सफाई कर्मचारियों के आंदोलन पर सरकार के कान बंद! स्कूली बच्चों और खिलाड़ियों से उठवा रही कूड़ा

 

सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से प्रदेश के विभिन्न शहरों में कूड़ा-करकट जमा हो गया है. स्थिति दिनों दिन खराब होती जा रही है. ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रदेशभर में अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सफाई कर्मचारी 19 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं. शुक्रवार को हर जिले में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता का पुतला फूंका गया. कर्मचारियों ने नगर निगम कार्यालयों से सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए मार्च निकाले.

लगभग हर शहर की सभी सड़कों पर कूड़े के ढेर देखे जा सकते हैं. कूड़े के ढेर से उठ रही दुर्गंध ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. हरियाणा के शहर दीवाली पर भी कूड़े के ढेरों से अटे रहे.

इस मामले को लेकर सफाई कर्मचारी राजेश ने हमें बताया, “हरियाणा में सरकार ने सफाई के लिए निजी कंपनियों को सफाई का ठेका दे रखा है जो हम सफाई कर्मचारियों का शोषण करती हैं और समय पर पूरे पैसे भी हमें नहीं देती हैं. जब काम हम सरकार का और पब्लिक का कर रहे हैं तो हमारा शोषण निजी ठेकेदार क्यों करे. सरकार हमें पक्का करे.”

नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने कहा कि कर्मचारी मजबूती से हड़ताल पर डटे हुए हैं, बीते सोमवार को दीपावली के पर्व पर हड़ताली कर्मचारियो ने काले झंडों व उल्टी झाड़ू के साथ राज्य भर में प्रदर्शन कर काली दिवाली मनाई है. हड़ताल को विफल करने के तमाम प्रयासों के बावजूद 57 नगर पालिकाओं, 22 नगर परिषदों व 11 नगर निगमों के सफाई, सीवर फायर व तृतीय व चतुर्थ श्रणी के लगभग चालीस हजार कच्चे व पक्के कर्मचारी हड़ताल पर डटे हुए हैं.

सीटू हरियाणा की प्रधान सुरेखा ने कहा कि सरकार हड़ताली कर्मचारियों की मांगों का तुरंत समाधान करें वरना आंदोलनकारियों के समर्थन में सीटू से जुड़ी तमाम यूनियनें 31 अक्टूबर को सभी जिलों में प्रदर्शन करेंगी.

शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता और सफाई कर्मचारी संघ के एक प्रतिनिधिमंडल के बीच 28 अक्टूबर को हिसार में बैठक बेनतीजा रही. कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने कथित तौर पर बैठक को बीच में ही छोड़ दिया. हिसार में सफाई कर्मचारी संघ के प्रमुख राजेश ने कहा कि उन्होंने मंत्री के साथ कुछ बिंदुओं पर चर्चा की, लेकिन एक समझौते पर पहुंचने में विफल रहे. उन्होंने अधिकारियों को कल (29 अक्टूबर) तक का अल्टीमेटम दिया था, जिसके बाद वे अपनी भविष्य की कार्रवाई का खाका तैयार करेंगे.

मंत्री ने बाद में कहा कि कुछ कर्मचारी बातचीत नहीं करना चाहते हैं और इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं हो सका है. मंत्री ने कर्मचारियों को डराते हुए पत्रकारों को बताया कि “कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. हम अभी भी बातचीत के लिए तैयार हैं.”

19 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे सफाई कर्मियों की आवाज सरकार सुनने को तैयार नहीं है, बल्कि सफाई के वैकल्पिक उपाय कर रही है, जिससे गुस्साए कर्मचारियों ने अब नगर निगम गुरुग्राम (एमसीजी) की सड़कों पर सफाई करने वाली मशीनों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है ताकि शहरों में जमा हजारों टन कचरे को साफ करने से रोका जा सके.

प्रदर्शनकारियों को दूर रखने के लिए पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) वाहनों को सभी स्वीपिंग मशीन के साथ तैनात किया गया है. गुड़गांव के एमसीजी के संयुक्त आयुक्त नरेश कुमार ने कहा कि अधिकारियों ने 500 टन से अधिक कचरा साफ कर दिया है, लेकिन नगर निकाय की टीमें लगातार खतरे में हैं.

नरेश कुमार ने बताया, “प्रदर्शनकारी न केवल श्रमिकों को बल्कि मशीनों को भी निशाना बना रहे हैं. वे इन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि हम कचरा साफ न कर सकें. अब हमें रोड स्वीपिंग मशीनों की सुरक्षा के लिए पीसीआर वाहन मिल गए हैं. प्रदर्शनकारी दिन-ब-दिन के साथ आक्रामक होते जा रहे हैं.”

बड़े अफसर सफाई करवाने की अलग अलग तरह की कोशिशें कर रहे हैं. इन्हीं कोशिशों में सीएम सिटी करनाल के अफसरों ने तो स्कूली बच्चों को सफाई करने में लगा दिया. शहर के विभिन्न स्कूलों के एनएसएस वॉलेंटियर्स ने अपने स्कूलों के आसपास सफाई की, जबकि खेल विभाग के खिलाड़ियों और कर्मचारियों ने कोर्ट कॉम्पलेक्स की सफाई के लिए झाड़ू लगाई.

केएमसी आयुक्त अजय सिंह तोमर के आदेश के बाद, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल फॉर बॉयज़, श्री राम चरित मानस सीनियर सेकेंडरी स्कूल, टैगोर बाल निकेतन और वीयूएमएम जैन पब्लिक स्कूल के एनएसएस वॉलेंटियरों के अलावा खेल विभाग के खिलाड़ियों, कर्मचारियों और कोचों ने इसमें भाग लिया.

टैगोर बाल निकेतन के प्रधानाचार्य राजन लांबा ने कहा, “हमारे छात्रों ने स्कूल के पास की सड़कों की सफाई की और हम आने वाले दिनों में भी इसी भावना के साथ जारी रखेंगे.”

हड़ताल से सीएम सीटी में सफाई कार्य प्रभावित हुआ है. हालांकि केएमसी ने सड़कों की सफाई और कचरा उठाने के लिए लगभग 100 निजी कर्मचारियों को तैनात किया है, लेकिन विरोध करने वाले कर्मचारी बाधा उत्पन्न कर रहे हैं. केएमसी को पुलिस की मदद लेनी पड़ी और तीन दिन पहले निजी कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने के लिए 24 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया.

सफाई कर्मचारियों की इस हड़ताल का समर्थन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने भी किया है. उन्होंने कहा, “कांग्रेस सरकार के दौरान उन्होंने 11 हजार सफाई कर्मियों की भर्ती की थी. भविष्य में फिर से सरकार बनने पर इन तमाम कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा.”