हिसार में भीम आर्मी और पुलिस का टकराव, 25 घायल
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हरियाणा के हिसार जिले में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं पर 21 सितंबर की शाम को हिसार पुलिस ने मिनी सचिवालय घेरने के चलते लाठीचार्ज कर दिया. लाठीचार्ज से गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर पुलिस कर्मियों पर पथराव किया, जिसमें भीम आर्मी के करीब 20 कार्यकर्ता और कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए. घायल पुलिसकर्मियों को यहां सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि घायल प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने तीतर-बीतर कर दिया.
डीएसपी नारायण चंद ने अपने एक ब्यान में कहा कि प्रदर्शनकारियों ने मिनी सचिवालय में जबरन घुसने की कोशिश की और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया.
पुलिस अफसरों के ब्यान के उल्ट भीम आर्मी के जिला प्रवक्ता संत लाल अंबेडकर का कहना है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, जिससे उनके 20-25 कार्यकर्ता घायल हो गए. उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्व पथराव में शामिल हैं. उन्होंने पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की.
यह घटना उस समय की है जब बिजली मंत्री रंजीत सिंह मिनी सचिवालय में बैठक कर रहे थे. उस समय लगभग 100 प्रदर्शनकारियों ने कापड़ो गांव में मृत पाए गए व्यक्ति की हत्या का मामला दर्ज करने की मांग को लेकर सिविल अस्पताल से मिनी सचिवालय तक विरोध मार्च निकाला. अनुसूचित जाति समुदाय से ताल्लुक रखने वाला विक्रम करीब 14 दिन पहले कापड़ो गांव के पास मृत पाया गया था.
प्रदर्शनकारियों ने उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई और शहर में मार्च निकाला. जब वे मिनी सचिवालय के पास पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया. डीएसपी नारायण चंद ने पत्रकारों को बताया, “पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को 10 मिनट इंतजार करने को कहा था ताकि एक प्रशासनिक अधिकारी वहां आकर ज्ञापन स्वीकार कर सके और उनसे बातचीत कर सके. हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने मिनी सचिवालय में जबरन घुसने की कोशिश की और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. घटना में करीब 10-15 पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं.”
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह एक पूर्व नियोजित हमला था क्योंकि प्रदर्शनकारी अपने साथ पत्थर और कांच की बोतलें ले जा रहे थे.
इस प्रदर्शन में शामिल रहे साहिल ने बताया, “हम लोग डीसी साहब को बस ज्ञापन सौपंना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने हमें मिनी सचिवालय तक भी नहीं पहुंचने दिया और पहले ही रोक लिया. जब हमने ज्ञापन की बात की तो पुलिस ने हमारे ऊपर लाठीचार्ज कर दिया और हमें जातिसूचक गालियां देते हुए हमारी पिटाई की. हमारे साथी सरकारी अस्पताल जाना चाहते थे ताकि मेडिकल करवाया जा सके, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. हमारी मांग है कि गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों को रिहा किया जाए.”
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