किसान आंदोलन की रणनीति का ऐलान, चुनावी राज्यों में भाजपा के खिलाफ चलेगा अभियान

 

चौथे महीने में प्रवेश कर चुके किसान आंदोलन के माहौल को बनाये रखने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने अगले 15 दिनों की रणनीति का ऐलान किया है। मंगलवार को सिंघू बॉर्डर पर आयोजित एक आम बैठक में कई कार्यक्रमों की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया है।

जिन राज्यों में अभी चुनाव होने वाले है, उन राज्यो में संयुक्त किसान मोर्चा भारतीय जनता पार्टी की किसान-विरोधी, गरीब-विरोधी नीतियों को दंडित करने के लिए जनता से अपील करेगा। संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि इस मकसद से इन राज्यों का दौरा करेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

गौरतलब है कि 28 जनवरी के बाद से ही किसान आंदोलन से जुड़े नेता देश के कई राज्यों में किसान महापंचायतों का आयोजन कर रहे हैं। इन पंचायतों में जुट रही भीड़ को नए इलाकों में किसान आंदोलन के उभार के साथ-साथ सियासी संकेत के तौर पर भी देखा जा रहा है।

6 मार्च 2021 को दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन के 100 दिन हो जाएंगे। उस मौके पर किसान आंदोलन के विभिन्न विरोध स्थलों को जोड़ने वाले कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे पर 5 घंटे की नाकाबंदी होगी। यह चक्का जाम सुबह 11 से शाम 4 बजे के तक किया जाएगा। यहां टोल प्लाजा को भी फ्री कराया जाएगा।

शेष भारत में किसान आंदोलन के समर्थन और सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने के लिए घरों और कार्यालयों पर काले झंडे लहराए जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शनकारियों को उस दिन काली पट्टी बांधने का भी आह्वान किया है।

8 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा महिला किसान दिवस के रूप में मनाएगा। देश भर के सभी सयुंक्त किसान मोर्चे के धरना स्थल 8 मार्च को महिलाओ द्वारा संचालित होंगे। इस दिन महिलाएं ही मंच प्रबंधन करेंगी और वक्ता होंगी। संयुक्त किसान मोर्चा ने उस दिन महिला संगठनों को आमंत्रित किया है कि वे किसान आंदोलन के समर्थन में इस तरह के कार्यक्रम करें और देश में महिला किसानों के योगदान को उजागर करें।

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर 15 मार्च 2021 को निजीकरण विरोधी दिवस का समर्थन करते हुए सयुंक्त किसान मोर्चा द्वारा विरोध-प्रदर्शन किए जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा इस दिन को ‘कॉरपोरेट विरोधी’ दिवस के रूप में देखते हुए ट्रेड यूनियनों के इस आह्वान का समर्थन करेगा, और एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा पूरे भारत में एक “MSP दिलाओ अभियान” शुरू करेगा। अभियान के तहत विभिन्न बाजारों में किसानों की फसलों की कीमत की वास्तविकता को दिखाया जाएगा, जो मोदी सरकार के झूठे दावों और वादों को उजागर करेगा। यह अभियान दक्षिण भारतीय राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में शुरू किया जाएगा। पूरे देश में किसानों भी इस अभियान में शामिल किये जाएंगे।