राजस्थान में लंपी वायरस का कहर, पशुपालकों को नहीं मिल रहा बीमा योजना का लाभ!

 

पिछले 4 साल से प्रदेश में पशुपालकों के पशुओं की इंश्योरेंस स्कीम ही ठप पड़ी है. पशुपालकों और किसानों की सरकारों को कितनी चिन्ता है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजस्थान का पशुपालन विभाग 1 अक्टूबर 2018 से पशुधन बीमा योजना नहीं चला रहा है. जिसका खामियाजा अब लंपी वायरल डिजीज के मुश्किल वक्त में पशुपालकों को उठाना पड़ रहा है. राजस्थान में सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक लंपी वायरस से अब तक 14 हजार 45 की मौत हो चुकी है. पिछले 9 दिन में ही सवा 2 लाख पशु लंपी से संक्रमित हुए हैं, 10 हजार की मौत हो गई है. इससे पहले कुल 4 हजार की मौत हुई थी.

पिछले चार साल में पशुओं का इंश्योरेंस नहीं होने की वजह 2018-19 में पशु बीमा के लिए बीमा कंपनियों ने भारत सरकार के लेवल पर तय प्रीमियम रेट से ज्यादा इंश्योरेंस प्रीमियम रेट देना रहा और जिसके चलते राजस्थान सरकार ने पशुओं का इंश्योरेंस ही नहीं करवाया. साल 2019-20 में भारत सरकार से तय समय पर पैसा मिलने का हवाला देते हुए टेंडर जारी नहीं किया गया. इसके बाद 2020-21 में किसी भी इंश्योरेंस कंपनी ने टेंडर प्रोसेस में ही हिस्सा नहीं लिया. साल 2021-22 में भारत सरकार से मिली संशोधित प्रीमियम रेट के अनुसार 28 अक्टूबर 2021 को जब टेंडर निकाला गया तो सिर्फ एक इंश्योरेंस कंपनी ने हिस्सा लिया जिसने प्रदेश के 7 में से केवल दो सम्भाग- जयपुर और अजमेर के लिए टेंडर भरे. इस कारण पशु इंश्योरेंस स्कीम लागू नहीं हो सकी.

हिंदी समाचार पत्र दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के अनुसार अगर लंपी वायरस में मरे पशुओं का इंश्योरेंस हुआ होता, तो 50 हजार के हिसाब से राजस्थान के पशुपालकों को 70 करोड़ 22 लाख 50 हजार रुपए मिलते. बाकी दुर्घटनाओं में मौतों का आकलन अलग से करें, तो यह इंश्योरेंस अमाउंट का आंकड़ा 100 करोड़ पार कर जाता. लेकिन अफसोस इन पशुपालकों और किसानों को मुआवजा नहीं मिल सकेगा. क्योंकि उनके पशुओं का इंश्योरेंस ही नहीं हुआ.

लंपी वायरस के कारण उत्तर भारत में रोजाना पशुओं की बड़े स्तर पर मौतें हो रही है. बीते 24 घंटों में अकेले राजस्थान में लंपी से 1236 पशुओं मौत हो चुकी है. वहीं कल एक दिन में 28 हजार 979 पशु संक्रमित हुए हैं. राजस्थान में संक्रमित पशुओं का कुल आंकड़ा 3 लाख 10 हजार 460 हो गया है. राजस्थान के 24 जिले के पशु लंपी वायरस की चपेट में आ चुके हैं.

वहीं पशुपालन विभाग के सचिव पीसी किशन ने कहा- राजस्थान सरकार जल्द 6 लाख पशुपलाकों के 12 लाख पशुओं का बीमा करवाने जा रही है. अक्टूबर तक पशुओं के इंश्योरेंस की स्कीम लॉन्च करने की तैयारी है. इसमें शामिल हर पशुपालक के 2 पशु कवर हो सकेंगे. सरकार ने 2022-23 के बजट में इसके लिए 150 करोड़ रुपए का प्रोविजन किया हैं. 1 गाय या भैंस की मौत पर 50 हजार रुपए, 10 भेड़ या 10 बकरी की मौत पर उन्हें 1 कैटल यूनिट मानकर 50 हजार रुपए पशुपालकों को इंश्योरेंस के मिलेंगे.