एयर क्वालिटी ट्रैकर: अंबाला-नंदेसरी सहित देश के पांच शहरों में खराब रही हवा, जानिए अन्य शहरों का हाल

 

यदि दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो यहां की वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में है। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 113 दर्ज किया गया है। पिछले दिनों बारिश होने के कारण यहां की हवा की गुणवत्ता में सुधार हो गया था। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स 131, गाजियाबाद में 112, गुरुग्राम में 103, नोएडा में 111 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 63 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है। जबकि कोलकाता में यह इंडेक्स 57, चेन्नई में 61, बैंगलोर में 46, हैदराबाद में 60, जयपुर में 105 और पटना में 86 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 38 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी ‘बेहतर’ रहा, उनमें आगरा 46, आइजोल 24, अमरावती 38, बागलकोट 43, बेंगलुरु 46, बेतिया 42, ब्रजराजनगर 49, चामराजनगर 37, चिकबलपुर 41, चिक्कामगलुरु 31, कोयंबटूर 32, दमोह 30, दावनगेरे 26, एर्नाकुलम 49, गडग 40, गांधीनगर 46, गंगटोक 20, गुवाहाटी 43, हसन 25, झांसी 48, कानपुर 46, मदिकेरी 22, मैहर 29, मंडीखेड़ा 34, मैसूर 45, नारनौल 48, पंचकुला 36, पानीपत 46, पुदुचेरी 40, राजमहेंद्रवरम 35, सासाराम 49, शिलांग 22, शिवमोगा 42, श्रीनगर 38, तिरुवनंतपुरम 36, थूथुकुडी 38, तिरुपति 41 और वाराणसी 36 आदि शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अलवर, अमृतसर, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागपत, बल्लभगढ़, बरेली, बठिंडा, बेगूसराय, बेलगाम, भागलपुर, भिवानी, भोपाल, बिहारशरीफ, बिलासपुर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, देवास, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड़, हावेरी, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जींद, कैथल, कल्याण, कन्नूर, करनाल, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोटा, कोझिकोड, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मंडीदीप, मानेसर, मैंगलोर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, रायचुर, राजगीर, रतलाम, रूपनगर, सागर, सतना, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरसा, सोलापुर, सोनीपत, तालचेर, ठाणे, उज्जैन, वातवा, विशाखापत्तनम और वृंदावन आदि 92 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

साभार: डाउन टू अर्थ