पंजाब विधानसभा ने ‘जी राम जी कानून’ के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया!

 

पंजाब विधानसभा ने केंद्र सरकार के कथित ‘ वीबी- जी राम जी कानून’ के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है. विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया. सरकार और विपक्षी दलों ने इसे गरीबों, दलितों और ग्रामीण मजदूरों के हितों के खिलाफ बताया.

प्रस्ताव में कहा गया कि नया कानून मनरेगा जैसे अधिकार आधारित रोजगार कानून की भावना को कमजोर करता है. विधायकों का कहना है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी खत्म होने का खतरा है और राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी पड़ेगा.

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और सत्ता दल के नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बिना राज्यों से पर्याप्त चर्चा किए ऐसे कानून लागू कर रही है, जो संघीय ढांचे के खिलाफ है. उन्होंने केंद्र से इस कानून को वापस लेने और मनरेगा को पहले की तरह लागू रखने की मांग की.

विपक्षी दलों ने भी प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि यह कानून गरीबों के हक पर हमला है और इससे लाखों ग्रामीण परिवार प्रभावित होंगे. हालांकि, भाजपा ने इस प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि राज्य सरकार जनता को गुमराह कर रही है. भाजपा नेताओं का दावा है कि नया कानून रोजगार और आजीविका के नए अवसर पैदा करेगा.

पंजाब इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला पहला राज्य है. विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव को अब केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.