होने के बाद सड़क हादसों में कमी आने और हाइवे पर चलने वाली ट्रैफिक के लिए बाधा कम करने का तर्क दिया गया है.           

नये नियम लागू होने से छोटे ढाबा संचालकों पर पड़ेगा असर?

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कंट्रोल ऑफ नेशनल हाइवे (लैंड एंड ट्रैफिक) 2002 एक्ट का हवाला देते हुए नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस-वे से लगने वाले सभी रास्तों और जमीन को लेकर नए नियम बनाए हैं.

नेशनल हाइवे के यात्रियों को ढाबों, फ्यूल पंप और अन्य छोटे व्यापारियों से जोड़ने वाले सर्विस लेन के कट बन्द किये जा रहे हैं. सर्विस लेन के कट बन्द होने से हाइवे के यात्री अब इन ढाबों पर नहीं रुक सकेंगे. ढाबा मालिकों को हाइवे से अप्रोच रोड़ (रास्ता) लेने के लिये एनएचएआई से अनुमति लेनी होगी. जिसके लिए 10 हजार नॉन रिफंडेबल प्रोसेसिंग फीस, 20 हजार नोन रिफंडेबल प्रोविजनल अप्रूवल फीस जो हर साल लाइसेंस रिन्यू करवाने के तौर पर देनी होगी. वहीं 2.5 लाख रुपये की बैंक गारंटी के साथ 2.5 लाख रुपये की वन टाइम लाइसेंस फीस भी देनी होगी इसके अलावा हाइवे अथॉरिटी द्वारा तय नियम तोड़ने पर 2.5 लाख रुपये की पेनल्टी फीस भी पहले ही जमा करनी होगी.

कुल मिलाकर नेशनल हाइवे पर ढाबा संचालकों को करीबन आठ से दस लाख रुपये का अतिरिक्त भार वहन करना होगा. इसके अलावा हाइवे से लगने वाले अप्रोच रोड़ को बनवाने का खर्च भी खुद ढाबा मालिकों को वहन करना होगा जिसके लिए हाइवे अथॉरिटी के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा.

अंबाला से नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सेक्शन इंजीनियर भानू प्रताप सिंह ने गांव सवेरा को बताया, “सड़क सुरक्षा से जुड़े कारणों के चलते नेशनल हाइवे पर आने वाले सभी कट बंद किए जा रहे हैं. इस प्रकिया में सभी निजी प्रोप्रटी पर लगने वाले और गैर-कानूनी कट बंद किये जाएंगे. जलंदर से लेकर पानीपत तक के अवैध कटों की पहचान की गई है जिनकों अगले कुछ महानों के अंदर बंद कर दिया जाएगा.”

बड़ी प्राइवेट कंपनियों की एंट्री का रास्ता साफ

वहीं दूसरी ओर नेशनल हाइवे पर वे-साइड एमिनीटी स्पॉट (यात्रियों के रुकने, खाने-पीने और आराम करने का स्थान) बनाने के लिए सरकार, बड़ी प्राइवेट कंपनियों को लेकर आने की तैयारी में है. नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर वे-साइड एमिनीटी स्पॉट बनाने के लिए नये नियमों में प्राइवेट कंपनियों को आम ढाबा संचालकों की तुलना में काफी रियायत दी गईं हैं.

11 फरवरी, 2021 को सड़क परिवहन एवम राजमार्ग मंत्रालय ने एक बार फिर सभी राज्यों और एनएचएआई के संबंधित अधिकारियों को एक नोटिफिकेशन जारी किया. इस नोटिफिकेशन में नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर 40 से 60 किलोमीटर की दूरी पर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर वे-साइड एमिनीटी स्पॉट बनाए जाने की योजना है. नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर बनने वाले एमिनीटी स्पॉट में यात्रियों के लिए फूड कोर्ट, रेस्टोरेंट्स, होटल्स, बैंक्वेट्स, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, आउटलेट्स, फ्यूल पंप आदि बनाए जाने की तैयारी है.

सरकार अगले पांच साल में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत देश के सभी नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर इस तरह के करीबन 350 एमिनीटी स्पॉट बनाने की तैयारी में है. नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर एमिनीटी स्पॉट बनाने के लिए कम-से-कम एक हेक्टेयर जमीन की शर्त रखी गई है. इसके लिए एनएचएआई भी नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर जमीन खरीदकर 20 से 30 साल के लिए प्राइवेट कंपनियों को लीज पर देगा.

वहीं अगर प्राइवेट कंपनी अपनी खुद की जमीन पर वे-साइड एमिनीटी स्पॉट बनाती हैं तो इसके लिए एनएचएआई, प्राइवेट कंपनी से कोई शुल्क नहीं वसूलेगा यानी बड़ी प्राइवेट कंपनियों को नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर अपना व्यापार स्थापित करने के लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना होगा. इस तरह प्राइवेट कंपनियों के लिए एनएचएआई की मदद से अपनी जमीन पर एमिनीटी स्पॉट बनाने का रास्ता साफ हो जाएगा. इसके साथ ही एनएचएआई इन एमिनीटी स्पॉट्स के ब्रांड्स को प्रमोट करने के लिए नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर अपने खर्च पर साइन बोर्ड भी लगाकर देगा.

करनाल में एनएच-44 पर पंजाब ढाबा के मालिक युवराज ने बताया, “हम लोग पहले से ही लॉकडाउन की मार झेल रहे हैं. पीछले एक महीने से थोड़ा बहुत काम शुरू हुआ था, लेकिन सरकार ने अब हाइवे से जोड़ने वाले कट बंद दिए हैं. कट बंद होने से हमारा भारी नुकसान हो रहा है. अब केवल सर्विस लेन से गुजरने वाली गाड़ियों में से मुश्किल से 20-30 गाड़ियां आती हैं. कट बंद होने के चलते मेन हाइवे से गुजरने वाली गाड़ियां अब सीधी निकल जाती हैं.” 

करनाल के ही मयूर ढाबे के पास खोखा चलाने वाले एक बुजुर्ग ने बताया,“कट बंद होने के कारण हमारी आमदनी पर भी असर पड़ा है.अब ग्राहक बहुत कम आते हैं. जब गाड़ियां ही नहीं रुकेंगी तो कमाई क्या होगी.”

वहीं थोड़ी दूर आगे चलने पर चन हवेली ढाबा के मालिक ने बताया,“कट बंद करने से पहले हमें कोई नोटिस नहीं दिया गया. सरकार की सरासर मनमानी चल रही है. मेरे ढाबे के सामने चार दिन पहले  कट बंद किया है. जब से कट बंद है ग्राहक ही नहीं हैं. अगर हालात ऐसे ही रहे तो हम ढाबा बंद करने पर मजबूर हो जाएंगे. हमारे साथ ढाबे पर काम करने वाले दस लोग भी बेरोजगार हो जाएंगे.”