अब श्रमिकों से 8 की जगह 12 घंटे काम ले सकेंगी कंपनियां, मोदी सरकार का नया श्रमिक कानून!
भारत में श्रम कानूनों में एक बड़े और ऐतिहासिक बदलाव की घोषणा की. इस सुधार के तहत 29 पुराने श्रम कानूनों को सिर्फ 4 कोड में समाहित कर दिया गया है. सरकार का दावा है कि यह कदम देश के सभी श्रमिकों — चाहे वे अनौपचारिक क्षेत्र, गिग वर्कर्स, प्रवासी मजदूर या महिलाएं हों — के लिए बेहतर वेतन, सामाजिक सुरक्षा और सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित करेगा. नए कानून के तहत फैक्टरी और उद्योगों में काम के घंटे 9 से बढ़ाकर 12 कर दिए गए हैं, जबकि दुकानों और प्रतिष्ठानों में यह समय 9 से 10 घंटे किया गया है.
नए श्रम कोड के तहत गिग और फ्रीलांस श्रमिकों को यूनिवर्सल सामाजिक सुरक्षा मिलेगी. इसके अलावा, सभी कर्मचारियों को अनिवार्य नियुक्ति पत्र, न्यूनतम मजदूरी और समय पर भुगतान जैसे अधिकार सुनिश्चित किए जाएंगे.
सुधारों में कंपनियों को अपने कर्मचारियों की छंटनी के नियम अपने हिसाब से लागू करने की अनुमति भी दी गई है. इससे पहले 100 या अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों को छंटनी के लिए सरकारी अनुमति लेनी पड़ती थी, अब यह सीमा 300 कर्मचारियों तक बढ़ा दी गई है. मजदूर संगठनों ने इसे लेकर चिंताएं जताई हैं, लेकिन सरकार का कहना है कि यह नियम रोजगार सृजन और उद्योगों की लचीलापन बनाए रखने के लिए जरूरी है.
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