CAIT का खुलासा: हर घर तिरंगा से 500 करोड़ रुपये का हुआ व्यापार

 

व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने रविवार को यह खुलासा किया है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए गए हर घर तिरंगा अभियान के कारण इस साल 30 करोड़ से अधिक झंडों की बिक्री हुई है, जिससे 500 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है.

CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भारतिया और सचिव जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने अपने ब्यान में बताया, “हर घर तिरंगा अभियान ने भारतीय उद्यमियों की क्षमता और दक्षता को दर्शाया है, जिन्होंने लोगों के बीच तिरंगे की अभूतपूर्व मांग को पूरा करते हुए, लगभग 20 दिनों के रिकॉर्ड समय में 30 करोड़ से अधिक झंडे का निर्माण किया. पिछले वर्षों में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, तिरंगे की वार्षिक बिक्री लगभग 150-200 करोड़ रुपये तक सीमित थी. हालांकि, हर घर तिरंगा आंदोलन ने बिक्री को कई गुना बढ़ा दिया है.”

CAIT के अनुसार, मांग में वृद्धि तिरंगे अभियान को व्यवसायों के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) का हिस्सा बनाने के सरकार के निर्णय से भी संबंधित है. झंडे की मांग आमतौर पर गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गांधी जयंती (2 अक्टूबर) के आसपास होती थी, लेकिन पिछले दो वर्षों में कोविड के कारण राष्ट्रीय त्योहार आयोजित नहीं किए जाए सके, जिसके कारण बड़े पैमाने पर, दो साल पुराने तिरंगों के स्टॉक को इस वर्ष बेचने का मौका मिल गया.

पिछले महीने, गृह मंत्रालय ने भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में संशोधन को नोट किया, जिसने पॉलिएस्टर या मशीन से बने झंडे के साथ-साथ हाथ से काते और हाथ से बुने हुए या मशीन से बने, कपास, ऊन, रेशम खादी के निर्माण की अनुमति दी. CAIT ने कहा कि संशोधन ने झंडों की आसान उपलब्धता में मदद की और अपने घरों या अन्य स्थानों पर तिरंगा बनाने वाले 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया, स्थानीय दर्जी को बड़े पैमाने पर रोजगार मिला.

पिछले 15 दिनों के दौरान, CAIT और देश भर के विभिन्न व्यापार संघों ने 3,000 से अधिक तिरंगा कार्यक्रम आयोजित किए हैं.

यह अभियान 22 जुलाई को शुरू किया गया था ताकि लोगों को अपने घरों में तीन दिनों के लिए (13 अगस्त से 15 अगस्त के बीच) राष्ट्रीय ध्वज फहराने या प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. यह अभियान भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मार्च 2021 को पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई सरकार की ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पहल का हिस्सा है.