हांसी में होटल के सेप्टिक टैंक में दम घुटने से दो मजदूरों की मौत, मानव अधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट!

 

हरियाणा के हांसी शहर में एक दर्दनाक हादसे में दो मजदूरों की सेप्टिक टैंक में दम घुटने से मौत हो गई. यह हादसा उस समय हुआ जब दोनों मजदूर होटल के सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे थे. हादसे के बाद हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में प्रशासन और पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.

बता दें कि हांसी के एक स्थानीय होटल में शनिवार को यह हादसा हुआ. होटल में बने सेप्टिक टैंक की मोटर खराब हो गई थी. इसकी मरम्मत के लिए दो सफाईकर्मी सोमवीर (गांव गढ़ी) और वीरेंद्र (गांव जमावड़ी) को टैंक में उतारा गया.
पहले सोमवीर नीचे गया और जहरीली गैस के कारण बेहोश हो गया. वीरेंद्र उसे बचाने के लिए नीचे उतरा, लेकिन वह भी बेहोश होकर वहीं गिर पड़ा. दोनों की मौके पर ही मौत हो गई.

परिजनों का आरोप है कि होटल प्रबंधन ने दोनों मजदूरों को किसी भी तरह के सुरक्षा उपकरण, ऑक्सीजन सिलेंडर या मास्क नहीं दिए थे. मजदूरों को बिना सुरक्षा व्यवस्था के सीधे टैंक में उतारा गया, जहाँ अंदर जहरीली गैस भरी हुई थी.

इसको लेकर हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की है. आयोग ने होटल मालिक, हांसी प्रशासन और पुलिस अधीक्षक से पूछा है कि क्या मृतकों के परिवार को मुआवजा दिया गया है? क्या होटल मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है? और क्या स्थानीय निकाय ने सुरक्षा मानकों का पालन किया था या नहीं? आयोग ने कहा है कि मजदूरों को बिना सुरक्षा उपकरणों के ऐसे खतरनाक काम में लगाना मानवाधिकारों का उल्लंघन है.

वहीं स्थानीय प्रशासन ने बताया कि हादसे के बाद होटल मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है. मृतक परिवारों को आर्थिक सहायता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

हरियाणा सहित देश के कई हिस्सों में मैन्युअल सीवर सफाई अब भी जारी है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे प्रतिबंधित किया हुआ है. इसके बावजूद निजी ठेकेदार और होटल मालिक बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के मजदूरों को टैंक में भेज देते हैं. ऐसी घटनाओं से यह साफ है कि सुरक्षा कानूनों का पालन कागजों में ही रह गया है.