लोकसभा में पेश नहीं हुआ मनरेगा को बदलने वाला विधेयक, विपक्ष के विरोध के बीच सरकार ने कदम पीछे खींचे!
केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) की जगह लाने के लिए तैयार किया गया नया विधेयक फिलहाल लोकसभा में पेश नहीं किया गया. शीतकालीन सत्र के दौरान इस विधेयक को सूचीबद्ध तो किया गया था, लेकिन तीखे राजनीतिक विरोध के चलते सरकार ने इसे सदन में पेश करने से फिलहाल परहेज किया.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025’ का मसौदा तैयार किया है, जिसके जरिए मौजूदा मनरेगा कानून को निरस्त करने का प्रस्ताव है. इस नए विधेयक में ग्रामीण रोजगार योजना की संरचना और नाम दोनों बदलने की बात कही गई है.
विधेयक की जानकारी सामने आने के बाद कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इसका कड़ा विरोध किया. विपक्ष का आरोप है कि सरकार मनरेगा जैसे अधिकार-आधारित कानून को कमजोर करना चाहती है और महात्मा गांधी का नाम हटाना राजनीतिक मंशा को दर्शाता है.
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं बल्कि ग्रामीण गरीबों के लिए काम का कानूनी अधिकार है, और इसे खत्म करना या कमजोर करना लाखों परिवारों की आजीविका पर असर डालेगा.
कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और श्रमिक संगठनों ने भी प्रस्तावित विधेयक को लेकर चिंता जताई है. उनका कहना है कि नए ढांचे में रोजगार की मांग-आधारित गारंटी कमजोर हो सकती है और राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ाया जा सकता है.
सरकार की ओर से अब तक इस मुद्दे पर कोई विस्तृत आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि संसदीय कार्य सूची में नाम होने के बावजूद विधेयक का पेश न किया जाना यह संकेत देता है कि सरकार फिलहाल राजनीतिक सहमति बनाने की कोशिश कर रही है.
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार भविष्य में इस विधेयक को संशोधन के साथ दोबारा लाने की कोशिश कर सकती है. फिलहाल, मनरेगा कानून यथावत बना हुआ है और उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.
Top Videos

टमाटर बिक रहा कौड़ियों के दाम, किसानों को 2-5 रुपये का रेट!

किसानों ने 27 राज्यों में निकाला ट्रैक्टर मार्च, अपनी लंबित माँगों के लिए ग़ुस्से में दिखे किसान
उत्तर प्रदेश के नोएडा के किसानों को शहरीकरण और विकास क्यों चुभ रहा है

Gig Economy के चंगुल में फंसे Gig Workers के हालात क्या बयां करते हैं?
