गरीब-बेघरों को पैसों का लालच देकर गोहाना में निकालते थे किडनी, गिरोह गिरफ्तार

 

दिल्ली-एनसीआर में दक्षिणी दिल्ली की हौज़ ख़ास पुलिस ने बुधवार को बेघर और जरूरतमंद लोगों को किडनी बेचने का लालच देकर अवैध रूप से ट्रांसप्लांट करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया.

आरोपियों की पहचान डॉ सौरभ मित्तल, सर्वजीत, शैलेश पटेल, विकास, मोहम्मद लतीफ, रंजीत गुप्ता, डॉ सोनू रोहिल्ला, कुलदीप राय विश्वकर्मा, ओम प्रकाश शर्मा और मनोज तिवारी के रूप में हुई है. इस गिरोह का एक अन्य आरोपी विपिन फरार है.

हौज़ ख़ास पुलिस स्टेशन की थानाप्रभारी शिवानी सिंह ने गांव सवेरा से बात करते हुए बताया कि इस गिरोह के सदस्य बाहर सड़कों पर सो रहे गरीब, बेघर और कमजोर वर्ग के लोगों की तलाश में अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों और धार्मिक स्थलों पर जाते थे और फिर उन्हें अपनी किडनी बेचने का लालच देते थे.

कथित तौर पर यह मामला तब सामने आया जब कुछ आरोपियों को दिल्ली के एक अस्पताल के बाहर बेघर लोगों को पैसे की पेशकश करते हुए देखा गया. इसके बाद अस्पताल ने हौज खास पुलिस को सूचना दी.

थानाप्रभारी शिवानी सिंह ने कहा कि आरोपी डॉक्टर (सौरभ मित्तल) ने सोनीपत के गोहाना में एक अस्पताल स्थापित किया था, जहां यह गिरोह पीड़ितों की किडनी निकालने का काम किया करते थे.

इस गिरोह में मुख्य आरोपी की पहचान ऑपरेशन थिएटर टेकनीशियन कुलदीप राय विश्वकर्मा के रूप में हुई है. वही लोगों को इस अवैध काम के लिए प्रेरित करता था. वह इस रैकेट में शामिल लोगों को उनके रोल के हिसाब से पैसे देता था. बीते 6-7 महीने में यह गैंग गोहाना में 12 से 14 अवैध तरीके से ट्रांसप्लांट कर चुका था. ज्यादातर इस गैंग के निशाने पर 20 से 30 साल की उम्र के नौजवान युवक होते थे, जिन्हें रुपयों की जरूरत होती थी.

अन्य आरोपियों में सर्वजीत (37) और शैलेश पटेल (23) शामिल हैं, जो पीड़ितों को मुख्य आरोपी के पास ले जाते थे. 24 वर्षीय मो. लतीफ हौजखास स्थित इमेजिंग सेंटर में फील्ड बॉय के तौर पर काम करता था, जो पीड़ितों के प्री टेस्ट में मदद करता था।. बिकास (24) जो कि सोनीपत गोहाना में पीड़ितों को रहने की जगह देता था.

43 वर्षीय डॉक्टर रंजीत गोहाना में बनाए गए सेटअप का मालिक है. दिल्ली का रहने वाला 37 वर्षीय डॉ सोनू रोहिल्ला, पीड़ितों की किडनी निकालने और अपने अन्य ग्राहकों के शरीर में उन्हें ट्रांसप्लांट करने का काम करता था. इस के अलावा पेशे से एनेस्थेसियोलॉजिस्ट डॉ सौरभ मित्तल, ऑपरेशन थिएटर टेकनीशियन कुलदीप राय, ओम प्रकाश शर्मा और मनोज तिवारी इस गिरोह में मौजूद अन्य आरोपी हैं.

मामले में पकड़े गए सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 419, 420, 468, 471, 120बी, 34 और 18,19, 20 मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

इस मामले में बात करते हुए दक्षिणी दिल्ली डीसीपी बेनिता मेरी जेकर ने कहा कि यह गिरोह बेघर लोगों को अपना निशाना बनाते थे और उन्हें ₹30,000 से ₹40,000 के बीच भुगतान करते थे. गिरोह में शामिल सभी 10 आरोपियों ने अब तक 20 से अधिक अवैध ट्रांसप्लांट किए हैं. किडनी निकलने और ट्रांसप्लांट का काम उन्होंने सोनीपत के गोहाना स्थित श्रीरामचंद्र अस्पताल में किया.

पुलिस को अब तक की जांच में 5 पीड़ित मिले हैं, जो गुजरात, पश्चिम बंगाल, केरल, गुवाहाटी और दिल्ली से ताल्लुख रखते हैं.