“हिन्दू राष्ट्र बनाकर रहेंगे” के नारे लगाते हुए भीड़ ने किया डीयू के छात्रों पर हमला

 

1 दिसम्बर को दिल्ली विश्वविद्यालय के पास पटेल चेस्ट पर विभिन्न वामपंथी संगठनों के सदस्यों पर एक भीड़ ने उस समय हमला कर दिया जब यह सब बैठकर गीत गा रहे थे। इस हमले में कुछ को गंभीर चोटें आई हैं। हमलावरों की संख्या लगभग 50 थी, जिनमें 8-10 लड़कियां भी शामिल थी। सभी के हाथों में मोटे डंडे थे। पीड़ित छात्र छात्राओं ने ABVP के रोहित शर्मा, रोहित डेढ़ा, राजीव राठौर की पहचान भीड़ में से की है।

मुद्दा राजनीतिक कैदियों से जुड़ा हुआ है। CASR (Campaign Against State Repression) के नाम से विभिन्न संगठनों ने एक अभियान शुरू किया हुआ है। इस अभियान की तरफ से प्रोफ़ेसर जी एन साईबाबा और अन्य राजनीतिक कैदियों की रिहाई को लेकर एक कार्यक्रम रखा गया है। होने वाले प्रोग्राम के लिए पिछले कई दिनों से कैंपेन चल रहा है। यह कार्यक्रम आगामी 5 दिसंबर 2022 को दिल्ली में ही होना है। इस कार्यक्रम में वक्ताओं के तौर पर राज्यसभा सदस्य मनोज झा, प्रतिष्ठित वकील प्रशांत भूषण, दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सरोज गिरी, प्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका मीना कांदासामी और भाकपा के महासचिव डी राजा होंगे। इनके अलावा भी बहुत सारे बुद्धीजीवी, किसान, मजदूर, छात्र और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। CASR ऐसा अभियान है जिसमें दिल्ली और देश भर के बहुत सारे जन संगठन और छात्र संगठन शामिल हैं। यह फ्रंट राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग और राजकीय दमन के खिलाफ संघर्ष के लिए बना है।

भगत सिंह छात्र एकता मंच की सदस्या संगीता ने बताया, “हमला करने वालो ने आम आदमी पार्टी के झंडे से मुंह ढक रखा था। उन्होंने पहले साथियों पर अंडे, टमाटर और यहां तक कि गोबर फेंकना शुरू कर दिया। उसके बाद लाठियों से हमला किया। उन गुंडों में एक लड़की ने साथी बादल के सर पर ईंट मारकर सर फोड़ दिया। साथी,एत्माम को जो कि LAA (Lawyers Against Atrocities) से हैं उनके कान पर डंडे से हमला किया जिससे उनका कान कट गया है। साथी अरहान के गाल पर डंडा मारा है, एक साथी के पेट में डंडा लगी है और अंदरूनी चोटें आई हैं। लगभग सभी साथियों को बहुत गंभीर चोटें आई हैं।”

अभियान की सक्रिय सदस्या राजवीर कौर ने बताया, “ABVP के गुंडों हमले के दौरान हिंदू राष्ट्र बनकर रहेगा, तुम लोग आतंकवादी हो, गद्दार हो के नारे लगा रहे थे। वो बार बार प्रोफेसर जी एन साईंबाबा को नक्सली और माओवादी बता रहे थे। हम पिछले तीन दिनों से पांच दिसम्बर के कार्यक्रम का प्रचार दिल्ली के अलग अलग शिक्षण संस्थानों में कर रहे हैं। इन्होंने इससे पहले भी अभियान के पर्चे फाड़े हैं। “

इस दौरान मजदूर अधिकार संगठन के अध्यक्ष शिवकुमार पर भी जानलेवा हमला हुआ जिसमें उनको गंभीर चोट लगी हैं, एक दूसरे कार्यकर्ता बादल को सिर पर गंभीर चोट लग गई है।

राजवीर ने बताया, “यह हमला मौरिस नगर पुलिस थाने के ठीक सामने किया गया है। इससे साफ समझा जा सकता कि गुंडों को पुलिस प्रशासन मौन सहमति दे रहा था और दिल्ली पुलिस, सत्ता पक्ष और ABVP के गुंडों की मिलीभगत से यह हमला किया गया है ताकि राजनीतिक बंदियों के खिलाफ़ भी छात्र-छात्राएं आवाज़ न उठा सकें। लेक़िन भगतसिंह के वारिस ऐसी गीदड़ भभकी से डरने वाले नहीं है।”

यह खबर जिस समय लिखा जा रहा है ठीक इसी समय दिल्ली यूनिवर्सिटी की आर्ट फैकल्टी में यूनिवर्सिटी के छात्र छात्राएं इस गुण्डागर्दी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।