सरकार ने लोकसभा में बताया- LIC ने अडानी ग्रुप में 48,284 करोड़ रुपये का निवेश किया!

 

दो महीने पहले यह ख़बर सामने आई थी कि नरेंद्र मोदी सरकार ने चुपचाप भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का पैसा इस्तेमाल करके गौतम अडानी के कर्ज़ में डूबे समूह को बचाने के लिए 3.9 अरब डॉलर की योजना बनाई थी. अब सरकार ने संसद में बताया है कि एलआईसी ने अडानी समूह की कंपनियों में कुल 48,284.62 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिसमें 38,658.85 करोड़ रुपये इक्विटी (शेयर) में और 9,625.77 करोड़ रुपये ऋण (डेट) के रूप में लगाए गए हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा दी गई इस लिखित जानकारी के मुताबिक, यह डेटा 30 सितंबर तक उपलब्ध सूचनाओं पर आधारित है. उन्होंने यह भी बताया कि एलआईसी ने अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड के सुरक्षित नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर में 5,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश किया है.

सांसद मोहम्मद जावेद और महुआ मोइत्रा के सवाल के जवाब में भेजे गए अपने नोट में सरकार ने उन सभी प्राइवेट कंपनियों की पूरी सूची नहीं दी, जिनमें एलआईसी ने निवेश किया है. सरकार ने कहा कि एलआईसी ने जिन कंपनियों में निवेश किया है उनकी ‘पूरी और बारीक सूची देना व्यावसायिक रूप से ठीक नहीं होगा और इससे एलआईसी के परिचालन और ऋण से जुड़े हित प्रभावित हो सकते हैं.’

सांसदों ने ये सवाल पूछे थे:

(a) क्या यह सच है कि एलआईसी ने हाल ही में अडानी समूह में निवेश किया है, जबकि इस समय उस पर विनियामक एजेंसियों की जांच चल रही है? अगर हां, तो इस संबंध में कुल कितना निवेश किया गया है, उसकी जानकारी दें.

(b) क्या वित्त मंत्रालय या वित्तीय सेवाओं विभाग (DFS) ने एलआईसी या अन्य सरकारी वित्तीय संस्थानों को अडानी समूह की कंपनियों में निवेश करने के लिए कोई निर्देश या सलाह जारी की थी? अगर हाँ, तो उसके विवरण और इसके पीछे की वजहें बताई जाएं.

(c) ऐसे निवेश करने से पहले किस तरह की ड्यू डिलिजेंस, जोखिम मूल्यांकन (रिस्क असेसमेंट) और फ़िड्यूशियरी अनुपालन की प्रक्रिया अपनाई गई? क्या इस दौरान सेबी या आरबीआई से कोई सलाह-मशविरा किया गया?

(d) क्या सरकार ने इन निवेशों के पॉलिसीधारकों, बाज़ार की पारदर्शिता और संस्थागत स्वतंत्रता पर संभावित प्रभावों की समीक्षा की है? और पारदर्शिता तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं या उठाए जा रहे हैं?

(e) वर्तमान में अडानी समूह की कितनी कंपनियों में एलआईसी ने निवेश कर रखा है? कंपनी-वार इन निवेशों की कुल राशि कितनी है? साथ ही, एलआईसी ने पहली बार अडानी समूह की कंपनियों में कब और कितना निवेश किया था, उसके विवरण क्या हैं?

(f) निजी क्षेत्र की उन सभी कंपनियों की सूची क्या है जिनमें एलआईसी ने निवेश कर रखा है, और प्रत्येक कंपनी में कितना निवेश किया गया है?

सरकार के मुताबिक, मई 2025 में अडानी पोर्ट्स स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ) द्वारा जारी सुरक्षित एनसीडी (NCDs) में एलआईसी ने जो 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था, वह पूरी जांच-पड़ताल और बोर्ड द्वारा मंज़ूर प्रक्रियाओं (SOPs) के अनुसार किया गया था.

अपने जवाब में वित्त मंत्रालय ने यह भी दावा किया कि निवेश से जुले मामलों में मंत्रालय एलआईसी को कोई सलाह या निर्देश जारी नहीं करता.

सरकार ने कहा:

एलआईसी से जुड़े निवेश फैसले एलआईसी खुद लेता है. वह पूरी सावधानी, जोखिम आकलन और फिड्युशियरी अनुपालन का पालन करते हुए निवेश करता है. ये सभी फैसले बीमा अधिनियम, 1938 और भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI), भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा समय-समय पर जारी नियमों के तहत लिए जाते हैं.

द वॉशिंगटन पोस्ट की जांच में खुलासा हुआ था कि वित्त मंत्रालय, उसकी वित्तीय सेवाएं विभाग (DFS), एलआईसी और नीति थिंक टैंक नीति आयोग ने मिलकर एक ऐसी निवेश रणनीति तैयार की थी, जिसके तहत अरबों रुपये अडानी समूह के बॉन्ड और शेयरों में लगाए गए.

रिपोर्ट में कहा गया था कि इस योजना में 585 मिलियन डॉलर का एक बॉन्ड इश्यू शामिल था, जिसे केवल एलआईसी ने फंड किया.

सरकार के जवाब में कहा गया है कि आम तौर पर एलआईसी के निवेश से यह स्पष्ट होता है कि वह एनएसई और बीएसई में सूचीबद्ध टॉप 500 कंपनियों में निवेश करती है और इनमें भी उसके ज्यादातर निवेश बड़ी कंपनियों में होते हैं. सरकार के अनुसार, 30 सितंबर 2025 तक निफ्टी-50 कंपनियों में एलआईसी के निवेश का बुक वैल्यू 4,30,776.97 करोड़ रुपये है, जो उसके कुल इक्विटी निवेश का 45.85% है.

एलआईसी का अडानी पोर्ट्स और एसईजेड लिमिटेड में 9,625.77 करोड़ रुपये का कर्ज (डेट) निवेश है, जो निजी क्षेत्र में उसकी पांचवीं सबसे बड़ी डेट इन्वेस्टमेंट है.

एलआईसी का निवेश अडानी समूह की सात कंपनियों में फैला हुआ है, अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अडानी टोटल गैस लिमिटेड, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड, एपीएसईज़ेड (Adani Ports and SEZ), अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड और एसीसी लिमिटेड.

सरकार ने यह भी बताया है कि सार्वजनिक और निजी सेक्टर में एलआईसी के कुल निवेशों की तुलना में अडानी समूह में उसका कितना एक्सपोज़र है और उसकी रैंकिंग क्या है.

सरकार द्वारा पेश किए गए चार्ट में यह भी दिखाया गया है कि साल 2007 में अडानी कंपनियों में एलआईसी का निवेश बहुत कम था.

साभार: द वायर